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ममता बनर्जी: जिनकी स्ट्रीट-फाइटर छवि है उनकी सबसे बड़ी खासियत

संक्षेप में कहें तो ममता ने हर मेज पर स्वाद चखा है. वे साहसी राजनेताओं में से एक हैं, उनकी मौजूदगी मात्र से ही आक्रोशित बंगाल की अनूभूति जाग उठती है

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी
अपडेटेड 8 जनवरी , 2024

एक तूफान या धरती की तरह—देवी ही मूल शक्ति है. मनोवैज्ञानिक भूगोल के संदर्भ में, बंगाल इस प्राचीन प्रतीक के लिहाज से अब भी जीवंत भूमि है. और आप उनकी कल्पना किसी साड़ी पर चित्रित कालीघाट पटुआ चित्रकला के किसी चित्र के रूप में कर सकते हैं. पुरुष देवताओं को धूल चटाती किसी स्त्री शक्ति के अवतार की तरह, जैसा कि ज्योति बसु से लेकर विभिन्न बड़ी प्रतिद्वंदी शख्सियतों के मुकाबले वे नजर आई हैं. इसलिए जब भाजपा ने भी खेदपूर्वक ममता बनर्जी की तुलना 'देवी दुर्गा' से की तो यह अनौपचारिक जुड़ाव से परे चला गया. यह वास्तव में दीदी की शख्सियत के कुछ गुणों को बयान करता है, जमीन से जुड़ीं, आक्रामक, हमेशा ऐसी तूफानी ताकत के साथ आपके समक्ष प्रकट होती हैं कि अलौकिक लगने लगती हैं.

बेशक, धरती की तरह, ममता के भी अपने मौसम रहे हैं. सियासत में अपने 40 वर्षों के दौरान उन्होंने अपने मन के मुताबिक अपने बर्ताव और भूमिका को बदला है. राजीव गांधी की 'छोटी बहन' होने से लेकर अरविंद केजरीवाल की 'बड़ी बहन' तक का सफर तय किया है. या, लंबे प्रारूप में कहें तो, इंदिरा युग में छात्र परिषद की तूफानी नेता से लेकर, फिर एक बागी जिसने नई पार्टी बनाई लेकिन वामपंथियों के साथ अपनी दुश्मनी को कभी दक्रन नहीं किया, फिर वाजपेयी मंत्रिमंडल में एक मंत्री जिसे हमेशा अपने रास्ते (और उनकी रेलवे लाइन) पर चलना पड़ा, सोनिया गांधी के साथ उन्हें समय-समय पर जुड़ना पड़ा, नरेंद्र मोदी की अगुआई वाली भाजपा के खिलाफ मुखर और पारस्परिक प्रतिशोध की सियासत करने के लिए, लेकिन साथ ही संकट के समय कभी-कभार पर्दे के पीछे अनाधिकारिक सौदेबादी से भी वे पीछे नहीं हटीं.

संक्षेप में कहें तो ममता ने हर मेज पर स्वाद चखा है. वे साहसी राजनेताओं में से एक हैं, उनकी मौजूदगी मात्र से ही आक्रोशित बंगाल की अनूभूति जाग उठती है. उनके बयान अक्सर उसके प्रतीकात्मक उभार में मदद करते हैं, उन्होंने एक बार कहा था, "सीपीएम ने मुझे बहुत मारा है. सिर से लेकर पैर तक, मेरे शरीर के कई अंग टूट गए हैं. फिर भी वे मुझे रोक नहीं सके."

हाल ही में उन्होंने भाजपा को चुनौती दी, "अगर वह मारपीट मुझे नहीं रोक सकी, तो क्या आपको लगता है कि आप मुझे रोक सकते हैं?" 12 साल मुख्यमंत्री और पांच बार सांसद रहीं ममता की स्ट्रीट-फाइटर छवि उनकी सबसे बड़ी विशेषता है और यहां तक कि टीएमसी पर भ्रष्टाचार के आरोप भी दीदी के रूप में उनकी छवि को धूमिल नहीं कर पाए हैं, जो अब भी खपरैल की छत वाले मकान में साधारण जीवन जीती हैं और साधारण चप्पलें तथा सफेद साड़ियां पहनती हैं.

- अर्कमय दत्ता मजूमदार

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