गायत्री के.एस. ने मैनेजमेंट के अलग-अलग सिद्धांतों के बारे में सब कुछ पढ़ लिया था. लेकिन 20 साल की इस छात्रा ने जब एक हफ्ते चेन्नै के पास कदंबूर गांव में गरीब किसानों के ठप्प होते कारोबार का रुख पलटने में मदद की, तब कहीं जाकर वह सिद्धांतों का व्यावहारिक उपयोग करना सीख पाई. गायत्री जैसे 10 विद्यार्थियों को एसआरएम यूनिवर्सिटी से ‘‘आंट्रेप्रेन्योर्स विदाउट बॉर्डर्स’’ नाम के एक अभियान के लिए चुना गया.

अमेरिका में छात्रों के नेतृत्व में शुरू हुई इस पहल का उद्देश्य दुनियाभर के देशों में व्यावहारिक ज्ञान को बढ़ावा देना है. इस टीम ने मिलकर भारत के गांवों की आम समस्याओं को कारोबार के जरिए सुलझाने के उपाय तैयार किए हैं. एसआरएम यूनिवर्सिटी में मैनेजमेंट स्कूल के डीन जयश्री सुरेश कहते हैं, ‘‘मैनेजमेंट को एकदम सही मायनों में समझ्ने के लिए क्लास से निकलकर लोगों से संवाद करना बेहद जरूरी है.’’
प्लेसमेंट पैकेज में गिरावट और जबरदस्त प्रतिस्पर्धा के बावजूद क्राइस्ट यूनिवर्सिटी बंगलुरू, मैनेजमेंट डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट, गुडग़ांव और लालबहादुर शास्त्री इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट, दिल्ली जैसी संस्थाओं ने इस साल नए कैंपस, कार्यक्रमों और बुनियादी सुविधाओं में निवेश किया है.
क्राइस्ट यूनिवर्सिटी में मैनेजमेंट अध्ययन के प्रमुख जैन मैथ्यू कहते हैं, ‘‘मैनेजमेंट में टिके रहने के लिए क्वालिटी बेहद जरूरी है. अगर आप काबिल हैं तो कंपनियां आपके पास आएंगी. स्कूल नई शाखाएं खोलकर और पढ़ाने के नए स्टाइल अपनाकर बीबीए और एमबीए की पढ़ाई को नया अंदाज दे रहे हैं.’’ पिछले साल क्राइस्ट के विद्यार्थियों को गोल्डमैन सैक्स, जेपी मॉर्गन और ग्रांट थॉर्टन से प्लेसमेंट ऑफर मिले थे. इसने सर्टिफिकेशन कोर्स भी शुरू किया है, जिससे छात्रों को एसएपी में ट्रेनिंग लेने का मौका मिलता है.
इंडिया टुडे-नीलसन बेस्ट कॉलेजेज सर्वे में बीबीए रैंकिंग में इस साल नया शमिल हुआ सिम्बायोसिस सेंटर फॉर मैनेजमेंट स्टडीज दूसरे नंबर पर है. क्राइस्ट यूनिवर्सिटी अभी नंबर वन है, जबकि एमिटी स्कूल ऑफ बिजनेस दो से पांचवें नंबर पर चला गया है और मद्रास क्रिश्चयन कॉलेज पांचवें से नौवें नंबर पर लुढ़क गया है.
बीसीए में भी अव्वल

(क्राइस्ट यूनिवर्सिटी की उपलब्धियां)

अमेरिका में छात्रों के नेतृत्व में शुरू हुई इस पहल का उद्देश्य दुनियाभर के देशों में व्यावहारिक ज्ञान को बढ़ावा देना है. इस टीम ने मिलकर भारत के गांवों की आम समस्याओं को कारोबार के जरिए सुलझाने के उपाय तैयार किए हैं. एसआरएम यूनिवर्सिटी में मैनेजमेंट स्कूल के डीन जयश्री सुरेश कहते हैं, ‘‘मैनेजमेंट को एकदम सही मायनों में समझ्ने के लिए क्लास से निकलकर लोगों से संवाद करना बेहद जरूरी है.’’प्लेसमेंट पैकेज में गिरावट और जबरदस्त प्रतिस्पर्धा के बावजूद क्राइस्ट यूनिवर्सिटी बंगलुरू, मैनेजमेंट डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट, गुडग़ांव और लालबहादुर शास्त्री इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट, दिल्ली जैसी संस्थाओं ने इस साल नए कैंपस, कार्यक्रमों और बुनियादी सुविधाओं में निवेश किया है.
क्राइस्ट यूनिवर्सिटी में मैनेजमेंट अध्ययन के प्रमुख जैन मैथ्यू कहते हैं, ‘‘मैनेजमेंट में टिके रहने के लिए क्वालिटी बेहद जरूरी है. अगर आप काबिल हैं तो कंपनियां आपके पास आएंगी. स्कूल नई शाखाएं खोलकर और पढ़ाने के नए स्टाइल अपनाकर बीबीए और एमबीए की पढ़ाई को नया अंदाज दे रहे हैं.’’ पिछले साल क्राइस्ट के विद्यार्थियों को गोल्डमैन सैक्स, जेपी मॉर्गन और ग्रांट थॉर्टन से प्लेसमेंट ऑफर मिले थे. इसने सर्टिफिकेशन कोर्स भी शुरू किया है, जिससे छात्रों को एसएपी में ट्रेनिंग लेने का मौका मिलता है.
इंडिया टुडे-नीलसन बेस्ट कॉलेजेज सर्वे में बीबीए रैंकिंग में इस साल नया शमिल हुआ सिम्बायोसिस सेंटर फॉर मैनेजमेंट स्टडीज दूसरे नंबर पर है. क्राइस्ट यूनिवर्सिटी अभी नंबर वन है, जबकि एमिटी स्कूल ऑफ बिजनेस दो से पांचवें नंबर पर चला गया है और मद्रास क्रिश्चयन कॉलेज पांचवें से नौवें नंबर पर लुढ़क गया है.
बीसीए में भी अव्वल
इक्कीस साल की प्रियंका प्रधान के कॉलेज के अनेक
अनुभवों में से एक बेहद कीमती अनुभव यह भी था कि उन्हें कॉलेज के एक आयोजन
में अपने मनचाहे अभिनेता अमिताभ बच्चन से मिलने का मौका मिल गया. यह मौका
उन्हें मिला अपने कॉलेज सिम्बायोसिस इंस्टीट्यूट ऑफ कंप्यूटर स्टडीज ऐंड
रिसर्च (एसआइसीआर) में. साइबर सिक्योरिटी वर्कशॉप को लेकर कैंपस के गूगल
स्टुडेंट क्लब में ट्रेनिंग, ‘‘हैकाथन’’ थीम पार्टियों में मौज-मस्ती और
एडमॉब की चुनौतियों के साथ तीन साल का बीसीए कोर्स असल में प्रियंका का
सपना साकार कर गया.
एसआइसीएसआर के डायरेक्टर ललित कठपालिया कहते हैं, ‘‘एक
बहुत बड़ी गलतफहमी यह है कि कंप्यूटर साइंस पढऩे का मतलब सिर्फ कोडिंग और
प्रोग्राम लिखना होता है.
आज इस विषय में और बहुत कुछ सिखाया जाता है. अब इसमें सिक्योरिटी इंटेलिजेंस, डिजास्टर मैनेजमेंट, बिजनेस कम्युनिकेशन और डाटाबेस मैनेजमेंट जैसे अनेक नए और दिलचस्प विषय जुड़ गए हैं. विद्यार्थी अपनी रुचि के मुताबिक मीडिया में संगीत, कंप्यूटिंग में सामाजिक मूल्य, मानव-कंप्यूटर संपर्क और नए जमाने की क्लाउड कंप्यूटिंग जैसे अनूठे मॉड्यूल भी चुन सकते हैं. आज हमारी जिंदगी में हर तरफ कंप्यूटर का उपयोग दिनोदिन बढ़ता जा रहा है. इसलिए कंप्यूटर साइंस एक बड़ा कमाऊ विषय हो गया है.’’
मद्रास क्रिश्चयन कॉलेज, चेन्नै में आइबीएम, इन्फोसिस, माइक्रोसॉफ्ट और एक्सेंचर जैसी टेक्नोलॉजी की बड़ी जानी-मानी कंपनियों की वर्कशॉप हों या मेसरा में बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (बीआइटी) मेलबर्न विश्वविद्यालय, मैनिटोबा विश्वविद्यालय और न्यू ब्रन्सविक विश्वविद्यालय के साथ किए जाने वाले एक्सचेंज प्रोग्राम, कंप्यूटर साइंस के विद्यार्थियों के सामने कक्षा के भीतर और बाहर सीखने के बहुत सारे अवसर मौजूद रहते हैं.
इंडिया टुडे-नीलसन बेस्ट कॉलेजेज सर्वे की बीसीए रैंकिंग की टॉप 10 सूची में इस साल तीन नए नाम शामिल हैं. एसआइसीएसआर, बीआइटी, मेसरा और प्रेसिडेंसी कॉलेज, बंगलुरू बेस्ट कॉलेज की सूची में पहली बार पांचवें, छठे और सातवें स्थान पर आए हैं. क्राइस्ट यूनिवर्सिटी लगातार तीसरी बार पहले नंबर पर है, जबकि एसआरएम यूनिवर्सिटी, चेन्नै का कंप्यूटर एप्लीकेशंस विभाग तीन सीढिय़ां चढ़कर नंबर दो पर पहुंच गया है.

पिछले साल क्राइस्ट यूनिवर्सिटी के कंप्यूटर एप्लीकेशंस विभाग में विद्यार्थियों और उद्योग जगत के बीच संपर्क काफी बढ़ गया था. उस साल गूगल, फायरफॉक्स, विकीपीडिया, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज और माइक्रोसॉफ्ट जैसी टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में काम करने वाली बड़ी-बड़ी कंपनियां विद्यार्थियों की भर्ती और ट्रेनिंग के लिए कैंपस में आईं.

फैकल्टी की व्यस्तता और उपलब्धियां भी काफी थीं. कंप्यूटर एप्लीकेशंस विभाग के कई सदस्यों ने प्रतिष्ठित इंटरनेशनल जर्नल ऑफ कंप्यूटर एप्लीकेशंस में शोध लेख प्रकाशित किए. साल के अंत में प्लेसमेंट सप्ताह काफी सफल रहा. लिंक्डइन ने दो विद्यार्थियों को 12.5 लाख रु. का पैकेज दिया. केपीएमजी, जोमैटो, ऑरेकल, अर्न्स्ट ऐंड यंग और टेस्को जैसी कुछ नामी-गिरामी कंपनियों ने इस साल यहां के स्टुडेंट्स की अपनी कंपनी में भर्ती की है.
एसआइसीएसआर के डायरेक्टर ललित कठपालिया कहते हैं, ‘‘एक
बहुत बड़ी गलतफहमी यह है कि कंप्यूटर साइंस पढऩे का मतलब सिर्फ कोडिंग और
प्रोग्राम लिखना होता है. आज इस विषय में और बहुत कुछ सिखाया जाता है. अब इसमें सिक्योरिटी इंटेलिजेंस, डिजास्टर मैनेजमेंट, बिजनेस कम्युनिकेशन और डाटाबेस मैनेजमेंट जैसे अनेक नए और दिलचस्प विषय जुड़ गए हैं. विद्यार्थी अपनी रुचि के मुताबिक मीडिया में संगीत, कंप्यूटिंग में सामाजिक मूल्य, मानव-कंप्यूटर संपर्क और नए जमाने की क्लाउड कंप्यूटिंग जैसे अनूठे मॉड्यूल भी चुन सकते हैं. आज हमारी जिंदगी में हर तरफ कंप्यूटर का उपयोग दिनोदिन बढ़ता जा रहा है. इसलिए कंप्यूटर साइंस एक बड़ा कमाऊ विषय हो गया है.’’
मद्रास क्रिश्चयन कॉलेज, चेन्नै में आइबीएम, इन्फोसिस, माइक्रोसॉफ्ट और एक्सेंचर जैसी टेक्नोलॉजी की बड़ी जानी-मानी कंपनियों की वर्कशॉप हों या मेसरा में बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (बीआइटी) मेलबर्न विश्वविद्यालय, मैनिटोबा विश्वविद्यालय और न्यू ब्रन्सविक विश्वविद्यालय के साथ किए जाने वाले एक्सचेंज प्रोग्राम, कंप्यूटर साइंस के विद्यार्थियों के सामने कक्षा के भीतर और बाहर सीखने के बहुत सारे अवसर मौजूद रहते हैं.
इंडिया टुडे-नीलसन बेस्ट कॉलेजेज सर्वे की बीसीए रैंकिंग की टॉप 10 सूची में इस साल तीन नए नाम शामिल हैं. एसआइसीएसआर, बीआइटी, मेसरा और प्रेसिडेंसी कॉलेज, बंगलुरू बेस्ट कॉलेज की सूची में पहली बार पांचवें, छठे और सातवें स्थान पर आए हैं. क्राइस्ट यूनिवर्सिटी लगातार तीसरी बार पहले नंबर पर है, जबकि एसआरएम यूनिवर्सिटी, चेन्नै का कंप्यूटर एप्लीकेशंस विभाग तीन सीढिय़ां चढ़कर नंबर दो पर पहुंच गया है.

पिछले साल क्राइस्ट यूनिवर्सिटी के कंप्यूटर एप्लीकेशंस विभाग में विद्यार्थियों और उद्योग जगत के बीच संपर्क काफी बढ़ गया था. उस साल गूगल, फायरफॉक्स, विकीपीडिया, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज और माइक्रोसॉफ्ट जैसी टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में काम करने वाली बड़ी-बड़ी कंपनियां विद्यार्थियों की भर्ती और ट्रेनिंग के लिए कैंपस में आईं.

फैकल्टी की व्यस्तता और उपलब्धियां भी काफी थीं. कंप्यूटर एप्लीकेशंस विभाग के कई सदस्यों ने प्रतिष्ठित इंटरनेशनल जर्नल ऑफ कंप्यूटर एप्लीकेशंस में शोध लेख प्रकाशित किए. साल के अंत में प्लेसमेंट सप्ताह काफी सफल रहा. लिंक्डइन ने दो विद्यार्थियों को 12.5 लाख रु. का पैकेज दिया. केपीएमजी, जोमैटो, ऑरेकल, अर्न्स्ट ऐंड यंग और टेस्को जैसी कुछ नामी-गिरामी कंपनियों ने इस साल यहां के स्टुडेंट्स की अपनी कंपनी में भर्ती की है.

(क्राइस्ट यूनिवर्सिटी की उपलब्धियां)

