
जून 1997 में के.आर. नारायणन पहले दलित राष्ट्रपति बने थे. इसके एक महीने पहले ही तमिलनाडु के मदुरै जिले में एससी आरक्षित मेलावलावु पंचायत के अध्यक्ष मुरुगेसन की हत्या कर दी गई थी. 14 साल की मीना कंडासामी चेन्नई के उन दिनों को याद करती हैं, "मैं '90 के दशक में बड़ी हुई, जब तमिलनाडु में लोग दलित राष्ट्रपति तो देख सकते थे, लेकिन गांव के सरपंच नहीं. मेरे भीतर क्रोध उबल रहा था."
वह आहत भावना आज भी कवयित्री, अनुवादक, सामाजिक कार्यकर्ता और नारीवादी कंडासामी को ताकत देती है. देश की सबसे क्रांतिकारी साहित्यिक आवाजों में से एक कंडासामी को 2022 में जर्मन पेन सेंटर का हरमन केस्टन पुरस्कार मिला.
प्रोफेसर माता-पिता के घर जन्मीं कंडासामी ने 17 साल की उम्र में दलित रचनाओं का अंग्रेजी में अनुवाद करना शुरू किया. 2001 तक उन्होंने द दलित पत्रिका का संपादन किया. उनके दो कविता संग्रह, टच (2006) और मिस मिलिटेंसी (2010) ने उन्हें प्रसिद्धि दिलाई.
उनका पहला उपन्यास द जिप्सी गॉडेस (2014) 1968 में किल्वेनमनी में 44 दलित ग्रामीणों के नरसंहार की दर्दनाक कहानी है. कंडासामी कभी भी अपने निजी जीवन को लेखन में ढालने की हिमायती नहीं थीं. लेकिन यह संकल्प 2011 में उनकी शादी के बाद कई महीनों तक बुरा बर्ताव झेलने के साथ बदल गया. उनके उपन्यास व्हेन आइ हिट यू: ऑर, ए पोट्र्रेट ऑफ द आर्टिस्ट ऐज ए यंग वाइफ (2017) में निजी जीवन राजनीति के साथ घुलमिल गया.
कंडासामी का धारदार गद्य उनके अपने विनम्र स्वभाव के विपरीत है.
—हर्षिता मिश्रा
अवंती नागरथ, 22 वर्ष

जाने-माने भारतीय फैशन डिजाइनरों की राह को रौशन करने से लेकर वैश्विक फैशन सर्किट का प्रमुख चेहरा बनने तक यह दिल्ली की इस लड़की का फैशन के प्रति बचपन से अथक प्यार ही था जिसने 15 साल की नाजुक उम्र में मॉडलिंग से करियर शुरू करने के बाद एक के बाद एक ऊंचाई छूने में मदद की.
अब लंदन में जा बसीं अवंती नागरथ कहती हैं, "यह लगातार बेहतर होने और अपने तथा अपनी कला के बारे में नए पहलू खोजने का सफर रहा. इतने सालों के दौरान मैं हर तजुर्बे के साथ सीखती और बढ़ती गई, विकसित होती गई." भारत में उनके पोर्टफोलियो में तरुण तहिलियानी, मनीष मल्होत्रा, राहुल मिश्र, पंकज ऐंड निधि के अलावा और भी कई कद्दावर नाम शामिल हैं.
एक बड़ा मील का पत्थर उस वक्त आया जब उन्होंने वरसाचे के लिए मिलान में 2022 फॉल/विंटर शो की शुरुआत की. बोट्टेगा वेनेटा, गिवेंची, शनेल, झकमूज, बरबरी, द रो, वगैरह के साथ अंतरराष्ट्रीय फैशन दृश्य पर धूमकेतु की तरह उनका उदय जारी रहा.
वे कहती हैं, "शुरुआत में अपनी वर्सेटेलिटी (बहुमुखी प्रतिभा) साबित करने और बंधे-बंधाए ढांचे तोड़ने से जुड़ी चुनौतियों पर कामयाबी पाने, लगन, कड़ी मेहनत और मजबूत सपोर्ट सिस्टम ने अड़चनों से पार पाने में मेरी मदद की."
नागरथ जिस लोकाचार के पक्ष में खड़ी होती हैं, वही उन्हें दूसरों से अलग करता है. बावजूद इसके कि वे एक ऐसे उद्योग की नुमाइंदगी करती हैं जिसकी समाज के सामने अवास्तविक मानदंड पेश करने के लिए अक्सर आलोचना की जाती है, उनका मकसद फैशन में सकारात्मक बदलाव की वकालत करने की खातिर इस मंच का इस्तेमाल करना है.
वे कहती हैं, "मैं अपनी आवाज का इस्तेमाल बॉडी पॉजिटिविटी (दैहिक सकारात्मकता), विविधता और समावेशन के बारे में जागरूकता जगाने के लिए करना चाहती हूं." 22 बरस की रनवे (मंच, जिसका उपयोग मॉडल किसी फैशन शो के दौरान अपने परिधान दिखाने के लिए करते हैं) की रानी के लिए यह उदात्त मिशन है!
—शिवप्रिया बाजपेई
कणिका गोयल

डिजाइनर कणिका गोयल ने अपने इसी नाम के लेबल के साथ दुनिया के फैशन प्रेमियों को दीवाना बना लिया है. अब वे अपने नए वर्टिकल किलोग्राम को लेकर बहुत खुश हैं, जिसका नामकरण बड़ी चतुराई से कर वे लग्जरी की परिभाषा को नए सिरे से गढ़ रही हैं. दिल्ली की इस डिजाइनर का कहना है, "हम लग्जरी की बंद धारणा को तोड़ना चाहते हैं, इसे अधिक व्यक्तिगत बनाना चाहते हैं." किलोग्राम के लिए उनका नजरिया एक किफायती ब्रांड बनाना था, जिसकी कीमत 2,000 से 11,000 रु. के बीच हो.
अपने डिजाइनों की तरह गोयल की शख्सियत खुद विरोधाभासों का सुंदर मिश्रण है. चंडीगढ़ में जन्मीं गोयल 17 सदस्यों वाले रूढि़वादी परिवार में पली-बढ़ीं. हालांकि, जब उनका दाखिला दिल्ली में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी में हुआ तो उन्होंने अपनी खुद की आवाज हासिल की. स्नातक करने के बाद वे न्यूयार्क के प्रतिष्ठित पार्सन्स स्कूल ऑफ डिजाइन में चली गईं.
प्रादा, मार्चेसा, एडिडास ग्रुप और बिभु महापात्रा के साथ उनकी अप्रेंटिसशिप ने गुणवत्ता और विस्तार के प्रति उनके जुनून को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिसके परिणामस्वरूप 2014 में कनिका गोयल लेबल का जन्म हुआ.
गोयल ने एडिडास ओरिजिनल्स, स्मार्टवाटर और एब्सोल्यूट जैसे ब्रांड्स के साथ काम किया है. उनके परिधान सॉवेटी, हैले बेली, हुदा कतान और प्रियंका चोपड़ा जैसी वैश्विक हस्तियों ने पहने हैं. वे तीन बार प्रतिष्ठित फैशन वीक में अपने डिजाइन प्रदर्शित कर चुकी हैं. गोयल को उनके विविध कलेक्शन के लिए जाना जाता है जिनसे विचारों और भावनाओं की जटिलता उजागर होती है.
—मलिका हलदर