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देश का मिज़ाज सर्व 2025 : पुराने अब भी ऊंचे पायदान पर

शतरंज ग्रैंडमास्टर दिव्या देशमुख धमाके के साथ फेहरिस्त में शामिल हुईं लेकिन विराट कोहली और रोहित शर्मा की चमक फीकी नहीं पड़ी

विराट कोहली देश का नंबर1 क्रिकेटर
अपडेटेड 16 अक्टूबर , 2025

दिग्गजों को भुलाना मुश्किल होता है, खासकर जब बात क्रिकेट की हो. विराट कोहली और रोहित शर्मा दोनों ही ट्वेंटी-20 और टेस्ट फॉर्मेट से संन्यास ले चुके हैं, जबकि धोनी ने तो अपनी नीली जर्सी बहुत पहले उतार दी थी. लेकिन भारतीयों के लिए अब भी यही क्रिकेट की सबसे चहेती तिकड़ी है, जो लगातार प्रेरित भी करती है और एंटरटेन भी. लोकप्रियता के शिखर पर कोहली के राज करने की वजह यह हो सकती है कि रॉयल चैलेंजर्स बेंगलूरू (आरसीबी) के इंडियन प्रीमियर लीग का चैंपियन बनने के बाद उन्होंने पहले से ही अनेक उपलब्धियों के अपने झिलमिलाते ताज में एक और उपलब्धि जड़ ली, जिसकी लंबे वक्त से चाहत थी.

उधर इसी साल ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड सरीखी मुश्किल टीमों को धूल चटाते हुए टीम इंडिया के चैंपियंस ट्रॉफी जीतने के साथ आइसीसी की एक और ट्रॉफी में भारत की अगुआई करने के बाद रोहित शर्मा नंबर 3 के पायदान पर कायम हैं.

महिला क्रिकेट के मोर्चे पर स्मृति मंधाना का नाम बड़े फासले के साथ शीर्ष पर कायम है. सारी नजरें 2024 की आइसीसी महिला ओडीआइ क्रिकेटर ऑफ द ईयर पर होंगी क्योंकि सबसे होनहार बल्लेबाजों में से एक यह भारतीय महिला क्रिकेटर टीम के लिए आइसीसी ट्रॉफी जीतने की उम्मीद कर रही है जो उनके करियर में अब तक हाथ नहीं आई. कहने की जरूरत नहीं कि भारत की महिला क्रिकेट टीम को खाता खोलना है तो मंधाना को आगामी महिला क्रिकेट विश्व कप में सबसे दमदार प्रदर्शन करना होगा. कप्तान हरमनप्रीत कौर के लिए भी यह टूर्नामेंट विरासत गढ़ने की आखिरी कोशिश हो सकता है.

क्रिकेट से हटकर बाकी खेलों की दुनिया में दो बार के ओलंपिक पदक विजेता नीरज चोपड़ा अब भी बेजोड़ एथलीट हैं तो महिला बैडमिंटन में यही हैसियत पी.वी. सिंधु ने कायम रखी है. शतरंज में भारत की विलक्षण युवा प्रतिभाएं लगातार ध्यान खींच रही हैं. ग्रैंडमास्टर डी. गुकेश, हाल ही विश्व कप जीतने वाली दिव्या देशमुख (पहली बार शीर्ष पांच में पदार्पण) और रमेश प्रज्ञानंद तथा उनकी बहन आर. वैशाली सभी ने इस ताजा सर्वे में अपनी कामयाबियों के लिए मान्यता हासिल की है.

लेकिन उत्तरदाता जब ताजा प्रदर्शनों से ज्यादा पुरानी कामयाबियां याद रखते हों तो सुनील छेत्री सरीखे, जद्दोजहद कर रही टीम के लिए संन्यास से वापसी करने वाले 41 वर्षीय दिग्गज फुटबॉलर, ओलंपिक पदक विजेता मीराबाई चानू, मनु भाकर और लवलीना बोरगोहैन के नाम बताते हैं कि अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों में भारत को अभी और खेल उपलब्धियों की जरूरत है.

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