अभी इसी 15 दिसंबर की बात है. ओडिशा के कटक जिले के औद्योगिक इलाके जगतपुर के टांगी थाना क्षेत्र के सातवाटिया गांव में दिल्ली पुलिस के तीन अधिकारियों और स्थानीय पुलिस के सशस्त्र जवानों ने आधी रात को एक घर में दबिश दी. यह घर मोहम्मद अब्दुल रहमान कटकी नाम के एक मौलवी का था, जो कथित तौर पर आतंकी संगठन अल कायदा के लिए काम करता था. कटकी के बाराबती स्टेडियम के सामने स्थित गैर पंजीकृत मदरसे को भी बंद करा दिया गया. पटियाला कोर्ट से पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया रहमान भारतीय उपमहादीप में ओसामा बिन लादेन के संगठन, अल जवाहिरी के नेतृत्व वाले अल कायदा की जड़ें मजबूत कर रहा था.
रहमान की गिरफ्तारी के साथ ही यह साफ हो गया कि आतंकवादी ओडिशा को सुरक्षित पनाहगाह बनाने का इरादे कर चुके हैं. एनआइए को इसका अंदेशा पहले ही हो चुका था जब 12 नवंबर को पुरी रेलवे स्टेशन पर खड़ी तीन ट्रेनों में एक के बाद एक आग लग गई थी. ट्रेनों में आगजनी की घटना को भी आतंकी घटना के नजरिए से देखते हुए एनआइए का 11 सदस्यीय दल मामले की जांच में जुट गया था.
इस मामले में एनआइए भुवनेश्वर के झारपाड़ा जेल में बंद सुभाष रामचंद्रन से पूछताछ कर रही है. बालेश्वर जिले के चांदीपुर में एक फोटोग्राफर ईश्वर बेहरा को भी इस मामले में गिरफ्तार किया गया है. रहमान की गिरफ्तारी के बाद ओडिशा के श्रीजगन्नाथ मंदिर, लिंगराज मंदिर, कोणार्क, बाराबती स्टेडियम और बीजू पटनायक इंटरनेशनल एयरपोर्ट की सुरक्षा कड़ी कर दी गई है. समुद्री सीमा सुरक्षा के लिए लोकसभा में चर्चा के बाद केंद्र सरकार ने सुरक्षा बढ़ाने का भरोसा दिया है.
भुवनेश्वर के पुलिस कमिशनर आर.पी. शर्मा कहते हैं, ''रहमान की गिरफ्तारी से अल कायदा जैसे आतंकी संगठनों के भारत में नेटवर्क से इनकार नहीं किया जा सकता. पूछताछ में जो सुराग हाथ लगे हैं उनके आधार पर बड़ा खुलासा हो सकता है. पुलिस टीमें झारखंड, दिल्ली और नवरंगपुर भेजी गई हैं. भुवनेश्वर के लिंगराज मंदिर, बारावती स्टेडियम सहित भीड़भाड़ वाले इलाकों में पुख्ता सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं.''
रहमान दक्षिण ओडिशा के नवरंगपुर जिले के पापराहांडी ब्लाक में स्थित मदरसे में भी तकरीर के लिए जाता था. यहां उत्तर प्रदेश से कुछ कथित मौलाना भी पहुंचते थे. खुफिया सूत्र बताते हैं कि रहमान मदरसे के माध्यम से जेहाद के नाम पर अल कायदा (भारतीय उपमहाद्वीप) में युवकों की भर्ती करता था. बीती 14 दिसंबर को दिल्ली से 41 वर्षीय सैयद मोहम्मद आसिफ को और 17 दिसंबर को उत्तर प्रदेश के संभल से जफर मसूद को गिरफ्तार किया गया था, इन्हीं की सूचना के आधार पर रहमान के मदरसे पर छापा मारा गया था. मसूद आतंकी नेटवर्क के संचालन के लिए पैसे जुटाता था. आतंकियों से पूछताछ में पुलिस को आसिम उमर उर्फ सनाउल्लाह के बारे में पता चला है जो भारतीय उपमहाद्वीप में अल कायदा का काम संभालता है. रहमान, आसिफ को और आसिफ सनाउल्लाह को रिपोर्ट करता था. इस तरह पुलिस को आतंकी नेटवर्क की कई कडिय़ां हाथ लग गई हैं लेकिन सनाउल्लाह अभी पुलिस के हाथ नहीं चढ़ा है.
पुलिस सूत्र बताते हैं कि रहमान अपने एक साथी के साथ बीते दिसंबर दिल्ली से होते हुए तेहरान गया था और फिर वहां से आइएस के क्वेटा स्थित अड्डे पहुंच गया था. वहां दोनों ने आतंकी गतिविधियों के लिए नेटवर्क तैयार करने का प्रशिक्षण लिया था. रहमान ने संभवतः पाकिस्तान में भी प्रशिक्षण लिया था. इन आतंकियों के पाकिस्तान, दुबई, सऊदी अरब और लंदन में भी संपर्क होने की जानकारी मिली है.
पुलिस अब रहमान के मदरसे में आने वाले झारखंड, यूपी और बेंगलूरू के छात्रों का पता लगाकर उनके पतों पर छापेमारी कर रही है.
दरअसल नवंबर 2015 में रहमान ने रांची की छतवाल ग्राम पंचायत में भड़काऊ भाषण दिया था, तभी से वह पुलिस और खुफिया विभाग के रडार पर आ गया था. रहमान के भाई मोहम्मद ताहिर को भी आतंकियों से मेलजोल रखने के आरोप में 2001 में गिरफ्तार किया गया था. फिलहाल रहमान के सात बैंकों में मौजूद खातों और पैसों के लेन-देन की जांच की जा रही है. उसके पास से चार सिम भी बरामद हुए हैं.
संवेदनशील हैं मंदिर
ओडिशा में आतंक के नेटवर्क और आतंकियों के खतरनाक इरादों के चलते पुलिस को अंदेशा है कि वे श्रीजगन्नाथ मंदिर को नुक्सान पहुंचाने की साजिश रच सकते हैं. श्रीमंदिर प्रशासन समिति की रिपोर्ट में भी मंदिर की सुरक्षा पर खतरे का अंदेशा जताया गया था जिसके आधार पर प्रशासन ने मंदिर सुरक्षा समिति गठित की और उसमें जिलाधिकारी, श्रीमंदिर समिति के प्रशासक और पुलिस अधीक्षक को रखा गया. कमेटी के कहने पर चार वॉच टॉवर, चारों द्वारों पर मेटल डिटेक्टर, चप्पे चप्पे पर सीसी टीवी कैमरे लगाने समेत सुरक्षा बलों की संख्या भी बढ़ा दी गई है.
पुरी मंदिर की सुरक्षा भी बढ़ा दी है. भुवनेश्वर के लिंगराज मंदिर की सुरक्षा भी पुख्ता कर दी गई है. सुरक्षा के मद्देनजर श्रीमंदिर प्रशासन कमेटी ने पुरी को नो क्रलाई जोन घोषित करने के लिए नागरिक उड्डयन के महानिदेशक को पत्र भी लिखा है. पुलिस को अंदेशा है कि आतंकवादी बाराबती स्टेडियम को भी निशाना बना सकते हैं. ओडिशा क्रिकेट एसोसिएशन के सचिव आशीर्वाद बेहरा के मुताबिक स्टेडियम की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं.
फोटोग्राफर ईश्वर बेहरा की गिरक्रतारी के बाद से देश की रक्षा व्यवस्था के संवेदनशील एरिया चांदीपुर की सुरक्षा पर भी खतरा मंडरा रहा है. बेहरा इंटरिम टेस्ट रेंज का दिहाड़ी फोटोग्राफर था. इसका फायदा उठाकर वह मिसाइल टेस्ट सेंटर चांदीपुर की गोपनीय फोटो बाहर भेज देता था.
समुद्री सीमा पर मंडराता खतरा
इस तथ्य के मद्देनजर कि मुंबई पर हमला करने वाले आतंकी समुद्री रास्ते से देश में घुसे थे, केंद्रपाड़ा से बीजू जनता दल के सांसद बैजयंत पांडा ने 22 दिसंबर को सदन में यह आशंका जाहिर की कि थी कहीं ओडिशा भी इस तरह की किसी आतंकी साजिश का शिकार न बन जाए. उनकी चिंता जायज भी थी. दसअसल ओडिशा में 480 किलोमीटर लंबी समुद्री सीमा है. यह पुरी, औद्योगिक क्षेत्र गोपालपुर, पारादीप और धामरा बंदरगाह, मिसाइल परीक्षण केंद्र चांदीपुर से होकर गुजरती है.
राज्य सरकार ने छह महीने पहले केंद्र को एक रिपोर्ट भेजी थी जिसमें समुद्री इलाके में बेहतर पुलिसिंग के थानों की संख्या बढ़ाने की मांग की गई थी. फिलहाल यहां केवल 18 तटवर्ती थाने हैं और इन सभी की हालत खस्ता है. यहां मोटर बोट नहीं हैं और स्टाफ की भारी कमी है. ओडिशा के पास इंटरसेप्टर बोट यानी अवरोधक नाव तक नहीं है. समुद्री सीमा की सुरक्षा के लिए पांडा ने केंद्र से कम से कम 20 इंटरसेप्टर बोट की मांग की है.
बीते साल जून में आई कैग की रिपोर्ट में भी ओडिशा की समुद्री सीमा की सुरक्षा पर सवालिया निशान लगाए थे.
पांडा के जवाब में गृह राज्यमंत्री किरेन रिजिजू ने राज्य की सुरक्षा व्यवस्था को चाक-चौबंद करने के लिए हर संभव सहायता देने का आश्वासन दिया है. रिजिजू ने कहा है कि ओडिशा में आठ समुद्री तटों पर पुलिस थाने स्थापित किए जाएंगे और कोस्टल सिक्योरिटी स्कीम 2005 के तहत सभी जरूरी और आधुनिकतम संसाधन भी मुहैया करवाए जाएंगे.
ओडिशा की ओर आतंक
ओडिशा से आतंकियों के पकड़े जाने के बाद हुआ खुलासा-इस प्रदेश को भारतीय उपमहाद्वीप में अल कायदा का गढ़ बनाने की थी साजिश. पुरी का जगन्नाथ मंदिर भी आतंकियों के निशाने पर.

अपडेटेड 8 जनवरी , 2016
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