दर्शकों को सिनेमाघरों तक खींचने की आलिया की क्षमता सिर्फ इसलिए नहीं है कि वे खूबसूरत हैं या सोशल मीडिया पर मशहूर हैं. इसका कारण निर्देशक या अभिनेता भी नहीं हैं. लोग आलिया भट्ट की फिल्म देखते हैं क्योंकि उनका मानना है कि जब भी वे किसी किरदार को निभाती हैं तो उसे जैसे जिंदा कर देती हैं.
गंगूबाई काठियावाड़ी की कामयाबी के बाद उन्होंने इंडिया टुडे से कहा था, "अगर मैं महीनों पहले किरदार पर काम करना शुरू कर दूं तो मैं उससे ऊब जाती हूं." फिर वे आगे जोड़ती हैं, "मुझे इसे कैमरे के सामने जीना पसंद है. अपने किरदार में उतरने के लिए यही मेरे लिए प्रेरणास्रोत है."
अपने किसी किरदार के लिए महीनों नोट्स बनाकर तैयारी करना उन्हें पसंद नहीं. लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि वे अपने किरदार निभाने के लिए कोई कड़ी मेहनत नहीं करतीं. 'राजी' के लिए उन्होंने मोर्स कोड सीखा, टेम्पो चलाना सीखा और अपनी हिंदी सुधारी "ताकि किरदार की भाषा जुहू में रहने वाले किसी शख्स की तरह न लगे." उड़ता पंजाब के लिए उन्होंने नशीली दवाओं की लत से जूझ रही एक युवा प्रवासी की भूमिका निभाने के लिए अपना स्मार्टफोन छोड़ दिया और कुछ दिन के लिए सबसे अलग-थलग रहने लगी थीं.
अभिनय में करीब एक दशक बिता चुकीं आलिया फिल्म निर्माण में भी कदम रख चुकी हैं. 'इटरनल सनशाइन' उनकी प्रोडक्शन कंपनी है जिसके साथ वे नए लेखकों और निर्देशकों को अवसर देना चाहती हैं. उनका यह प्रयास कितना गंभीर है इसका अंदाजा आप उनकी डार्लिंग्स (नेटफ्लिक्स) को देखकर लगा सकते हैं.
आलिया अपने साथी कलाकारों से काफी अलग हैं. वे जानती हैं कि अपनी फिल्मोग्राफी में उन्हें उन प्रोजेक्ट पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है जो उनके लिहाज से काफी बड़े हैं (आरआरआर, ब्रह्मास्त्र) और जहां वे अपने दमदार अभिनय की ताकत दिखा सकती हैं (हाईवे, उड़ता पंजाब, राजी). वे उन किरदारों को भी निभाना चाहती हैं जो उनके कंफर्ट जोन से बाहर हैं और बतौर कलाकार उन्हें एक नए मुकाम पर पहुंचा सकते हैं. यही कारण है कि वे हाईवे में अपने किरदार वीरा से बहुत गहराई से जुड़ी थीं. यह भूमिका उन्होंने उस वक्त निभाई थी जब वे महज 21 साल की थीं.
आलिया कहती हैं, "मेरे पास सब कुछ है, फिर भी कुछ कमी है." वे यह भी कहती हैं, "मुझे कुछ और चाहिए लेकिन नहीं जानती कि वह क्या है. यही तलाश मुझे जोड़े रखती है. मुझे पता है कि मुझे कुछ और चाहिए." अपने आपको जानने और कुछ करने की भूख उनकी शख्सियत का ही हिस्सा है, और यही आलिया को एक अलग मुकाम पर खड़ा करता है.