scorecardresearch

सुर्खियों के सरताज 2024: अमेरिका में अदानी के मुश्किलों का दौर खत्म या अभी बाकी?

भारत के दिग्गज कारोबारी गौतम अदाणी के लिए 2024 का साल मुश्किलों भरा रहा है. 2023 के हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद अमेरिकी अदालत में रिश्वत के आरोपों में घिरने की वजह से पिछले साल उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ा, लेकिन इसके बावजूद बिजनेस की दुनिया में वो मजबूती से टिके हुए हैं...

Newsmakers 2024
गौतम अदाणी
अपडेटेड 21 जनवरी , 2025

बहुत-से लोगों ने 2024 पर गहरी छाप छोड़ी, लेकिन अरबपति गौतम अदाणी ऐसे शख्स हैं जिन पर 2024 अपनी गहरी छाप छोड़ गया. 2023 के तूफानी हंगामे जैसा लगने के बावजूद यह उसकी कड़ी भर नहीं था.

तब अमेरिकी शॉटसेलर फर्म हिंडनबर्ग ने आरोप लगाया था कि उनके समूह ने खोखा कंपनियों और भारत से धन बाहर ले जाकर वापस निवेश के जरिए समूह की कंपनियों के शेयरों की कीमतें बढ़ाई हैं.

नए आरोपों को भारत में अगर उनकी गंभीरता के आधार पर परखा जाता तो वे पहले जैसे ही लगते. पर इस बार न्यूयॉर्क में ब्रूकलिन की एक फेडरल कोर्ट के अभियोजकों की ओर से लगाए जाने की वजह से इसकी गंभीरता कहीं ज्यादा बढ़ गई.

जवाब में निहित स्वार्थ होने जैसा आरोप मढ़ना उतना ही मुश्किल था. सामने कोई शॉर्टसेलर नहीं था जो खुद भी उसी तरह के खेल में हो, वहां सामने था अमेरिकी न्याय महकमा. अगर यह मामला किसी सुलह-सफाई से सुलट भी जाए तो भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इससे लगा दाग छूटने में अरसा लगेगा.

इसकी शुरुआत 20 नवंबर को हुई. अमेरिकी जिला अदालत ईस्टर्न डिस्ट्रिक्ट ऑफ न्यूयॉर्क ने न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड भारतीय सौर ऊर्जा उत्पादक कंपनी एज्यूर पावर के आला अधिकारियों पर गौतम अदाणी और उनके दो अधिकारियों से 2020 से ही मिलीभगत करने का आरोप लगाया.

इसमें कहा गया कि ठेके हासिल करने के वास्ते भारत के चार राज्यों और एक केंद्रशासित क्षेत्र के अफसरों को 26.5 करोड़ डॉलर यानी 2,247 करोड़ रुपए की घूस खिलाने को यह गठजोड़ की गई.

उसे उस वक्त और झटका लगा जब अमेरिकी प्रतिभूति और विनिमय आयोग (एसईसी) ने अदाणी समूह पर निवेशकों से कथित दुराचरण को छिपाने का आरोप लगाया. इस खबर के बाद अदाणी समूह की कंपनियों के शेयरों की कीमतों में 21 नवंबर को एक ही दिन में 2.25 लाख करोड़ रुपए साफ हो गए.

तिलमिलाहट स्वाभाविक थी क्योंकि इसमें अदाणी, उनके भतीजे सागर अदाणी, अदाणी ग्रीन एनर्जी के सीईओ विनीत एस. जैन को एज्यूर पावर के चार अधिकारियों के साथ सीधे-सीधे कथित रिश्वतखोरी के लिए आरोपित किया गया था.

एज्यूर पर अब विदेशी भ्रष्ट आचरण कानून (एफसीपीए) तोड़ने के लिए आपराधिक कार्रवाई की तलवार लटकी है. इसके तहत अमेरिका में सक्रिय कंपनियों का विदेशी अधिकारियों को रिश्वत खिलाना जुर्म है.

एसईसी ने दायर एक और सिविल मुकदमे में आरोप लगाया कि जांच जारी रहने के दौरान ही अदाणी समूह ने अमेरिकी निवेशकों को अंधेरे में रखकर उनसे अरबों उगाहे. अदाणी समूह ने आरोपों से इनकार किया है. उसने कहा कि गौतम, सागर और जैन पर कथित प्रतिभूति धोखाधड़ी साजिश, कथित वायर जालसाजी साजिश और कथित प्रतिभूति धोखाधड़ी के आरोप लगाए गए हैं, न कि एफसीपीए के उल्लंघन की साजिश के. उसमें तो एज्यूर पावर के अधिकारियों और कनाडा के पेंशन फंड सीडीपीक्यू का ही नाम लिया गया है.

यह पेंशन फंड एज्यूर पावर में सबसे बड़ा शेयरधारक है. आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, तमिलनाडु, ओडिशा और जम्मू-कश्मीर की बिजली वितरण कंपनियों के अधिकारियों को इसलिए रिश्वत दी गई कि वे भारतीय सौर ऊर्जा निगम (सेकी) के साथ बिजली बिक्री के समझौते करवाएं. अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं पर अमल के लिए नोडल एजेंसी सेकी फिर अदाणी और एज्यूर से बिजली खरीदती और इन डिस्कॉम को बेचती.

सफाई तो एक तरफ, झटका तगड़ा था. अदाणी ग्रीन एनर्जी ने अमेरिका में 60 करोड़ डॉलर (5,088 करोड़ रुपए) का बांड निर्गम रद्द कर दिया. फ्रेंच तेल दिग्गज टोटलएनर्जीज, जो अदाणी के अक्षय ऊर्जा और गैस वितरण कारोबार में साझेदार है, ने कहा कि आरोपों का मामला सुलझ न जाने तक वह अदाणी समूह की कंपनियों में निवेश नहीं करेगी. रेटिंग्स एजेंसी मूडीज ने अदाणी की सात फर्मों के रेटिंग आउटलुक को स्टेबल से 'नेगेटिव’ कर दिया. इससे उसके लिए उधारी महंगी हो जाएगी. फिच ने समूह के कुछ बॉन्ड को संभावित डाउनग्रेड के लिए निगरानी में रखा. सियासत भी तुरंत कूद पड़ी.

कांग्रेस ने नरेंद्र मोदी सरकार तथा बाजार नियामक सेबी पर अदाणी को बचाने का आरोप लगाया. लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने अदाणी की गिरफ्तारी की मांग की क्योंकि, उनके अनुसार, यह बिल्कुल साफ है कि अदाणी ने न केवल भारतीय कानून बल्कि अमेरिकी कानून को भी तोड़ा. उन्होंने सेबी की अध्यक्ष माधवी पुरी बुच के खिलाफ जांच की भी मांग की जिन पर हिंडनबर्ग ने इस साल के शुरू में अपनी रिपोर्ट में अदाणी के साथ घनिष्ठ संबंधों के आरोप लगाए हैं. विपक्ष ने कई दिन संसद के शीतकालीन सत्र को नहीं चलने दिया.

अदाणी समूह ने 2024 में कुछ बड़ी उपलब्धियां भी पाईं. अस्वाभाविक गति से बढ़ते हुए अंबुजा सीमेंट ने दो बड़े प्रतिस्पर्धियों का अधिग्रहण कर लिया. भारत के पहले ट्रांसशिपमेंट बंदरगाह केरल के विझिंजम में जुलाई में पहला मालवाही जहाज पहुंचा. अदाणी ग्रीन एनर्जी अक्षय ऊर्जा क्षमता में 10,000 मेगावॉट को पार करने वाली पहली कंपनी बन गई. अभियोजन ने अदाणी समूह के आलोचकों को एक बड़ा औजार दे दिया—और अगले 10 साल में समूह के 100 अरब डॉलर (8.5 लाख करोड़ रु.) के कैपेक्स के सफर को देखते हुए कह सकते हैं कि आगे भी ऐसे कई मौके आते ही रहेंगे.

एक अमेरिकी अदालत ने अदाणी, उनके भतीजे सागर अदाणी, अदाणी ग्रीन एनर्जी के सीईओ विनीत एस. जैन पर बिजली खरीद समझौते के लिए भारतीय राज्यों के डिस्कॉम अधिकारियों को रिश्वत खिलाने का आरोप लगाया.

गहराते आरोप
● अमेरिकी शॉर्ट-सेलर फर्म हिंडनबर्ग की एक रिपोर्ट में आरोप लगाया गया कि अदाणी ने विदेश में जिन पैसों की हेराफेरी की उसमें सेबी अध्यक्ष माधवी पुरी बुच और उनके शौहर धवल बुच की भी हिस्सेदारी थी.

● एम अमेरिकी अदालत ने अदाणी ग्रीन एनर्जी पर रिश्वतखोरी का और वहीं के बाजार नियामक ने कंपनी पर निवेशकों से अपने कथित गड़बड़झालों को छुपाने का आरोप लगाया.

● विपक्ष ने केंद्र सरकार पर गौतम अदाणी का बचाव करने का आरोप लगाते हुए और उनकी गिरफ्तारी की मांग को लेकर संसद के शीतकालीन सत्र को कई दिनों तक चलने नहीं दिया.

Advertisement
Advertisement