राघव चढ्ढा, 33 वर्ष
(विधायक, आम आदमी पार्टी)
राजेंद्र नगर, दिल्ली
राघव चढ्ढा की टैगलाइन है: 'उन्होंने राजनीति को नहीं, राजनीति ने उन्हें चुना है.’ आम आदमी पार्टी के टिकट पर फरवरी 2020 में पहली बार दिल्ली के राजेंद्र नगर से विधायक चुने गए चढ्ढा पार्टी के कद्दावर नेताओं में शुमार हैं.
वे पार्टी प्रवक्ता भी हैं. पेशे से चार्टर्ड एकाउंटेंट राघव ने लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से उच्च शिक्षा प्राप्त की. चढ्ढा राजनीति में आ तो गए हैं लेकिन वर्षों से देश की राजनीति का जो पराभव हुआ है वह उन्हें एक बड़ी चुनौती दिखता है. परिवारवाद को वे राजनीति का सबसे बड़ा रोड़ा मानते हैं.
वे दो टूक कहते हैं, ''देश की 65 फीसद आबादी युवा है, लेकिन राजनीति में गांधी, सिंधिया, पायलट, पटनायक, चौटाला, बादल ही क्यों हैं? बिना परिवार या गॉड फादर के राजनीति में कोई नहीं आ सकता, यही वह बैरियर है जिसे तोडऩा है.’’
उनकी मानें तो राजनीति के प्रति लोगों के मन में नफरत इसीलिए है क्योंकि इसमें वही हैं जो बेरोजगार या किसी रोजगार के लायक नहीं हैं. वे युवाओं से कहते हैं कि इस स्थिति से हार नहीं माननी, इसे बदलना है. वे लोगों से भी आग्रह करते हैं कि राजनीति को इस गर्त से निकालने के लिए घर के पढ़े-लिखे, कर्मठ बच्चों को राजनीति में आने दें.
''राघव उन पढ़े-लिखे और कर्मठ युवाओं के लिए एक उदाहरण हैं जो स्वच्छ एवं लोकतांत्रिक राजनीति में पदार्पण करना चाहते हैं.’’
—संजय सिंह, राज्यसभा सांसद, आम आदमी पार्टी

