इस शख्स की उम्र 79 वर्ष है. उसकी एक आंख नकली है. डायबिटीज का शिकार है. दिल भी दुरुस्त नहीं है और उसकी एंजियोप्लास्टी हो चुकी है. उसके दिल को चलाते रखने के लिए कुछ साल पहले स्टेंट डाला गया था. आपको लग सकता है कि यह शख्स शायद बिस्तर से उठता भी न हो या फिर बहुत संभलकर कदम रखता हो. लेकिन ऐसा नहीं है. कमजोर पड़ता शरीर भी सेक्स को लेकर इस शख्स की लोलुपता पर हावी नहीं हो सका है. शायद यही वजह है कि उन्होंने अपनी हवस को शांत करने के लिए स्त्री-पुरुष के भेद तक को भुला दिया है जिसका हाल ही में मिलीं 22 सेक्स सीडी से बखूबी नजारा मिल जाता है.
यहां जिक्र हो रहा है मध्य प्रदेश के पूर्व मंत्री राघवजी का. इन दिनों उनकी सेक्स सीडी को लेकर सरकारी गलियारों में सरगर्मियां तेज हैं. इस काले चिट्ठे में वे अपने नौकर राजकुमार के साथ अपनी वासना को शांत करते दिख रहे हैं. बीमारियों का उनके शरीर पर कोई असर नहीं दिखता. शायद यहां दिल भी पूरी तरह उनके साथ नजर आ रहा है और चुस्ती के तो क्या कहने. सीडी में वे अपने ड्राइंग रूम की कुर्सियों के बीच फर्श पर राजकुमार के साथ पूरे जोश के साथ काम क्रीड़ा में लीन हैं. संतुष्टि के बाद फौरन खड़े भी हो जाते हैं. वैसे तो राघवजी तीन साल से भी ज्यादा समय से राजकुमार का शोषण कर रहे थे लेकिन ये सीडी पेन कैमरा मिलने के बाद ही बनी हैं.
एक और वीडियो में राघवजी के सरकारी निवास के ड्राइंग रूम में 29 वर्षीय राजकुमार उनका मैस्टबेट (हस्तमैथुन) कर रहा है और राघवजी नग्नावस्था में सोफे पर पसरे आनंद में गोते लगा रहे हैं. इन दिनों एक ऑडियो सीडी भी मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में खूब गूंज रही है, जिसमें आवाज की क्वालिटी खराब है. इसमें राघवजी प्यार से राजकुमार को ‘‘राजकुमारी’’ पुकार रहे हैं.
इस सबसे आजिज आ चुका राजकुमार 5 जुलाई को थाने पहुंच गया. उसने अपने यौन शोषण का आरोप लगाते हुए राघवजी के खिलाफ शिकायत दर्ज करा दी. आखिरकार उन्हें मंत्री की कुर्सी और बीजेपी की सदस्यता से हाथ धोना पड़ा. इस समय जो 22 सीडी चर्चा में हैं यहां उनमें से महज तीन का जिक्र हुआ है. बताया जाता है कि सीडी बीजेपी के हताश नेता शिवशंकर पटेरिया ने बनवाई हैं. सूत्रों का कहना है कि बाकी सीडी उनके निर्वाचन क्षेत्र विदिशा में में खूब देखी जा रही हैं. कुछ वीडियो चलती रेलगाड़ी में बनाए गए हैं. पुलिस जांच कर रही है कि सीडी कितनी असली है.
पहले तो राजकुमार ने राघवजी के साथ बातचीत को मोबाइल में रिकॉर्ड किया. बाद में वह पटेरिया से मिला. पटेरिया ने उसे एक पेन कैमरा दिया. राजकुमार ने राघवजी के दूसरे नौकर घनश्याम कुशवाहा के साथ मिलकर अपने साथ उनकी काली करतूतों को कैमरे में कैद कर लिया. घनश्याम भी अपने मालिक पर शोषण का आरोप लगाता है.
पटेरिया से राजकुमार की मुलाकात 9 मार्च को राज्य के खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री पारस जैन के घर पर हुई थी. पटेरिया उनसे मिलने गए थे और राजकुमार नौकरी की तलाश में आया था. पटेरिया कहते हैं, ‘‘राजकुमार ने जब बताया कि उसे सुबह ढाई बजे तक राघवजी के लिए काम करना पड़ता है तो मुझे शक हुआ क्योंकि मैं राघवजी और उनकी आदतों को 20 साल से जानता हूं. मैंने राजकुमार से संपर्क किया तो उसने आपबीती सुना दी. मुझे दया आ गई और मैंने उसकी मदद कर दी. कई बार विदिशा से सांसद रहे मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ जब राघवजी के मतभेद हुए तब मैंने उनका पक्ष लिया. राघवजी स्वार्थी नेता हैं. उन्होंने मेरी कभी मदद नहीं की.’’
पटेरिया ने यह भी बताया कि उन्होंने राजकुमार का साथ दिया और उसे हिम्मत दी. उन्हें अपने किए पर कोई पछतावा नहीं है क्योंकि उन्होंने गरीब का शोषण करने वाले नेता को उसके अंजाम तक पहुंचाया है. वीडियो इस मामले में अहम सबूत हैं.
सीडी के लोगों के सामने आने के बाद चौहान ने 5 जुलाई को राघवजी पर इस्तीफा देने के लिए दबाव बनाया जिस पर उन्हें इस्तीफा देना पड़ा. उसके बाद तो पूरे भोपाल में इन सीडी को लेकर हंगामा हो गया और बीजेपी ने उन्हें पार्टी से निकाल दिया. 7 जुलाई को उनके नाम केस दर्ज हो गया और दो दिन बाद गिरफ्तारी भी हो गई.
बीजेपी के हलकों में अटकलें लग रही हैं कि चौहान ने राघवजी का इस्तीफा लेकर अपना पुराना हिसाब चुकता किया है. अंदरूनी जानकारों के अनुसार विदिशा में मुख्यमंत्री और राघवजी के बीच वर्चस्व की लड़ाई होती रही है.
लेकिन यह सीडी विपक्षी दल कांग्रेस और बीजेपी में चौहान विरोधियों के लिए वरदान साबित हुई है. वास्तव में चोरी-छिपे राघवजी के निर्वाचन क्षेत्र विदिशा में सीडी पहुंचते ही कुरवई से पूर्व कांग्रेस विधायक पानबाई के कान खड़े हो गए और उन्होंने फौरन विधानसभा में विपक्ष के नेता अजय सिंह को खबर भिजवा दी. जून के दूसरे पखवाड़े में अजय सिंह ने पानबाई से कहा कि राजकुमार से थाने में शिकायत दर्ज करवाएं. कुरवई के रहने वाले राजकुमार ने आखिरकार थाने का रुख किया. लेकिन उसके शिकायत दर्ज कराने के पहले ही सीडी की कई प्रतियां दिल्ली के मीडिया दफ्तरों में पहुंच जाने से इशारा मिल जाता है कि पटेरिया ने कितनी चालाकी से काम किया और बीजेपी सरकार को कानो-कान खबर तक नहीं होने दी.
यह घटना मध्य प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र शुरू होने से ठीक तीन दिन पहले और विधानसभा चुनाव से चार महीने पहले सुर्खियों में आई. पुलिस ने शुरू में राजकुमार की शिकायत दबाने की कोशिश की लेकिन बाद में बीजेपी बचाव की मुद्रा में नजर आई. चौहान ने पूर्व मुख्यमंत्री सुंदर लाल पटवा और पार्टी उपाध्यक्ष प्रभात झा जैसे वरिष्ठ नेताओं से संकट से उबारने की गुहार लगाई. दूसरी ओर, कांग्रेस ने मौके का भरपूर फायदा उठाया और बीजेपी पर प्रहार किए. आज कांग्रेस का लगभग हर नेता चौहान का इस्तीफा मांग रहा है.
मध्य प्रदेश कांग्रेस के पूर्व प्रवक्ता के.के. मिश्र ने तो विधानसभा चुनाव से पहले ऐसे और कई रहस्यों से परदा उठाने की धमकी तक दे डाली है. उनका दावा है, ‘‘मेरे पास सरकार के खिलाफ कई धमाकेदार दस्तावेज हैं. मैंने जो दस्तावेजी सबूत जमा किए हैं, उनसे सीधे चौहान पर भी हमला बोलूंगा. इस बार विधानसभा चुनाव प्रचार में जमकर ओछापन होने की उम्मीद है. ऐसा लगता है कि नेता बहुत निचले स्तर तक जाएंगे और सीडी जंग होकर रहेगी.’’ विपक्षी पार्टी के इन तेवरों को देखकर अब आप बखूबी अंदाजा लगा सकते हैं कि आगामी विधानसभा चुनाव में मध्य प्रदेश में किस तरह का घमासान होने के आसार हैं. ढ
यहां जिक्र हो रहा है मध्य प्रदेश के पूर्व मंत्री राघवजी का. इन दिनों उनकी सेक्स सीडी को लेकर सरकारी गलियारों में सरगर्मियां तेज हैं. इस काले चिट्ठे में वे अपने नौकर राजकुमार के साथ अपनी वासना को शांत करते दिख रहे हैं. बीमारियों का उनके शरीर पर कोई असर नहीं दिखता. शायद यहां दिल भी पूरी तरह उनके साथ नजर आ रहा है और चुस्ती के तो क्या कहने. सीडी में वे अपने ड्राइंग रूम की कुर्सियों के बीच फर्श पर राजकुमार के साथ पूरे जोश के साथ काम क्रीड़ा में लीन हैं. संतुष्टि के बाद फौरन खड़े भी हो जाते हैं. वैसे तो राघवजी तीन साल से भी ज्यादा समय से राजकुमार का शोषण कर रहे थे लेकिन ये सीडी पेन कैमरा मिलने के बाद ही बनी हैं.
एक और वीडियो में राघवजी के सरकारी निवास के ड्राइंग रूम में 29 वर्षीय राजकुमार उनका मैस्टबेट (हस्तमैथुन) कर रहा है और राघवजी नग्नावस्था में सोफे पर पसरे आनंद में गोते लगा रहे हैं. इन दिनों एक ऑडियो सीडी भी मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में खूब गूंज रही है, जिसमें आवाज की क्वालिटी खराब है. इसमें राघवजी प्यार से राजकुमार को ‘‘राजकुमारी’’ पुकार रहे हैं.
इस सबसे आजिज आ चुका राजकुमार 5 जुलाई को थाने पहुंच गया. उसने अपने यौन शोषण का आरोप लगाते हुए राघवजी के खिलाफ शिकायत दर्ज करा दी. आखिरकार उन्हें मंत्री की कुर्सी और बीजेपी की सदस्यता से हाथ धोना पड़ा. इस समय जो 22 सीडी चर्चा में हैं यहां उनमें से महज तीन का जिक्र हुआ है. बताया जाता है कि सीडी बीजेपी के हताश नेता शिवशंकर पटेरिया ने बनवाई हैं. सूत्रों का कहना है कि बाकी सीडी उनके निर्वाचन क्षेत्र विदिशा में में खूब देखी जा रही हैं. कुछ वीडियो चलती रेलगाड़ी में बनाए गए हैं. पुलिस जांच कर रही है कि सीडी कितनी असली है.
पहले तो राजकुमार ने राघवजी के साथ बातचीत को मोबाइल में रिकॉर्ड किया. बाद में वह पटेरिया से मिला. पटेरिया ने उसे एक पेन कैमरा दिया. राजकुमार ने राघवजी के दूसरे नौकर घनश्याम कुशवाहा के साथ मिलकर अपने साथ उनकी काली करतूतों को कैमरे में कैद कर लिया. घनश्याम भी अपने मालिक पर शोषण का आरोप लगाता है.
पटेरिया से राजकुमार की मुलाकात 9 मार्च को राज्य के खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री पारस जैन के घर पर हुई थी. पटेरिया उनसे मिलने गए थे और राजकुमार नौकरी की तलाश में आया था. पटेरिया कहते हैं, ‘‘राजकुमार ने जब बताया कि उसे सुबह ढाई बजे तक राघवजी के लिए काम करना पड़ता है तो मुझे शक हुआ क्योंकि मैं राघवजी और उनकी आदतों को 20 साल से जानता हूं. मैंने राजकुमार से संपर्क किया तो उसने आपबीती सुना दी. मुझे दया आ गई और मैंने उसकी मदद कर दी. कई बार विदिशा से सांसद रहे मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ जब राघवजी के मतभेद हुए तब मैंने उनका पक्ष लिया. राघवजी स्वार्थी नेता हैं. उन्होंने मेरी कभी मदद नहीं की.’’
पटेरिया ने यह भी बताया कि उन्होंने राजकुमार का साथ दिया और उसे हिम्मत दी. उन्हें अपने किए पर कोई पछतावा नहीं है क्योंकि उन्होंने गरीब का शोषण करने वाले नेता को उसके अंजाम तक पहुंचाया है. वीडियो इस मामले में अहम सबूत हैं.
सीडी के लोगों के सामने आने के बाद चौहान ने 5 जुलाई को राघवजी पर इस्तीफा देने के लिए दबाव बनाया जिस पर उन्हें इस्तीफा देना पड़ा. उसके बाद तो पूरे भोपाल में इन सीडी को लेकर हंगामा हो गया और बीजेपी ने उन्हें पार्टी से निकाल दिया. 7 जुलाई को उनके नाम केस दर्ज हो गया और दो दिन बाद गिरफ्तारी भी हो गई.
बीजेपी के हलकों में अटकलें लग रही हैं कि चौहान ने राघवजी का इस्तीफा लेकर अपना पुराना हिसाब चुकता किया है. अंदरूनी जानकारों के अनुसार विदिशा में मुख्यमंत्री और राघवजी के बीच वर्चस्व की लड़ाई होती रही है.
लेकिन यह सीडी विपक्षी दल कांग्रेस और बीजेपी में चौहान विरोधियों के लिए वरदान साबित हुई है. वास्तव में चोरी-छिपे राघवजी के निर्वाचन क्षेत्र विदिशा में सीडी पहुंचते ही कुरवई से पूर्व कांग्रेस विधायक पानबाई के कान खड़े हो गए और उन्होंने फौरन विधानसभा में विपक्ष के नेता अजय सिंह को खबर भिजवा दी. जून के दूसरे पखवाड़े में अजय सिंह ने पानबाई से कहा कि राजकुमार से थाने में शिकायत दर्ज करवाएं. कुरवई के रहने वाले राजकुमार ने आखिरकार थाने का रुख किया. लेकिन उसके शिकायत दर्ज कराने के पहले ही सीडी की कई प्रतियां दिल्ली के मीडिया दफ्तरों में पहुंच जाने से इशारा मिल जाता है कि पटेरिया ने कितनी चालाकी से काम किया और बीजेपी सरकार को कानो-कान खबर तक नहीं होने दी.
यह घटना मध्य प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र शुरू होने से ठीक तीन दिन पहले और विधानसभा चुनाव से चार महीने पहले सुर्खियों में आई. पुलिस ने शुरू में राजकुमार की शिकायत दबाने की कोशिश की लेकिन बाद में बीजेपी बचाव की मुद्रा में नजर आई. चौहान ने पूर्व मुख्यमंत्री सुंदर लाल पटवा और पार्टी उपाध्यक्ष प्रभात झा जैसे वरिष्ठ नेताओं से संकट से उबारने की गुहार लगाई. दूसरी ओर, कांग्रेस ने मौके का भरपूर फायदा उठाया और बीजेपी पर प्रहार किए. आज कांग्रेस का लगभग हर नेता चौहान का इस्तीफा मांग रहा है.
मध्य प्रदेश कांग्रेस के पूर्व प्रवक्ता के.के. मिश्र ने तो विधानसभा चुनाव से पहले ऐसे और कई रहस्यों से परदा उठाने की धमकी तक दे डाली है. उनका दावा है, ‘‘मेरे पास सरकार के खिलाफ कई धमाकेदार दस्तावेज हैं. मैंने जो दस्तावेजी सबूत जमा किए हैं, उनसे सीधे चौहान पर भी हमला बोलूंगा. इस बार विधानसभा चुनाव प्रचार में जमकर ओछापन होने की उम्मीद है. ऐसा लगता है कि नेता बहुत निचले स्तर तक जाएंगे और सीडी जंग होकर रहेगी.’’ विपक्षी पार्टी के इन तेवरों को देखकर अब आप बखूबी अंदाजा लगा सकते हैं कि आगामी विधानसभा चुनाव में मध्य प्रदेश में किस तरह का घमासान होने के आसार हैं. ढ