कुछ हफ्ते पहले मेरे पास एक पूर्व छात्र का फोन आया, जिसने हाल ही में अमेरिका से गणित में पीएचडी पूरी की थी. वह बहुत खुश लग रहा था. उसे टेक्सास में ह्यूस्टन के मशहूर एम.डी. एंडरसन कैंसर सेंटर में रिसर्च साइंटिस्ट की पहली नौकरी मिल गई थी. इसमें कोई अजूबी बात नहीं है. इसी तरह दो साल पहले एक और पूर्व छात्र ने मुझे खुश होकर फोन किया था, जब उसे गणित में पीएचडी करने के बाद प्रतिष्ठित जॉन हापकिंस यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन में पहली नौकरी मिली थी. मैं यह महसूस करने लगा हूं कि दुनिया अब उन युवा प्रतिभाओं का स्वागत करने लगी है, जिनके पास गणित के विषय में कोई अच्छी योग्यता है.
इसी तरह गणित में पीएचडी कर चुका एक अन्य युवा लंदन की एक वित्तीय कंपनी में अच्छी नौकरी कर रहा है. उसी से मिलती-जुलती पृष्ठभूमि वाले दो और छात्र मुंबई में एक बड़ी बहुराष्ट्रीय डेटा एनालिटिक्स कंपनी में अच्छा काम कर रहे हैं. दिल्ली में मेरे कॉलेज के दिनों के एक मित्र, जिसने गणित में डिग्री ली थी, इस समय विश्व की एक अत्यंत प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी में डिस्टंग्युश्ड प्रोफेसर ऑफ इकोनॉमिक्स हैं.
इन सभी के बीच एक अजीब समानता यह है कि इनमें से कइयों को इंजीनियरिंग की कंपनियों में आकर्षक नौकरियों का प्रस्ताव भी मिला था और ये सभी अच्छी तरह जानते थे कि उन्हें शिक्षा के क्षेत्र में भी नौकरियां मिल सकती थीं. बहरहाल, सफलता पाने के लिए गणित में पीएचडी होना जरूरी नहीं है. मैं जो बात कहना चाहता हूं, वह यह है कि गणित में बुनियादी ट्रेनिंग भी आपको बड़ी सफलता दिला सकती है. इस बात की जांच-परख करने के लिए मैंने तीन साल के उन छात्रों की जानकारी हासिल की, जो दिल्ली के एक खास कॉलेज से कैट (सीएटी) की परीक्षा में सफल रहे थे. मैंने पाया कि सबसे ज्यादा संख्या में सफल छात्रों के पास गणित के विषय में अंडरग्रेजुएट डिग्री थी.
एक बड़ी आइटी कंपनी के संस्थापक ने एक बार मुझे बताया था कि जिन छात्रों के पास गणित के विषय में कम से कम अंडरग्रेजुएट डिग्री थी और जिन्होंने कोडिंग में ट्रेनिंग ले रखी थी, उन्होंने उनकी कंपनी में और दूसरी जगहों पर इंजीनियरिंग के छात्रों के मुकाबले कहीं अच्छी सफलता हासिल की थी. कई बार सर्वश्रेष्ठ कोडिंग सिस्टमों का आविष्कार गणित के बुनियादी सिद्धांतों के इस्तेमाल से ही हो जाता है और अच्छी कोडिंग व उनकी खोज करने वाले—जैसे कि आरएसए ऐलगोरिद्म के लिए—नौकरी के मामले में जबरदस्त सफलता हासिल कर लेते हैं. आज दुनिया में सबसे अच्छी जगहों पर बैठे क्रिएटिव इंजीनियर या मेडिकल रिसर्चर गणित के ही छात्र रहे हैं, जो कोडिंग में महारत रखते हैं. गणित की बुनियादी जानकारी भी बड़े काम की होती है और आज की दुनिया में लगातार उसका महत्व बढ़ता जा रहा है.
अब सवाल है कि आखिर गणित किस तरह फायदेमंद साबित होता है. इसके कई कारण हैं. पहला, गणित आदमी के लगभग सभी क्षेत्रों और गतिविधियों में काम आता है और यह प्रकृति में समाहित है. इसलिए जो लोग गणित में योग्यता रखते हैं, वे चीजों को समझने में इसका इस्तेमाल किसी लेंस की तरह करते हैं और इसे उपयोगी बना देते हैं. इसके अलावा गणित का अध्ययन लोगों को तार्किक बनाता है और वे डेटा का विश्लेषण बहुत कुशलता से कर लेते हैं. जाहिर है, कोडिंग में इसका पूरा फायदा मिलता है. ये बहुत उपयोगी योग्यताएं हैं.
मैं यहां यह भी बताना चाहूंगा कि गणित व्यावहारिक दुनिया में भी बहुत काम की चीज है. मैंने किसी एक साल में उनकी कमाई पर नजर डालते हुए एक बड़ी भारतीय आइटी कंपनी और गूगल का तुलनात्मक अध्ययन किया. हालांकि भारतीय आइटी कंपनी गूगल के मुकाबले कहीं ज्यादा पुरानी थी और उसमें कहीं ज्यादा कर्मचारी थे, लेकिन पूरे साल की उसकी कमाई गूगल की सिर्फ एक तिमाही की कमाई से भी कम थी. इसका कारण यह है कि गूगल को गणितीय आइडिया की ताकत हासिल है, जो स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के छात्रों की देन है, जबकि भारतीय आइटी कंपनी के साथ ऐसा नहीं है. यह फर्क समझना बहुत जरूरी है. इसलिए गणित आपको जिंदगी में बड़ी सफलता दिला सकता है. आज जब नई खोज और नवाचार पर जोर है तो गणित सबसे काम का है.
लेखक दिनेश सिंह दिल्ली यूनिवर्सिटी के पूर्व वाइस-चांसलर और ह्यूस्टन यूनिवर्सिटी में गणित के अनुबंधित प्रोफेसर हैं
गणित की पढ़ाई दिला सकती है बड़ी कामयाबी
गणित आदमी की हर गतिविधि और हर क्षेत्र से जुड़ा है इसलिए जो गणित में पारंगत हैं, वे इसका इस्तेमाल सब कुछ बेहतर देखने के लिए लेंस की तरह करते हैं.

अपडेटेड 25 मई , 2016
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