राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार 74 वर्षीय अजीत डोभाल शीर्ष नौकरशाहों की फेहरिस्त में दूसरे नंबर पर हैं.
क्योंकि वे दूसरी बार पांच वर्ष का कार्यकाल पाने वाले भारत के पहले राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) हैं. मोदी सरकार में गृह और विदेश मंत्रालय में दिग्गजों की मौजूदगी के बाद भी, राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मुद्दों में उनकी ही चलती है
क्योंकि वे उन चंद सरकारी अधिकारियों में शामिल हैं जिनका अपना अलग दफ्तर का भवन है. संसद मार्ग पर स्थित सरदार पटेल भवन में एनएसए का सचिवालय है
क्योंकि मोदी सरकार के चुनावी अभियान में पंख लगाने वाले, फरवरी में हुए बालाकोट हवाई हमले, पाकिस्तान के खिलाफ उनकी आक्रामक रक्षा नीति का सबूत थे
उसूल के पक्के
डोभाल ने सरकार के शपथ ग्रहण के बाद के सप्ताहांत में फाइलों को निबटाने से इनकार कर दिया. दोबारा काम तभी शुरू किया जब सरकार ने 3 जून को उन्हें फिर से पांच साल के लिए एनएसए नियुक्त करने के फैसले पर मुहर लगाई.
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