
इस बार की सर्दियां कांग्रेस के लिए कुछ ज्यादा भारी साबित हो रही हैं. कांग्रेस अध्यक्ष के तौर पर मल्लिकार्जुन खड़गे का पहला साल आसान रहा, पर अब उन्हें लगातार झटके झेलने पड़ रहे हैं. पहले तो हिंदी पट्टी के तीन बड़े राज्यों में चुनाव नतीजे पार्टी के पक्ष में नहीं रहे, फिर इंडिया गठबंधन के सहयोगियों ने बैठक का न्योता ठुकरा दिया. वहीं, कमलनाथ, अशोक गहलोत और भूपेश बघेल हार के बावजूद अपने-अपने राज्य में नई पीढ़ी के नेताओं के लिए रास्ता बनाने को तैयार नहीं. इससे राहुल गांधी खीजे हुए हैं. कांग्रेस अध्यक्ष लोकसभा चुनावों से पहले राज्यों में एआइसीसी महासचिव बदलना चाहते हैं. खड़गे इनके बीच संतुलन साधने में लगे ही थे कि पार्टी के राज्यसभा सदस्य धीरज प्रसाद साहू के पास 350 करोड़ रुपए से अधिक नकदी की जब्ती ने एक और मुश्किल में डाल दिया. फिर, पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा की किताब ने अलग बवाल मचा दिया. किताब राहुल के बारे में दिवंगत कांग्रेस नेता के इन विचारों को सामने लाती है, "उनमें अपने वंश का अहंकार है और सियासी कौशल नहीं."
जैसे को तैसा
लगता है, पंजाब में सियासी प्रतिद्वंद्विता एक अलग मुकाम पर पहुंच गई है. अकाली दल नेता बिक्रम मजीठिया हाल में मुख्यमंत्री भगवंत मान की बेटी सीरत का एक वीडियो सामने लेकर आए, जिसमें उसने आरोप लगाया कि मान ने उसकी मां को 'शारीरिक और मानसिक' तौर पर प्रताड़ित किया. यह मजीठिया परिवार पर मान के निजी हमलों का जवाब था. मान ने उनकी बहन और पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल को 'नन्नी चा' (उनके एनजीओ का नाम) कहकर संबोधित किया था, और उनके परदादा सर सुंदर सिंह मजीठिया को 'ब्रिटिश दलाल' तक कह डाला था. उससे पहले, विधानसभा में कांग्रेस विधायक और नेता विपक्ष प्रताप सिंह बाजवा ने सीएम को सीधे उनके पहले नाम से संबोधित करना शुरू कर दिया था. मान बड़बोलेपन का खामियाजा समझ गए होंगे.
कड़क मंत्री

वरिष्ठ रेलवे अफसरों को हाल में सुरक्षा प्रोटोकॉल की एक समीक्षा बैठक में केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का कोपभाजन बनना पड़ा. दरअसल, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान वैष्णव ने रिसर्च डिजाइन ऐंड स्टैंडर्ड ऑर्गेनाइजेशन के प्रतिनिधि से एक सवाल पूछा. पर वह अधिकारी उसके लिए तैयार नहीं थे तो उन्होंने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी. नाराज वैष्णव ने उन्हें जमकर डांट पिलाई और रेलवे बोर्ड के सीईओ से उन पर कार्रवाई का निर्देश भी दिया. बाद में पता चला कि उन्हें 'जबरन छुट्टी' पर भेज दिया गया.
गरम सियासी माहौल
राज्य में 'असहिष्णु' सियासी माहौल की आंध्र प्रदेश के सेवानिवृत्ति नौकरशाहों ने निंदा की है. उनका आरोप है कि सत्तारूढ़ वाइएसआरसीपी असहमति को दबाने, प्रतिद्वंद्वी दलों और सार्वजनिक संगठनों के कार्यकर्ताओं पर आपराधिक मामले दर्ज करने के लिए पुलिस अधिनियम की धारा 30 का दुरुपयोग कर रही है. सिटिजन फॉर डेमोक्रेसी के बैनर तले प्रदर्शनकारियों का एकजुट होना सीएम वाइएस जगन मोहन रेड्डी के लिए खतरे की घंटी है.
शादी में डॉक्टरों की ड्यूटी

लगता है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे उनके मितव्ययी स्वभाव को समझ नहीं पाते. दार्जिलिंग के कर्सिंयांग में उनके भतीजे अबेश की भव्य शादी ने हंगामा मचा दिया है, क्योंकि विशेषज्ञ डॉक्टरों और नर्सों सहित सौ लोगों की एक मजबूत मेडिकल टीम को समारोह (4-10 दिसंबर) के लिए आने वाले मेहमानों की सेवा के लिए 'नियुक्त' किया गया था. दरअसल, कुर्सिंयांग उप-संभागीय अस्पताल के अधीक्षक का इससे जुड़ा एक हस्ताक्षरित पत्र, सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. संयोग से, अबेश और दुलहन दोनों डॉक्टर हैं. विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने इसे 'शाही परिवार की शादी' करार दिया, जिसमें आम लोगों की उपेक्षा करके वीआइपी की सेवा के लिए डॉक्टरों को बुलाया गया था. दीदी तो शादी में शामिल नहीं हुईं, पर उनके दूसरे भतीजे और टीएमसी के नंबर 2 अभिषेक बनर्जी शामिल हुए थे.
— साथ में अर्कमय दत्ता मजूमदार, अभिषेक जी. दस्तीदार, अनिलेश एस. महाजन और अमरनाथ के. मेनन