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मायावती के भतीजे को वाई-प्लस सुरक्षा मिलने से अफवाहों का बाजार गर्म

आकाश ने ऐसी सुरक्षा भले न मांगी थी पर सपा के विवादास्पद पूर्व एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य समेत कई विपक्षी नेताओं ने ऐसी सुरक्षा की मांग की

इलस्ट्रेशन: सिद्धांत जुमडे
इलस्ट्रेशन: सिद्धांत जुमडे

उत्तर प्रदेश में राज्यसभा की 10 सीटों के चुनाव के चार दिन बाद 2 मार्च को भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने बसपा प्रमुख मायावती के भतीजे और आधिकारिक तौर पर पार्टी में नंबर 2 आकाश आनंद को वाई-प्लस श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की. इसका वक्त मायने रखता है क्योंकि यूपी में एकमात्र बसपा विधायक उमाशंकर सिंह का वोट मिलने की वजह से ही भाजपा के आठवें उम्मीदवार संजय सेठ जीत सके. ऐसे में सियासी पर्यवेक्षक जहां वाई-प्लस सुरक्षा को भाजपा सरकार का बसपा को तोहफा बता रहे, वहीं इसने कई लोगों को नाराज कर दिया है. आकाश ने ऐसी सुरक्षा भले न मांगी थी पर सपा के विवादास्पद पूर्व एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य समेत कई विपक्षी नेताओं ने ऐसी सुरक्षा की मांग की. उन्हें वह नहीं मिली. अफवाहों का बाजार गर्म है कि आगामी आम चुनाव में भाजपा और बसपा के बीच अनौपचारिक समझौता हो सकता है.

ना, बहुत लड़ लिए चुनाव

अगले लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा की पहली सूची में गुजरात के घोषित 15 उम्मीदवारों में एक तिहाई नए चेहरे हैं. मगर सबसे बड़ी खबर यह नहीं थी कि किनका पत्ता साफ हो गया या किन्हें टिकट मिला. खबर यह थी कि पूर्व डिप्टी सीएम नितिन पटेल ने मेहसाणा सीट से अपनी उम्मीदवारी वापस ले ली, जहां से पार्टी ने अभी कोई उम्मीदवार घोषित नहीं किया है. वैसे गुजरात में ऐसा पहले भी हो चुका है. पटेल ने इसी तरह नए चेहरों के लिए रास्ता बनाने के लिए नवंबर 2022 में विधानसभा चुनाव लड़ने से 'मना' किया था. अब उनके सियासी भविष्य को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं.

अहंकारी नहुष के बहाने

आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत

आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत हाल में पटना में थे. वहां उन्होंने स्वयंसेवकों को तीन बोध कथाएं सुनाईं. दो तो उन्हें सचेत करने के लिए थीं. पर तीसरी कथा के आशय को लेकर लोग चौंक ही गए. वह पौराणिक कथा थी राजा नहुष की, जिसे इंद्र के बदले स्वर्ग का राजपाट मिला. भागवत ने कहा कि नहुष थोड़ी उपलब्धि मिलते ही अहंकार में ऐसा बलबला उठा कि सप्तऋषियों से अपनी पालकी ढुलवाने लगा. पालकी ढोने में थोड़ी गड़बड़ी हुई तो उसने भृगु ऋषि को लात मार दी. तब भृगु ने उसे अजगर बनने का शाप दे दिया. भागवत ने कहा कि किसी भी शासक को नहुष की तरह अहंकारी नहीं बल्कि विनम्र बने रहना चाहिए. समझ लीजिए.

शिंदे के नक्शेकदम पर फड़णवीस

उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना सरकार में मंत्री रहते एकनाथ शिंदे ने पार्टी के मेडिकल सहायता केंद्र के जरिए शानदार काम किया था. असल में कहा तो यह जाता है कि उस काम ने उन्हें इतनी अच्छी स्थिति में ला दिया कि वे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद के लिए अपनी दावेदारी जता सके. अब डिप्टी सीएम और भाजपा नेता देवेंद्र फड़णवीस ने अपने ऑफिस में एक मेडिकल सहायता केंद्र शुरू किया है. आखिर संकेत क्या है!

पवन सिंह के उम्मीद बा

भोजपुरी स्टार पवन सिंह

पश्चिम बंगाल के आसनसोल से भाजपा के घोषित उम्मीदवार और भोजपुरी स्टार पवन सिंह ने चुनाव लड़ने से मना कर दिया. सुनने में आ रहा है कि भाजपा नेतृत्व ने ही उन्हें अपनी दावेदारी वापस लेने को कहा. दरअसल, पवन के कुछ गानों और पोस्टरों को महिला विरोधी बताते हुए टीएमसी ने एक बड़ा मुद्दा बनाने की कोशिश की. भाजपा को लगा कि इससे संदेशखाली मसले पर ममता सरकार के खिलाफ उसका अभियान कमजोर होगा. वैसे, अब पवन को बिहार में भाजपा से उम्मीद है!

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