
5 वजहें नेशनल लॉ स्कूल ऑफ इंडिया यूनिवर्सिटी, बेंगलूरू के अव्वल होने की
1. एनएलएसआईयू शिक्षण की मांग वाली सुकरात पद्धति पर चलता है, जो निरंतर शोध और लेखन के साथ सुगठित क्लासरूम लर्निंग का मिलाजुला रूप है. इससे यह पक्का होता है कि छात्रों में तीक्ष्ण विश्लेषणात्मक और पेशेवर कौशल विकसित हो.
2. अपने प्रमुख 5 वर्षीय बीए एलएलबी के अलावा 3 वर्षीय एलएलबी (ऑनर्स) और बीए (ऑनर्स) कोर्स की शुरुआत यह बताती है कि एनएलएसआईयू आधुनिक कानूनी शिक्षा को शक्ल देने में अगुआई कर रहा है.

3. एनएलएसआईयू सक्रिय रूप से छात्रों को जेनरेटिव एआई से विकसित हो रहे भविष्य के लिए तैयार कर रहा है. पाठ्यक्रम में राजनीति विज्ञान, इतिहास और अर्थशास्त्र जैसे मूलभूत विषयों को शामिल किया गया है, साथ ही टेक्नोलॉजी से उनका शुरुआती अनुभव होता है जिससे कि छात्र कानूनी क्षेत्र में एआइ टूल्स के निर्माता बनने को प्रोत्साहित हों—न कि महज उपयोगकर्ता.
4. एनएलएसआईयू के स्नातकों की बहुत मांग है, जिनमें से 50-60 प्रतिशत शीर्ष कॉर्पोरेट लॉ फर्मों में शामिल होते हैं, 20-30 प्रतिशत मुकदमे लड़ते हैं और अन्य लोग शिक्षा, उच्च अध्ययन या जूडिशियल क्लर्कशिप के क्षेत्र में चले जाते हैं.
5. बड़े पैमाने पर बुनियादी ढांचे में सुधार चल रहा है. नए आवंटित 7 एकड़ के परिसर में आधुनिक शैक्षणिक ब्लॉक, नए छात्रावास और सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है.
सबसे ज्यादा सुधार करने वाला कॉलेज
लॉ के क्षेत्र में ग्रेटर नोएडा स्थित लॉयड लॉ कॉलेज ऐसा संस्थान है, जिसने बीते साल में सबसे ज्यादा सुधार किया. व्यावहारिक अनुभव, डिजिटल नवाचार और फोकस के साथ मेंटरिंग के माध्यम से लॉयड लॉ कॉलेज भारत में विधि शिक्षा को नया रूप दे रहा. अव्वल कॉलेजों में 2025 में इसकी रैंकिंग 9 है.
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- अजय सुकुमारन.