रिजर्व बैंक के गवर्नर 62 वर्ष के शक्तिकांत दास शीर्ष नौकरशाहों की सूची में चौथे नंबर पर हैं.
क्योंकि वे सरकार के सबसे भरोसेमंद अफसरशाहों में हैं और नोटबंदी के दौरान आर्थिक मामलों के सचिव होने के नाते उसका सार्वजनिक चेहरा रहे हैं
क्योंकि वे रिजर्व बैंक का नेतृत्व ऐसे वक्त में कर रहे हैं जब केंद्रीय बैंक पर खासी निगाह रखी जा रही हैं. यह वृद्धि को संभालने, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के खोटे कर्जों से निबटने तथा एनबीएफसी संकट को ठीक करने के लिए दबाव में है
क्योंकि मार्च 2019 तक 1.17 लाख करोड़ रुपए की संकट में फंसी देनदारियों वाली 94 कंपनियों के जिन लंबित मामलों को सुलझाया गया, उनसे बैंक महज 42 फीसद बकाया वसूल पाए हैं
दक्षिणी पुट
भुवनेश्वर में जन्म. चेन्नै में लंबे वक्त तक तैनात रहे, तमिल धाराप्रवाह बोल लेते हैं.
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