आइआइटी खड़गपुर एक ऐसा बहु आयामी संस्थान है, जिसने पढ़ाई की उत्कृष्टता, अनुसंधान और विकास कार्यक्रमों और वैश्विक मानदंडों पर खरे उतरने वाले बेहतरीन स्नातक तैयार करने पर सारा ध्यान केंद्रित कर रखा है.
आम धारणा के विपरीत इस संस्थान में विशुद्ध विज्ञान और प्रौद्योगिकी के अतिरिक्त भी तमाम प्रोग्राम चलाए जाते हैं. यह पहला आइआइटी है जिसने ह्यूमेनिटीज और सोशल साइंस, मैनेजमेंट, लॉ, मेडिकल साइंस ऐंड टेक्नोलॉजी स्कूल; साइंस ऐंड टेक्नोलॉजी आंट्रप्रेन्योरशिप पार्क; आउटरीच कैंपस, स्ट्रक्चर्ड स्पॉन्सर्ड रिसर्च प्रोग्राम, स्ट्रक्चर्ड आउटरीच प्रोग्राम और ट्राई-इंस्टीट्यूट अकादमिक प्रोग्राम शुरू किए हैं.
संस्थान में विभिन्न क्षेत्रों की शैक्षणिक और अनुसंधान इकाइयां हैं जैसे, एग्रीकल्चर, आर्किटेक्चर, माइनिंग, ओशन इंजीनियरिंग, नेवल आर्किटेक्चर, रबर टेक्नोलॉजी, जियोलॉजी और ज्योग्राफी, हैप्पीनेस, रेलवे रिसर्च, रूरल डेवलपमेंट और इंजीनियरिंग आंट्रप्रेन्योरशिप.
आइआइटी खड़गपुर विशेष ड्यूल डिग्री, माइनर, माइक्रो-स्पेशलाइजेशन, डॉक्टोरेट उपरांत सर्टिफेकेट ऑफ एक्सीलेंस, आउटरीच क्रेडिट्स में व्यापक और लचीला शैक्षणिक कार्यक्रम चलाता है, जिससे एक से दूसरे शैक्षिणिक कार्यक्रम में जाया जा सके.
संस्थान शीर्ष संस्थानों के सहयोग से संयुक्त रूप से अनेक कार्यक्रम चलाता है, जिसमें बिना किसी अतिरिक्त खर्च के विशेषज्ञ परामर्श सेवा भी उपलब्ध कराई जाती है और इसके अंतर्गत सीखने का एक बेहतरीन अनुभव मिलता है.
रक्षा, अंतरिक्ष एवं परमाणु ऊर्जा जैसे देश के रणनीतिक क्षेत्रों से लेकर मेडिकल साइंस, लॉ, आर्किटेक्चर, पब्लिक ऐंड रूरल डेवलपमेंट जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में आइआइटी खडग़पुर का बेहतरीन योगदान रहा है.
आइआइटी खड़गपुर ने देश के कई प्रमुख कार्यक्रमों की कमान थाम रखी है जिनमें जीआइएएन (ग्लोबल इनीशिएटिव ऑफ एकेडेमिक नेटवक्स्र), एनडीएलआइ (नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी ऑफ इंडिया) और एसआइएचएच (स्मार्ट इंडिया हार्डवेयर हैकाथॉन) शामिल हैं.
साथ ही संस्थान इक्विप्रंट इंडिया इनिशिएटिव, टॉक टू 10के टीचर्स और एनपीटीइएल (नेशनल प्रोग्राम अॉन टेक्नोलॉजी एनहान्स्ड लर्निंग) जैसे
कार्यक्रमों के लिए समन्वय की महत्वभूर्ण भूमिका भी निभा रहा है. अनुसंधान के क्षेत्र में भारतीय उपलब्धियों के प्रकाशन और इन्हें मिलने वाले प्रशंसापत्रों के मामले में आइआइटी खड़गपुर हमेशा से आगे रहा है.
पढ़ाई के दौरान अकादमिक, कैंपस लाइफ और रचनात्मकता इस तरह साथ-साथ चलती हैं कि आइआइटी खडग़पुर में पढऩा जीवन का यादगार समय बन जाता है.
छात्रों के लिए विकल्प
आइआइटी खड़गपुर अपने छात्रों को लैटरल ड्यूल, माइनर, माइक्रो-स्पेशलाइजेशन, माइक्रो क्रेडिट के साथ लचीले पाठ्यक्रम की सुविधा तो देता ही है, इसके अतिरिक्त कई तरह के पाठ्यक्रम, उद्यमिता अवकाश, विदेशों में प्रशिक्षण कार्यक्रम, जॉइंट इंटरनेशनल ट्रेनिंग प्रैक्टिक्स, सेमेस्टर के बंधनों से मुक्त प्रोग्राम, फील्ड ट्रिप और इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग जैसे अनेक विकल्प मुहैया कराता है.
इनोवेशन और रिसर्च के साथ-साथ छात्रों को आला दर्जे के अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों और स्पर्धाओं में भाग लेने का मौका दिया जाता है ताकि उन्हें खुद को बेहतर बनाने और दुनिया की श्रेष्ठ प्रतिभाओं के मुकाबले खुद को आंकने और तैयार करने का मौका मिले.
आइआइटी खड़गपुर का एक अन्य विशेष कार्यक्रम है ड्यूल और ट्राइ-इंस्टीट्यूट प्रोग्राम. इनके अंतर्गत छात्र कई संस्थानों में पढ़ते और अनुसंधान प्रयोगशालाओं में काम करते हुए आइआइटी खड़गपुर की अथवा संयुक्त डिग्री पाते हैं.
उच्च श्रेणी के अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए आइआइटी खड़गपुर उत्कृष्ट सुविधाएं मुहैया कराता है. यह विविध विषयों पर पाठ्यक्रम उपलब्ध कराने वाला एक विविधतापूर्ण संस्थान है जिसका परिसर 2,100 एकड़ में फैला है.
कैंपस में 20,000 विद्यार्थियों के रहने की व्यवस्था है. छात्रों के लिए विश्वस्तरीय तकनीकी सुविधाओं, इंटरनेट युक्त क्लासरूम, वर्चुअल लर्निंग के माहौल के साथ-साथ अपनी तरह की सबसे बड़ी और शानदार सेंट्रल लाइब्रेरी भी है.
परिसर हर तरह की सुविधाओं से लैस है जैसे, हाइ स्पीड लैन और वाइ-फाइ, स्टूडेंट एक्टिविटी सेंटर (टेक्नोलॉजी का जिमखाना) इत्यादि.
यह खेल-कूद से लेकर संस्कृति और टेक्नोलॉजी से जुडी विभिन्न गतिविधियों का केंद्र है और ज्यादातर छात्रों के लिए यह जीवन भर याद रहने वाले अनुभव देता है.
ऑयल ऐंड नैचुरल गैस कॉर्पोरेशन (ओएनजीसी) और इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आइसीएमआर) के सहयोग से चलने वाले पाठ्यक्रमों के अलावा आइआइटी खडग़पुर ने हाल ही में रेलवे रिसर्च, एडवांस्ड मैन्युफैक्चरिंग, रूरल टेक्नोलॉजीज, आर्टीफीशियल इंटेलिजेंस, हैपीनेस, पेट्रोलियम इंजीनियरिंग, क्वालिटी ऐंड रिलायबिलिटी, इन्फ्रास्ट्रक्चर डिजाइन, साइंस ऐंड हेरिटेज, सोलर एनर्जी, सुपर कंप्यूटिंग, इनोवेशन, आंट्रप्रेन्योरशिप से जुड़े सेंटर ऑफ एक्सीलेंस विकसित किए हैं.
इन केंद्रों ने दुनियाभर के शीर्ष विश्वविद्यालयों का ध्यान खींचा और यहां राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तमाम तरह के गठजोड़ हुए.
प्राथमिकता वाले क्षेत्र
बुनियादी विषयों पर जोर देने के अलावा आइआइटी खडग़पुर अब विभिन्न विषयों के परस्पर तालमेल पर ध्यान दे रहा है, जिससे साइंस, टेक्नोलॉजी, ह्यूमैनिटीज, सोशल साइंस, लॉ और मैनेजमेंट एक साथ आ गए हैं.
इनमें शामिल हैं: टेक्नोलॉजी कन्वर्जेंस रिसर्च प्रोग्राम जैसे एडवांस्ड मैन्युफैक्चरिंग टेक्नोलॉजीज, सस्ती स्वास्थ्य प्रौद्योगिकी, स्मार्ट इन्फ्रास्ट्रक्चर डिजाइन के लिए प्रौद्योगिकी, जियो साइंसेज फॉर द फ्यूचर ऑफ अर्थ और इंटेलिजेंट ऐंड ग्रीन ट्रांसपोर्टेशन टेक्नोलॉजीज.
सभी पाठ्यक्रमों में प्रत्यक्ष तालमेल-जैसे डिजिटल कन्वर्जेंस, एफिशिएंट ऐंड ऑल्टरनेटिव एनर्जी, सेफ्टी, सिक्योरिटी ऐंड रिलायबिलिटी, ह्यूमन इंटरफेस.
सोशल कन्वर्जेंस रिसर्च प्रोग्राम-जैसे, सिग्नल्स ऐंड सिस्टक्वस इन लाइफ साइंसेज, फ्यूचर ऑफ सिटीज, टेक्नोलॉजिकल इंटरवेंशन फॉर फूड सस्टेनेबिलिटी, साइंटिफिक अप्रोच इन नेटवर्किंग और डिजाइनिंग ऑफ हेरिटेज इंटरफेस (सैंडएचआई).
आगे की राह
आइआइटी खडग़पुर का लक्ष्य सभी विषयों के अनुसंधान से जुड़ा ऐसा संस्थान बनना है जो कई विषयों को मिलाकर अनुसंधान करता हो. ट्रांस-डिसिपलिनरी इकाइयां तैयार करने के लिए शैक्षणिक संरचना का पुनर्गठन, उच्च शिक्षा के विभिन्न स्तरों पर एक विषय से दूसरे विषय में जाने के विकल्प के साथ शैक्षणिक कार्यक्रम बनाना.
आइआइटी के अतिरिक्त दुनिया के सर्वश्रेष्ठ संस्थानों से पढऩे-सीखने का मौका देने के लिए ड्यूल अथवा संयुक्त शैक्षणिक, अनुसंधान और व्यावसायिक प्रोग्राम के लिए अपनेः अपने क्षेत्र के अग्रणी संस्थानों से समझौता करना.
राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय आउटरीच सेंटर सह रिसर्च पार्क के जरिए बेहतरीन आउटरीच एकैडमिक, रिसर्च कंस्लटेंसी और आंट्रप्रेन्योरशिप कार्यक्रम तैयार करना.
इस संस्थान का मकसद ऐसे प्रोग्राम शुरू करना है जो शिक्षा, टेक्नोलॉजी, जरूरी कदम उठाने के लिए सरकारों और संगठनों तक उपयुक्त सूचना व जानकारी मुहैया कराने की दृष्टि से शिक्षा और अनुसंधान गतिविधियों का दायरा बढ़ाता हो.
अन्य उपलब्धियां
आइआइटी खडग़पुर के पूर्व छात्रों ने एक दर्जन से भी अधिक स्कूल, केंद्र और कार्यक्रमों को शुरू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जिनकी वजह से उनका संस्थान विश्वस्तरीय बन सका.
आइआइटी खडग़पुर एक अस्पताल खोलने जा रहा है. इसके साथ ही देश-विदेश के उत्कृष्ट संस्थानों के सहयोग से एक एडवांस्ड मेडिकल एजुकेशन प्रोग्राम शुरू करने की तैयारी की जा रही है. रेखी सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर द साइंस ऑफ हैपीनेस संस्थानों में छात्रों को तनावमुक्त रखने की एक विशेष पहल है.
सैंडएचआइ और विज्ञान व प्रौद्योगिकी के इतिहास से संबद्ध पाठ्यक्रम पढ़ाई और अनुसंधान को नया आयाम देते हैं और ये दुनियाभर के अग्रणी संस्थानों के लिए आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं. विश्वस्तरीय परिणाम और सहयोग सुनिश्चित करने में इंटरनेशनल समर विंटर प्रोग्राम, इंस्टीट्यूट चैलेंज ग्रांट्स ऐंड गोपाल राजगढिय़ा इंटरनेशनल प्रोग्राम जैसे कार्यक्रमों का बड़ा योगदान है.
आइआइटी खडग़पुर 6.5 मेगावाट के सोलर रिसर्च ऐंड यूटिलिटी फैसिलिटी, सीवेज वाटर रिसाइक्लिंग रिसर्च फैसिलिटी और सॉलिड वेस्ट टू वेल्थ प्रोग्राम पर काम कर रहा है.
तकनीकी शिक्षा सुधारने के कदम
-शिक्षण-प्रशिक्षण के लिए राष्ट्रीय स्तर पर एक मंच का निर्माण. इसका एक उदाहरण है नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी. राष्ट्रीय स्तर पर कंप्यूटिंग और एनालिटिक्स के लिए भी ऐसे ही मंच तैयार होने चाहिए.
-फैकल्टी के मामले में राष्ट्रीय स्तर पर गुणवत्ता विकास और सुधार कार्यक्रम.
-अहम क्षेत्रों में व्यापक अनुसंधान की राह बनाने के लिए जीआइएएन कार्यक्रम को आगे बढ़ाना और अग्रणी अंतरराष्ट्रीय संस्थानों के साथ शैक्षणिक व अनुसंधान सहयोग की योजना.
-वर्तमान और नई सुविधाओं को जोड़ते हुए राष्ट्रीय अनुसंधान नेटवर्क बनाना और उन्नत शोध के लिए संसाधनों की साझेदारी.
-पीजी, पीएचडी और पीएचडी के बाद की पढ़ाई के लिए नई डिग्रियां शुरू हों, जिससे देश के अनुसंधान कार्यक्रमों में उद्योगों और अनुसंधान व विकास प्रयोगशालाओं के उत्कृष्ट तकनीकी विशेषज्ञों के भाग लेने की प्रणाली विकसित हो सके.
आइआइटी खड़गपुर में इनोवेशन
बिजली, पानी, मेडिकल उपकरण तथा चिप कूलिंग की खातिर नए उपकरण तैयार करने के लिए माइक्रो और नैनो फ्लूडिक्स/फिल्टरेशन पर रिसर्च
सर्किट डिजाइन, ऑटोमोटिव ऐप्लिकेशन और रेलवे सेफ्टी से संबंधित क्षेत्रों में डिजाइन, वेरीफिकेशन और सिक्योरिटी के उन्नत तरीके
समुद्र, नदियों, भूमि, वातावरण, तटीय इलाकों, कृषि, जल और अन्य प्राकृतिक संसाधनों से संबद्ध जलवायु परिवर्तन में एडवांस्ड रिसर्च
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ग्रामीण और खेती की नई प्रौद्योगिकी विकसित की गई जिससे ग्रामीण इलाकों में लोगों का जीवन बदल सका.
लेखक आइआइटी खड़गपुर के निदेशक हैं