scorecardresearch

आस्था का मरहम

2009 बैच के इस आइएएस अफसर ने अपना यह काम आज भी जारी रखा है. उनकी टीम में 30 लोग हैं जिनमें ज्यादातर उनके बचपन के दोस्त हैं और गरीब परिवारों की लड़कियों की शादी में मदद करते हैं.

डॉ. अनिल पाठक
डॉ. अनिल पाठक

डॉ. अनिल पाठक, 53 वर्ष

क्या कियाः अयोध्या के डीएम अनाथ और मोहताज लोगों के मददगार

अनिल पाठक जब मेडिकल के छात्र थे, तभी उन्होंने पढ़ाई के लिए अपने पिता की भेजी रकम में से कुछ पैसा अलग रखना शुरू कर दिया था, ताकि गरीब लोगों के इलाज में मदद कर सकें.

कुछ मरीजों को तो वे इलाहाबाद मेडिकल कॉलेज के अपने होस्टल के कमरे में ठहरा भी लेते थे. 2009 बैच के इस आइएएस अफसर ने अपना यह काम आज भी जारी रखा है. उनकी टीम में 30 लोग हैं जिनमें ज्यादातर उनके बचपन के दोस्त हैं और गरीब परिवारों की लड़कियों की शादी में मदद करते हैं.

इनसे हर साल 30 से 40 लड़कियों को मदद मिलती है. डॉ. पाठक कहते हैं, ''हमारी पहली प्राथमिकता उन लड़कियों की शादी के लिए रुपए-पैसे से मदद करना है जो अनाथ हैं.''

***

Advertisement
Advertisement