बात है 21 अप्रैल 2023 की. पश्चिम बंगाल का पेट्रापोल लैंड पोर्ट, जो बांग्लादेश के साथ भारत का सबसे व्यस्त लैंड क्रॉसिंग है. कपास के सूत से भरा एक ट्रक धड़धड़ाता हुआ सीमा पार कर गया. उसे तमिलनाडु की महिला ड्राइवर अन्नपूर्णी राजकुमार चला रही थीं. खास बात सिर्फ यह नहीं थी कि एक महिला भारी मालवाहक गाड़ी अंतरराष्ट्रीय सीमा के पार ले गई, बल्कि यह भी कि उसने गजब की रफ्तार से काम को अंजाम दिया. राजकुमार बांग्लादेश में माल उतारकर कुछ ही घंटों में लौट आईं—इतने कम समय में काम पूरा कर देना किसी ने नहीं सुना था.
इसका श्रेय दरअसल सुविधा पोर्टल को जाता है, जो बंगाल सरकार की तरफ से भारतीय भूमि बंदरगाह प्राधिकरण (एलपीएआई) और सीमा सुरक्षा बल के साथ मिलकर शुरू की गई डिजिटल वाहन सुविधा प्रणाली है. पोर्टल ने बंगाल के छह अंतरराष्ट्रीय चेक पोस्ट (आईसीपी) पर व्यापार की नई इबारतें गढ़ी हैं. ये छह आईपीसी हैं—नॉर्थ 24 परगना में पेट्रापोल और घोजाडांग, मालदा में महादीपुर, दक्षिण दिनाजपुर में हिली, कूचबिहार में चांगराबंधा और जलपाईगुड़ी में फुलबारी.
सुविधा पोर्टल के आने से पहले निर्यातकों को अंतहीन देरी झेलनी पड़ती थी. ट्रक सीमा पर 40 से 70 दिन तक खड़े रहते थे. सड़ने के जोखिम से घिरे माल की खेप के लिए निर्यातकों को पोर्ट के बाहर खड़े रहने की लागत अक्सर 1 लाख रुपए तक चुकानी पड़ती थी. कतार से बचने के लिए दलालों और बिचौलियों को अंधाधुंध रकम देनी पड़ती थी, सो अलग.
पोर्टल की बदौलत इंतजार का समय घटकर एक-दो दिन रह गया है. निर्यातक 3,000 रुपए से 15,000 रुपए के बीच शुल्क चुकाकर पोर्टल के जरिए स्लॉट बुक कर सकते हैं. पेट्रापोल लैंड पोर्ट के मैनेजर कमलेश सैनी कहते हैं, "सुविधा पोर्टल से परेशानियां खत्म हो गई हैं. इससे महिला ड्राइवर भी यात्रा पर निकल सकती हैं."
स्वचालित नंबर प्लेट पहचान कैमरे वाहनों के नंबर स्कैन करते हैं और वाहन डेटाबेस से ब्योरे निकाल लेते हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, पेट्रापोल पर औसत निर्यात रिलीज समय 2022 में 60 घंटे से घटकर 2023 में महज 14 घंटे रह गया. बनगांव की एक्सपोर्ट इंपोर्ट एसोसिएशन के सचिव प्रदीप डे कहते हैं, "हमारी लागत में काफी कमी आई और अब सब कुछ व्यवस्थित है."
सुविधा की कामयाबी 1989 बैच के दो आईपीएस अफसरों—पश्चिम बंगाल में आईटी के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी राजीव कुमार और एलपीएआई के चेयरमैन आदित्य मिश्र—के सहकार का नतीजा है. राजीव कुमार ने यातायात के मौजूदा पुलिस महानिरीक्षक सुकेश कुमार जैन को परियोजना के प्रमुख का दायित्व सौंपा. जैन इंडिया टुडे को बताते हैं, "मुख्य ध्यान निर्यात को अधिकतम बढ़ाने और निर्यातकों को गलत तौर-तरीकों से बचाने पर था. इसमें हम कामयाब रहे."
सुविधा की कामयाबी से प्रेरित होकर ऐसी ही दूसरी पहलकदमियां शुरू हुईं. इनमें त्रिपुरा के अगरतला में एलपीएआई का लैंड पोर्ट मैनेजमेंट सिस्टम (एलएमपीएस) भी है. मिश्र कहते हैं, "त्रिपुरा में हमने एलएमपीएस लॉन्च किया है और दूसरे लैंड पोर्ट में भी करेंगे." एलपीएआई फिलहाल देश में 15 आईसीपी की साज-संभाल करता है.
पेट्रापोल में हाल में शुरू यात्री सुविधा पोर्टल पर यात्री स्लॉट बुक कर सकते हैं, जिससे लंबी कतारें खत्म हो गईं. ई-गवर्नेंस 2023 के 26वें राष्ट्रीय पुरस्कारों में सुविधा ने स्वर्ण जीता. सीमा-पार व्यापार पर परिवर्तनकारी प्रभाव के लिए विश्व बैंक ने इसकी प्रशंसा की. सुविधा दिखाती है कि दोस्तों की थोड़ी-सी मदद से टेक्नोलॉजी व्यापार में क्रांतिकारी बदलाव ला सकती है.
सुविधा पोर्टल का असर
> सुविधा पोर्टल ने पेट्रापोल और बांग्लादेश के साथ दूसरी सरहदों पर सीमा-पार व्यापार का बदल दिया नक्शा
> प्रति ट्रांजैक्शन लागत 70,000 रुपए से घटकर 3,000-15,000 रुपए के बीच; इंतजार का समय 40-70 दिनों से घटकर महज एक-दो दिन रह गया
> राज्य सरकार ने कर राजस्व के रूप में करीब 600 करोड़ रुपए कमाए
- अर्कमय दत्ता मजूमदार