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क्या दुनिया की सबसे बड़ी ऑनलाइन रिटेलर अमेजन को रोक पाएंगे फ्लिपकार्ट के बंसल

ऑनलाइन रिटेल में दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी अमेजन भारत में तेजी से पैर जमा रही है. यहां के पुराने खिलाड़ी फ्लिपकार्ट के साथ उसका सुपरहिट मुकाबला चल रहा है.

अपडेटेड 17 फ़रवरी , 2014
कर्नाटक की राजधानी बंगलुरू में दुनिया की सबसे बड़ी ऑनलाइन रिटेलर अमेजन. इन पर एक ग्राहक के अनुभव से अमेरिका में बैठे कंपनी के सीईओ जेफ बेजोज का पारा चढ़ जाता. देश की टेक राजधानी में एक कम उम्र के पिता ने क्रिसमस के मौके पर अपने बेटे को गिफ्ट ऑर्डर किया था जो समय पर नहीं पहुंचा.

कस्टमर को संतुष्ट करने की बेजोज की जिद के मद्देनजर डिलिवरी का वादा न पूरा करना अमेजन में अपराध माना जाता है. इससे नाराज पिता ने अमेजन इंडिया के बिजनेस हेड अमित अग्रवाल से शिकायत की.

अग्रवाल इंटरनेशनल बिजनेस के प्रभारी डिएगो पिएसेंटिनी को रिपोर्ट करते हैं. अग्रवाल को गड़बड़ी का पता लगाने में वक्त नहीं लगा: खिलौना विदेशी था, अमेजन पर बेचने वाले के पास वह मौजूद नहीं था, उसे खरीदने में वक्त लगा और इसी वजह से शिपमेंट में देरी हो गई.

 2007 से 2009 के दौरान बेजोज के टेक्निकल एडवाइजर या 'शैडो’ रहे अग्रवाल ने हमेशा के लिए इस गलती को सुधार लिया. उन्होंने विक्रेताओं के साथ खरीदारी के समय से संबंधित नया समझौता किया, विक्रताओं को खरीदारी और शिपिंग में लगने वाले समय का सही अंदाजा लगाने के लिए काम किया, ग्राहकों को ऐसी डेडलाइन का वादा करने का फैसला किया जिसे पूरा किया जा सके.

यह कहने में आसान लगता है, लेकिन जब आप हजारों विक्रेताओं और लाखों खरीदारों से डील कर रहे हों, तो यह पेचीदा हो सकता है. अग्रवाल कहते हैं, ''जब आपको समस्या पता चल जाए तो आप उसे दूर कर देते हैं, और फिर वह गड़बड़ी दोबारा नहीं होती.”

 अभी मुनाफा नहीं, ग्राहक चाहिए
अग्रवाल का यह प्रयास अमेजन की भारत में कारोबार को बढ़ाने के प्रति लगन को दर्शाता है. पिछले साल क्रिसमस से कुछ रोज पहले अमेरिका के सिएटल में बेजोज और पिएसेंटिनी भारत में अपने सात महीने पुराने कारोबार के बारे में बात कर रहे थे.

सीईओ भारत में अपने फलते-फूलते कारोबार के बारे में तिमाही समीक्षा कर रहे थे. उन्होंने पिएसेंटिनी को स्पष्ट संदेश दिया: बड़े पैमाने पर निवेश जारी रखो और अमेजन को भारत की सबसे ज्यादा कस्टमर सेंट्रिक कंपनी बनाओ.

बेजोज ने पिछले 19 साल में अमेजन को ऑनलाइन बुक सेलर से दुनिया के सबसे बड़े ऑनलाइन स्टोर में तब्दील कर दिया है. इसका कारोबार आज 180 अरब डॉलर तक पहुंच गया है, जो आयरलैंड की कुल राष्ट्रीय आय से भी ज्यादा है.

यह डायपर से लेकर सेक्स टॉय और इलेक्ट्रॉनिक्स से लेकर ग्रॉसरी तक, सब कुछ बेचता है. इस कंपनी का विकास कारोबार के तीन मूल मुद्दों से प्रेरित है—ऑप्शन, सस्ता और वक्त पर डिलिवरी. ढेर सारे सामान, अपेक्षाकृत कम कीमत और तेज तथा विश्वसनीय डिलिवरी की बदौलत अब तक 21.5 करोड़ ग्राहकों के साथ सौदे कर चुकी है.

इस खेल का किंग कौन?
अमेजन अमेरिका में ग्राहकों को सीधे माल बेचता है, और उसके जरिए दूसरे रिटेलर भी अपने उत्पाद बेच सकते हैं. भारतीय कानून अंतरराष्ट्रीय ऑनलाइन रिटेलरों को मल्टीपल ब्रांड बेचने की इजाजत नहीं देता. अमेजन के पास अपने इस 10वें उपक्रम के लिए बाजार है. अमेजन के लिए भारतीय दांव कई वजहों से बेहद महत्वपूर्ण है.

यहां तीसरे नंबर पर दुनिया में सबसे ज्यादा इंटरनेट इस्तेमाल करने वाले लोग हैं और बड़े पैमाने पर ऑनलाइन रिटेल की संभावना है. पांच खरब डॉलर के रिटेल कारोबार में ऑनलाइन रिटेल का कारोबार करीब एक अरब डॉलर का है. रिटेल कंसल्टेंसी टेक्नोपैक को उम्मीद है कि अगले 10 साल में यह 61 गुना बढ़ जाएगा. यह बेजोज के लिए सपना सच होने जैसा है.

1990 के दशक के शुरू में जब इंटरनेट का इस्तेमाल बढऩे लगा तब वॉल स्ट्रीट में बैंकर बेजोज ने एक रिपोर्ट पढ़ी जिसके मुताबिक, कुछ वर्षों में ई-कॉमर्स 2,300 प्रतिशत बढऩे वाला था. उन्होंने खुद से कहा, ''मैं इसमें अपना हिस्सा चाहता हूं.” वे नौकरी छोड़कर न्यूयॉर्क से सिएटल पहुंच गए और 1994 में अपने गॅराज से अमेजन की शुरुआत की, जिसका तब कैडेबरा नाम था.

लेकिन भारतीय माहौल में थोड़ा अलग है. देश के ऑनलाइन रिटेल उद्योग में पहले से ही एक गुरिल्ला तेजी से बढ़ रहा है: फ्लिपकार्ट सबसे बड़ी घरेलू ई-कॉमर्स कंपनी है, जिसने अमेजन के ही मॉडल को अपनाया है और इसे प्राय: भारत का अमेजन कहा जाता है.

इसे 2007 में अमेजन के पूर्व कर्मचारियों—सचिन बंसल और बिन्नी बंसल (दोनों में कोई रिश्तेदारी नहीं है)—ने शुरू किया था और आज इस कंपनी का भारत में 20 फीसदी ऑनलाइन रिटेल बाजार पर कब्जा है.

लेकिन अमेजन को इसकी परवाह नहीं है. बेजोज और पिएसेंटिनी आइआइटी-कानपुर के 39 वर्षीय ग्रेजुएट अग्रवाल से काफी उम्मीद लगा रही है. बेजोज को इस मुंबई निवासी पर भरोसा है. पिएसेंटिनी कहते हैं, ''आखिर, वे बेजोज के सबसे ज्यादा टेक्नोलॉजी प्रिय तकनीकी सलाहकार थे.”

सलाहकार से मुखिया तक
बंगलुरू स्थित अपने दफ्तर से बाहर अग्रवाल को कोई भी बाउंसर समझ सकता है. जमकर वर्जिश करने वाले अग्रवाल का चेहरा बेजोज के टेक्निकल ऐडवाइजर के तौर पर मिले अनुभव के बारे में बताते समय खिल उठता है.

ऐसे ऐडवाइजर को बेजोज का शैडो बताया जाता है और अमेजन के सीईओ ने अब तक सिर्फ आठ शैडो रखे हैं. चीफ ऑफ स्टाफ की तरह शैडो हमेशा बेजोज के साथ रहता है—उसके साथ सफर करता है, बैठकें करता है, और दिन के आखिर में उसके साथ अगले दिन की योजना की चर्चा करता है.

2008 के शुरू में इसी तरह की एक चर्चा के दौरान अग्रवाल ने भारत का जिक्र किया. उस समय अमेजन चीन में मार्केट के लिए जूझ रहा था और उसे दूसरे देश की तलाश थी. उस वक्त अग्रवाल अमेजन के अंतरराष्ट्रीय विस्तार के प्रमुख थे, जिसमें भारत भी शामिल था.

अमेजन.इन को जून, 2013 में शुरू किया गया, और यह अग्रवाल की प्रतिबद्धता ही है कि इस वेबसाइट पर हर महीने 67.8 लाख नए विजिटर आते हैं. इसके मुकाबले फ्लिपकार्ट  को उससे दोगुना 132.2 लाख और एक अन्य ई-टेलिंग साइट स्नैपडील को 93.5 लाख ट्रैफिक मिलता है.

अमेजन ने पिछले सात महीने में 15 कैटेगरी लॉन्च की है, और उसके पास पहले से ही किताबों, ई-बुक, घडिय़ों, खिलौनों और गेम्स तथा फैशन जूलरी का सबसे बड़ा कैटलॉग है. अग्रवाल अमेरिका की तरह भारत में भी इस कैटेगरी को बढ़ाकर 30 करना चाहते हैं.

अमेजन.इन ने किताबों से शुरुआत की क्योंकि दुनियाभर में अमेजन को सबसे बड़ा बुकसेलर माना जाता है. लोग इंटरनेट पर मीडिया प्लेयर सर्च करते थे, लिहाजा उसने पोर्टेबल मीडिया प्लेयर बेचना शुरू किया, उसके बाद कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स, बेबी प्रोडक्ट्स, खिलौने-गेम्स, घडिय़ों, जूलरी, ब्यूटी प्रोडक्ट्स और किचन के सामान की बारी आई.

आज इसके पास 4,40,000 प्रोडक्ट के अलावा 1.2 करोड़ किताबें और 20 लाख ई-बुक्स हैं. उसके पास 2,300 विक्रेता हैं जबकि फ्लिपकार्ट के पास सिर्फ 1,000 हैं. अग्रवाल कहते हैं, ''मौजूदा कैटेगरी में चयन के लिए ऑप्शन को निरंतर बढ़ाना और नई कैटेगरी जोडऩे का लक्ष्य है.”

सस्ता बेचो, फटाफट पहुंचाओ
अग्रवाल को मालूम था कि अगर अमेजन को झटपट डिलिवरी करनी है तो लॉजिस्टिक्स पर उसका नियंत्रण और गोदाम होना जरूरी है. कंपनी ने कारोबार शुरू करने से पहले मुंबई के बाहरी इलाके में भिवंडी में करीब 3.5 एकड़ में 'फुलफिलमेंट सेंटर’ बना लिया. विक्रेता तय फीस चुकाकर अपना माल इस गोदाम में रखते हैं और वहीं से उसकी पैकेजिंग और डिलिवरी करते हैं.

भारत में अमेजन की हर चार में से तीन डिलिवरी इसी तरह की डिलिवरी सेंटर से होती है. दूसरा इतना ही बड़ा सेंटर इस महीने बंगलुरू में काम शुरू कर देगा, जहां से दह्निण भारत के खरीदारों को समय पर माल पहुंचाया जाएगा.

भारत में अमेजन का ज्यादातर निवेश लॉजिस्टिक्स और पेमेंट में होगा. अमेजन के शुरू करने के समय अमेरिका और यूरोप में पेमेंट का सक्षम इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार हो चुका था, लेकिन भारत में कई सिस्टम हैं—कैश ऑन डिलिवरी, क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड और नेट बैंकिंग. अगली बारी मोबाइल टेक्नोलॉजी की है. पिएसेंटिनी कहते हैं, ''हम मोबाइल इंटरनेट शॉपिंग मुहैया कराने की योजना बना रहे हैं.”

ऑनलाइन रिटेलर कंपनियां भारत में अपना कारोबार बढ़ाने की खातिर अपना माल बेचने के लिए मुनाफे की परवाह नहीं कर रही हैं. कम से कम अमेजन को इसकी परवाह नहीं है. अमेजन ने उपभोक्ताओं को रिझाने के लिए 99 रु. अतिरिक्त लेकर अगले ही दिन डिलिवरी का वादा किया. एक हफ्ते के भीतर फ्लिपकार्ट ने इससे नौ रु. कम में इन-अ-डे डिलिवरी योजना शुरू कर दी. और फिर ईबे.इन ने कुछ प्रोडक्ट की नौ घंटे अंदर डिलिवरी का वादा कर दिया.

फ्लिपकार्ट ने दूसरी बार अमेजन का आइडिया अपनाया है. अमेजन के भारत में लॉन्च से दो महीने पहले अप्रैल, 2013 में अपना मार्केटप्लेस लॉन्च किया. एक दिन में डिलिवरी सर्विस कॉपी करने से पुष्टि हो गई कि जंग छिड़ गई है. फ्लिपकार्ट अपना मैदान कैसे छोड़ सकता है?

कंपनियों के रजिस्ट्रार के मुताबिक, 2008-09 में 5 करोड़ रु. की इस कंपनी का कारोबार 2012-13 में 1,180 करोड़ रु. से अधिक पहुंच गया. अमेजन की तरह दोनों बंसल ने अपना लॉजिस्टिक्स तैयार किया और कैश ऑन डिलिवरी मॉडल को चीन से अपनाया. यह कंपनी 2015 तक 6,000 करोड़ रु. से अधिक का सालाना कारोबार करने का लक्ष्य बना रखा है.

जंग तो अभी शुरू हुई है. फ्लिपकार्ट ने जो काम छह साल में किया अमेजन ने सात महीने में कर लिया है. डिजिटल मार्केटिंग कंपनी पिनस्टॉर्म के चेयरमैन सीडफंड के सह-संस्थापक महेश मूर्ति का कहना है कि ट्रांजैक्शन के लिहाज से यह फ्लिपकार्ट की एक-तिहाई तक पहुंच गया है. ''उन्होंने फ्लिपकार्ट के मुकाबले 10 परसेंट करके यह काम कर लिया है.”

फ्लिपकार्ट हर रोज करीब 1,00,000 प्रोडक्ट बेचता है. बंसल का कहना है कि जब यह आंकड़ा 10 लाख तक पहुंच जाएगा तो कंपनी को अलग तरीका अपनाना होगा. इसके लिए काफी पैसे की जरूरत होगी. फ्लिपकार्ट ने हाल में 36 करोड़ डॉलर की उगाही की, लेकिन मूर्ति का कहना है कि यह रकम कुछ साल में ही खत्म हो जाएगी.

उनका कहना है कि फ्लिपकार्ट उपक्रम पूंजी से बना है और वह हमेशा निवेश करता नहीं रह सकता. दूसरी ओर, अमेजन पर इतना दबाव है कि वह मुनाफे की परवाह किए बगैर निवेश जारी रख सकता है. फ्लिपकार्ट को अपना बिजनेस जारी रखने के लिए इनिशियल पब्लिक ऑफर (आइपीओ) की जरूरत होगी.

दूसरी ओर, अमेजन ने 2012 में 2.25 अरब डॉलर (तब 13,770 करोड़ रु.) कमाया और 3.6 अरब डॉलर अपने बिजनेस में निवेश कर दिया. अगर अमेजन ने अपने ग्लोबल इन्वेस्टमेंट का 10 फीसदी भी भारत में लगाएगा तो यह 3.6 करोड़ डॉलर होगा.

लेकिन अमेजन के एग्जीक्यूटिव निवेश का ब्यौरा देने से इनकार करते हैं. पिएसेंटिनी कहते हैं, ''हम वस्तुत: करोड़ों डॉलर निवेश कर रहे हैं.” अमेजन ने चीन में नौ साल के अपने बिजनेस में यही सीखा है.

चीन में पिटे, भारत से उम्मीद
अमेजन ने चीन में किताब, म्युजिक और वीडियो की सबसे बड़ी ऑनलाइन रिटेलर कंपनी जोयो.कॉम का अधिग्रहण करके 2004 में चीन में कारोबार शुरू किया था. लेकिन अंतत: वह अलीबाबा.कॉम से जंग हार गई, जो चीन की सबसे बड़ी देसी ई-कॉमर्स कंपनी है.

चीन में सर्च, सोशल नेटवॄकग और ई-कॉमर्स के अपने देसी दिग्गज हैं. दूसरी ओर, भारत में अमेरिकी कंपनियों का वर्चस्व है: फेसबुक सबसे बड़ी सोशल नेटवर्किंग साइट है, गुगल सर्च के मामले में लीडर है. अमेजन ई-कॉमर्स का लीडर बनने को बेताब है.

अग्रवाल चीन में की गई गलतियों को दोहराना नहीं चाहते. उन्होंने पहले ही दिन से बड़े पैमाने पर निवेश करने का फैसला कर लिया. यहां किसी कंपनी का अधिग्रहण नहीं. वह चीन में कैश ऑन डिलिवरी से मिले सबक का भी इस्तेमाल कर रहा है.

दूसरे देशों के उलट भारत में एक साल तक विक्रेताओं का रजिस्ट्रेशन मुफ्त किया जा रहा है. भारत में अमेजन सेलर सर्विसेज के डायरेक्टर अमित देशपांडे का कहना है, ''उनके लिए कोई जोखिम या खर्च नहीं है, हम उन्हें काम शुरू करने में मदद कर रहे हैं.”

अमेजन का गोपनीय नुस्खा
अग्रवाल का मानना है कि नया वेंचर शुरू करने की दिशा में पहला कदम प्रेस रिलीज जारी करना है, और यह ग्राहकों से जुडऩे का सबसे बढिय़ा तरीका है. उन्होंने 2011 में जंगली.कॉम शुरू करने के लिए रिलीज जारी की. इस वेबसाइट के जरिए ऑनलाइन और ऑफलाइन विक्रेताओं के बीच तुलना के विकल्प हैं.

जंगली की शुरुआत 220 ऑनलाइन विक्रेताओं से हुई, और इसमें 1,600 ऑनलाइन और 50,000 ऑफलाइन स्टोर शामिल हो गए हैं, और इसके पास तीन करोड़ प्रोडक्ट का कैटलॉग है. अमेजन भारत में अपने ट्रांजैक्शन, राजस्व, टेक्नोलॉजी बैक-एंड, निवेश और बजट के बारे में खास नहीं बताता. अग्रवाल सिर्फ इतना कहते हैं, ''फ्लिपकार्ट के मुकाबले हमारा कवरेज ज्यादा है.”

अमेजन सर्विस डिलिवरी के लिए हर रोज एक नया पिन कोड जोड़ रहा है. यह लॉजिस्टिक्स के लिए दुनिया की सबसे बड़ी पोस्टल सर्विस इंडिया पोस्ट से समझौता कर रहा है. इंडिया पोस्ट 21,000 पिन कोड पर सेवा मुहैया कराती है, जबकि कुरियर कंपनियां 12,000 पिन कोड पर सामान डिलिवरी करती हैं.

इंटरनेट ग्राहकों पर नजर
अग्रवाल को शुरू में ही एहसास हो गया था कि भारत में विस्तृत पता लिखना जरूरी है, इसलिए उन्होंने डिलिवरी पेज के ऐड्रेस फॉर्म में पिन कोड के साथ ही लैंडमार्क लिखना जरूरी बना दिया. खरीदारों का विश्वास जीतने के लिए जहां जरूरी हो वहां ''फुलफिलमेंट बाइ अमेजन” प्रमुखता से लिखा होता है. अमेजन जिन ऑर्डर को पूरा करता है, उसमें कैशन ऑन डिलिवरी का विकल्प रहता है. जिसमें विक्रेता माल पहुंचाते हैं, उसमें यह विकल्प नहीं होता.

देश में 19.8 करोड़ इंटरनेट यूजर हैं और उनमें से ज्यादातर मोबाइल यूजर हैं. प्राइसवाटरहाउस-कूपर्स की डायरेक्टर रचना नाथ का कहना है, ''40 फीसदी ई-कॉमर्स मोबाइल के जरिए होता है. इंडस्ट्री उधर ही जा रही है.”

अमेजन ने एंड्राएड और आइओएस डिवाइसेज के लिए मोबाइल ऐप्स लॉन्च कर दिए हैं. इस साल गर्मी में भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा इंटरनेट मार्केट बनने वाला है. उस बाजार में हिस्सेदारी के लिए अभी से देश में ऑनलाइन रिटेल की जंग तेज हो गई है. 
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