मुफ्तीपुर, गोरखपुर
वार्ड के 1,650 घरों के अलावा 17 मस्जिदों और 26 मंदिरों को रोज सैनिटाइज करते हैं पार्षद इस्लाम. अपने जेब से पैसे लगाकर.
मजहब जीवन रक्षा
उत्तर प्रदेश में सरकार ने 8 जून से धार्मिक स्थलों को सोशल डिस्टेंसिंग के साथ खोलने का निर्णय किया तो गोरखपुर के जियाउल इस्लाम दो दिन पहले से ही उन्हें सैनिटाइज करने में जुट गए. पिछले चार दिन से वे शहर के मुफ्तीपुर वार्ड की 17 मस्जिदों और 26 मंदिरों को खुद सैनिटाइज कर रहे हैं.
कोरोना महामारी के चलते उठी वक्त की पुकार को सुनते हुए वे वार्ड के 1,650 घरों को सुबह से शाम तक सैनेटाइज कर ही रहे थे.
25 मार्च को लॉकडाउन का ऐलान होने पर पूर्वी उत्तर प्रदेश के इस सबसे बड़े शहर में हर जगह सोडियम हाइपोक्लोराइड के घोल से सैनिटाइजेशन की मांग उठने लगी. पर नगर निगम के पास उस वक्त इसके लिए संसाधन थे नहीं. पिछले 20 साल से मुफ्तीपुर वार्ड से पार्षद इस्लाम इसी मौके पर सामने आए. उन्होंने एक तिपहिया ठेला-रिक्शे पर 500 लीटर की टंकी रखी.
उसमें आधे हॉर्स पावर का मोटर फिट किया, होंडा का दो किलोवाट का मोटर लगाया. इससे दस-दस मीटर की दो ट्यूब जोड़ी और ट्यूब के अंतिम सिरे पर हैंडवाशर लगाया. मशीन तैयार. घोल का इंतजाम नगर निगम से हो गया. 28 मार्च से इस्लाम ने दो सहयोगियों को लेकर वार्ड के एक-एक घर को सैनिटाइज करना शुरू किया.
रोज 300 रुपए का पेट्रोल जेब से खर्च करते. रमजान में भी उनका अभियान जारी रहा. ईद के बाद उन्होंने निगम से हैंड मशीन ली. इसके बाद वे बाहर से आए लोगों के घरों और वार्ड में बने क्वारंटीन सेंटर में जाकर उसे सैनिटाइज करने लगे.