आने वाले दिनों में राजस्थान कितनी अहम भूमिका निभाने जा रहा है, इस बात को समझते हुए इंडिया टुडे ने 1997 में अपना जयपुर ब्यूरो खोला था. देश में सबसे बड़े क्षेत्रफल वाला यह राज्य कई वजहों से दुनियाभर में अपने प्रति दिलचस्पी जगाता है, इसके बावजूद यह एक ऐसी जगह है जिसका पूरी क्षमता से अब तक दोहन नहीं हो सका है. राजस्थान के लोग अपने देश, राज्य और अपने परिवार की भलाई के लिए मजबूत इच्छाशक्ति रखते हैं. बावजूद इसके राज्य में उन्हें तरक्की के अवसरों से वंचित होना पड़ता है या फिर वे उपलब्ध संसाधनों का पूर्ण दोहन कर पाने में अक्षम रहते हैं. कुछ लोग सामंती मानसिकता को इसका दोषी मानते हैं. लेकिन अच्छा प्रदर्शन न कर पाने का यह कोई बहाना नहीं हो सकता, क्योंकि 70 साल का लोकतंत्र अगुआई के लिए पर्याप्त वक्त देता है. पिछड़े हुए सामाजिक सूचकांकों और गरीबी से लड़ते हुए राज्य ने खुद को पर्यटकों के लिए अद्भुत जगह के रूप में स्थापित किया है और यहां रह रहे लोगों के जीवन को भी सुखी बनाया है. राजस्थान में होना सुखद है, चाहे आप कितनी भी देर रहें. यह राज्य विविध गतिविधियों से भरा पड़ा है और तेजी से तरक्की करने के लिए कमर कस चुका है.
इंडिया टुडे का राजस्थान पर केंद्रित विशेषांक इस राज्य के सर्वश्रेष्ठ को सामने लाने का एक प्रयास है. हमने अलग-अलग 12 क्षेत्रों के 12 जानकारों से एक-एक आलेख लिखने का आग्रह किया. हर आलेख इस राज्य की एक झांकी की तरह है. हर श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ चीजों को छांटने में इससे काफी आसानी हुई है. राज्य के बारे में उनके ज्ञान का भी इससे बखूबी पता लगता है. यहां देखने, खरीदने, भोगने और खाने को इतना कुछ है कि एक बार की यात्रा से कुछ नहीं होने वाला, आपको यहां बार-बार आना होगा.
राजस्थान का इन क्षेत्रों में कोई जोड़ नहीं है. यह एक ऐसी ऐतिहासिक जगह है, जहां हर छोटी-बड़ी चीज का एक अतीत है. इनमें कोई राजा, कोई पकवान, भवन, देवता, धार्मिक स्थल, हस्तशिल्प, त्योहार, मेला और यहां तक कि पगड़ी जैसी छोटी चीज भी हो सकती है. जिन लोगों ने राजस्थान नहीं देखा है उनके लिए यह रेगिस्तान है लेकिन हकीकत यह है कि पानी की कमी के बावजूद हरियाली और झीलों के मामले में यह राज्य बेहद खूबसूरत है. इसके तीन अहम शहर उदयपुर, जोधपुर और जयपुर विमान सेवा से जुड़े हुए हैं और इनका रेल संपर्क भी अच्छा है. अगर इस राज्य का असली आनंद लेना है तो उसे सड़क मार्ग से ही लिया जा सकता है. राजस्थान के राजमार्गों पर गाड़ी चलाना सुखद अनुभव है और राजस्थान को देखने का यह सर्वश्रेष्ठ तरीका है. शहरों के भीतर हालांकि गाड़ी चलाना बुरा अनुभव साबित हो सकता है, क्योंकि वहां यातायात का प्रबंधन काफी लचर है और पार्किंग की भी दिक्कतें हैं. बावजूद इसके, वह भी आपके अनुभव का एक हिस्सा ही होगा.
राजस्थान मुख्यतः शाकाहारी राज्य है लेकिन बीते बीस वर्षों में यहां खानपान में बदलाव आया है. जोधपुर जैसी जगहों पर लोग अच्छा खाना पकाते हैं और बहुत दिन नहीं हुए जब लोग शायद ही बाहर खाने जाया करते थे. अब यह चलन बदल चुका है. शहर में अलग-अलग पकवानों की पेशकश करने वाले रेस्तरां मौजूद हैं और लोगों की भीड़ वहां जुटी रहती है. मॉल और मल्टीप्लेक्स कुकुरमुत्ते की तरह उग आए हैं जिससे फूड कोर्ट की संस्कृति पनप रही है. कुछ बड़े होटलों ने भी अपने रेस्तरां पर काफी ध्यान दिया है ताकि लोग वहां आ सकें. कुछ होटल शुद्ध वैष्णव भोजन परोसते हैं जबकि हेरिटेज होटलों में हर किस्म का खाना मिलता है, खासकर मांसाहारी. यहां सड़कों पर खरीदारी करना हमेशा से सुखद रहा है लेकिन अब महंगी चीजें खरीदना भी संभव हो गया है. आपको दोनों किस्म की चीजें सड़क से मॉल तक मिल सकती हैं, जहां अब शोरूम के अलावा कियोस्क भी लग गए हैं.
राजस्थान की जलवायु गरम है लेकिन यहां साल भर आनंद लिया जा सकता है. गर्मियों में किलों और रजवाड़ों का आनंद सुबह के वक्त लिया जा सकता है. दोपहर में आराम कर के शाम को बाजार-हाट किया जा सकता है और रात के खाने के बाद शहर में नाइट ड्राइव का आनंद भी उठाया जा सकता है. अगर किसी शहर का वास्तव में नजारा लेना है तो रात दस बजे के बाद जब यातायात कम हो जाता है, तब प्रदेश के किसी भी बड़े शहर मं गाड़ी चलाने का असली आनंद है.
राजस्थान को देखने-समझने के लिए चार हक्रते की यात्रा से कम में काम नहीं चलेगा. बार-बार भी यात्राएं की जा सकती हैं. यहां के मेलों-त्योहारों के दौरान यहां होना सुखद है. यहां का कुदरती सौंदर्य और वन्यजीवन अप्रतिम है. अलग-अलग जगहों की पहचान कर के आप हर बार एक नया अनुभव ले सकते हैं. बस यहां आने का बहाना चाहिए. आप चाहें तो किसी मंदिर या दरगाह के लिए निकल सकते हैं, किसी स्मारक के लिए या फिर अच्छा भोजन और खरीदारी के बहाने यहां आ सकते हैं. यहां के आलीशान होटलों में ठहरने, लोकनृत्य और कैमल सफारी का आनंद लेने, झील में नौका विहार करने, धोरों पर रात गुजारने, शाही लोगों के साथ मिलने-जुलने, फौजियों के गांवों को देखने या भेड़ चराने वालों के साथ घूमने का बहाना भी अच्छा है. आप चाहें तो हिल स्टेशन के लिए भी यहां आ सकते हैं. आलीशान महलों में बने संग्रहालयों को देखना भी सुखद है. राज्य में प्रवेश के कई बिंदु हैं और यह तमाम जगहों से संपर्क मार्गों से जुड़ा हुआ है. यहां का हर कोना दूसरे से अलहदा दिखता है. राज्य में हड़प्पाकालीन जगहें भी हैं और गुप्त काल के स्मारक तथा बौद्ध गुफाओं के अवशेष भी हैं. चित्तौडग़ढ़ के किले में इतनी ऐतिहासिक चीजें मौजूद हैं कि इसे रोमन साम्राज्य सरीखी संज्ञा दी जा सकती है.
यहां एक भी पल आपको ऊब नहीं होती. यहां के लोकगीत सुरीले हैं और लोकनृत्य नाचने को मजबूर करते हैं. दुनिया भर के फोटोग्राफरों की यह पहली पसंद है. यहां हर किस्म के वन्यजीव मौजूद हैं. ऊंटों का जत्था, भेड़ों-बकरियों का रेवड़, बंदर और प्रवासी पक्षियों का आसामान्य जगहों पर जुटान फोटोग्राफरों के लिए सुखद अवसर होता है. यहां धार्मिक स्थलों और स्मारकों को दुरुस्त रखने के प्रयास लगातार किए जाते हैं ताकि लाखों सैलानियों को कोई दिक्कत न हो. यहां पुराने स्मारकों के चलते पुरातात्विक यात्राएं भी आयोजित की जाती हैं.
हाल के वर्षों में घरेलू सैलानियों की संख्या में यहां काफी इजाफा हुआ है. यहां के कोचिंग संस्थानों और अन्य शैक्षणिक संस्थानों में दूसरे राज्यों के अध्ययनरत छात्र इस राज्य की खूबसूरती और भव्यता का संदेश प्रसारित कर रहे हैं. राजस्थान में लंबे समय तक अच्छे शैक्षणिक संस्थान नहीं थे, सिवाए राजमाता गायत्री देवी के शुरू किए महारानी गायत्री देवी या सवाई मान सिंह या सेंट जेवियर स्कूलों के. अब यह स्थिति बदल रही है. यहां कई अच्छे स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालय खुल रहे हैं. कोटा और अन्य जगहों पर कोचिंग संस्थानों की भरमार हो गई है. राज्य में अब एक्वस, आइआइटी, इसरो, सीएजेडआरआइ, कैमल ब्रीडिंग फार्म और आइआइएम खुल गए हैं. यहां कई इंजीनियरिंग कॉलेज खुल चुके हैं. प्रदेश की साक्षरता की दर भी बढ़ी है और गांवों के बच्चे अब सहर्ष स्कूलों में पढऩे जाते हैं.
राज्य का माहौल काफी शांत है. यह अपने सांप्रदायिक और जातिगत सद्भाव के लिए मशहूर है. हर जाति और धर्म ने राज्य की तरक्की में योगदान दिया है. यही वजह है कि चाहे सौर ऊर्जा हो या पवन या फिर श्रम सघन उद्योगों, डिजिटल तकनीक केंद्रित इकाइयों और कॉल सेंटरों को स्थापित करने की बात, निवेशक यहां आकर्षित हो रहे हैं. चिकित्सा के क्षेत्र में भी यहां बेहतरीन सुविधाएं मौजूद हैं. ग्रामीण और शहरी सड़कों के साथ-साथ चिकित्सा सुविधाएं भी तरक्की कर रही हैं. राज्य में अंग प्रत्यारोपण भी अब उपलब्ध हो चुका है. तेल रिफाइनरी और पावर प्लांट लगने के बाद बाड़मेर में तरक्की और उद्यमिता की एक नई कहानी लिखी जा रही है. इससे यहां के युवा रोजगार के मामले में काफी लाभान्वित हुए हैं. आज राज्य में जैतून की कामयाब खेती हो रही है. यहां कलाकारों के लिए बेहद अनुकूल माहौल है.
राज्य में लंबी दूरियों और अक्सर पडऩे वाले सूखे की वजह से इसके राजकाज में मुश्किलें आती हैं, लेकिन सरकार और जनता ने मिलकर इन चुनौतियों का सामना करने के नए तरीके खोज निकाले हैं. यही वह ताकत है जिसने दिन-ब-दिन राज्य को लगातार उभरने में मदद की है और इस लायक बनाया है कि वह आज की तारीख में किसी का भी सर्वश्रेष्ठ स्वागत करने को तैयार है.
राजस्थान में मेहमाननवाजी के लिए बस एक बहाना चाहिए
राजस्थान ऐतिहासिक जगह है, जहां हर छोटी-बड़ी चीज का एक अतीत है. झीलों के मामले में यह प्रदेश बेहद खूबसूरत है. यहां देखने-आजमाने के लिए इतनी चीजें हैं कि आप यहां बार-बार आने की तमन्ना रखेंगे.

अपडेटेड 4 मार्च , 2016
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