एमेरिटस टाटा संस के चेयरमैन 81 वर्षीय रतन एन.टाटा रसूखदार की फेहरिस्त में छठे नंबर पर हैं.
क्योंकि वे प्रतिष्ठित उद्योगपति होने के अलावा 20 से ज्यादा स्टार्ट-अप के मार्गदर्शक/वित्तपोषक भी हैं, जिनमें ओला इलेक्ट्रिक, मौसम की भविष्यवाणी करने वाली कंपनी क्लाइमासेल, पेटीएम, कारदेखो, अर्बनलैडर और लेंसकार्ट शामिल हैं. टाटा ट्रस्ट्स ने स्टार्ट-अप के लिए 30 करोड़ रुपए लगाने वाला है
क्योंकि टाटा ट्रस्ट्स के चेयरमैन होने के नाते वे कैंसर की देखभाल के लिए एक वितरण मॉडल की स्थापना में हाथ बंटा रहे हैं ताकि मरीजों को घर के नजदीक सस्ती सुविधाएं हासिल हो सकें
क्योंकि स्वच्छ भारत मिशन के लिए मदद का हाथ बढ़ाने के बाद टाटा ट्रस्ट भारतीय नागरिकों के खान-पान के बेहतर नतीजे लाने के मकसद से 'पोषण अभियान' को लागू करने के लिए राज्य और जिला स्तरों पर काबिल पेशेवरों या 'स्वच्छ भारत प्रेरकों' को तैनात कर रहा है. टाटा ट्रस्ट्स ने 2018-19 में करीब 1,500 करोड़ रु. परोपकार पर खर्च किए हैं
इरादा कुछ और था
1991 में जे.आर.डी. टाटा की विरासत संभालने से पहले रतन टाटा ने कॉर्नेल यूनिवर्सिटी में आर्किटेक्चर की पढ़ाई पूरी की थी. तब उनकी योजना अमेरिका में स्थायी रूप से बस जाने की थी
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