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India Today-MDRA Survey 2025 : कौन हैं इंजीनियरिंग में देश के टॉप 10 सरकारी कॉलेज?

आईआईटी बॉम्बे ने रिसर्च पर नए सिरे से ध्यान केंद्रित करने के साथ-साथ पढ़ाई-लिखाई के तरीके में बड़े बदलाव और कैंपस में सुधार करके नंबर-1 होने का अपना रुतबा फिर हासिल किया

नं.1 आईआईटी बॉम्बे, मुंबई
नं.1 आईआईटी बॉम्बे, मुंबई
अपडेटेड 3 जुलाई , 2025

सात वर्ष के अंतराल के बाद आईआईटी बॉम्बे ने आईआईटी दिल्ली को पछाड़कर सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेजों में फिर से नंबर-1 स्थान हासिल किया और रैंकिंग में शीर्ष पर बड़े बदलाव का प्रतीक बना है. यह उपलब्धि यहां पढ़ाई, शोध और कैंपस के माहौल में उसकी बढ़त का अंदाजा देती है.

वर्ष 2025-26 के लिए स्नातक पाठ्यक्रमों में 1,128 छात्रों के दाखिले और 750 से ज्यादा पूर्णकालिक फैकल्टी सदस्यों के साथ आईआईटी बंबई ने राष्ट्रीय मानक को बरकरार रखा है. फैकल्टी में किसी भी अन्य आईआईटी की तुलना में सबसे अधिक महिलाएं (125) हैं.

संस्थान के निदेशक शिरीष बी. केदारे कहते हैं, ''अधिक महिला फैकल्टी होने से न केवल उनका प्रतिनिधित्व बढ़ता है बल्कि वे छात्रों के लिए रोल मॉडल भी साबित होती हैं."

संस्थान अब पढ़ाई के पारंपरिक तरीके के बजाए सीखने-सिखाने पर आधारित शिक्षण को तरजीह दे रहा है. इस बार गर्मियों से सभी विभागों के विभिन्न पाठ्यक्रमों में गतिविधि-आधारित प्रारूप और समस्या-समाधान मॉड्यूल अपनाए जाएंगे. केदारे कहते हैं, ''बात करना पढ़ाना नहीं होता, हम सिखाने पर ध्यान देना चाहते हैं."

मसलन, प्रथम वर्ष का कोर्स डिजाइन करने वाली फैकल्टी ने छात्रों के लिए पहले से ही ऑनलाइन सुविधा उपलब्ध करा दी और कक्षा में उस पर चर्चा हुई और असाइनमेंट दिए गए. शोध और नवाचार संस्थान के मिशन का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं.

इसके प्रोजेक्ट ड्रोन तकनीक, सीएआर-टी कैंसर थेरेपी, 5जी, एआइ टूल और क्वांटम सेंसिंग तक विस्तारित हैं. पिछले तीन वर्षों में आईआईटी बॉम्बे की पेटेंट सफलता दर 99 फीसद रही है, जिसमें सौर सेल, रोबोटिक्स, एग्री-सेंसर आदि क्षेत्र में कराए गए पेटेंट शामिल हैं और इनमें से कई का उद्योगों को लाइसेंस दिया गया है.

सशक्त भागीदारी

परामर्श और सरकार के साथ भागीदारी भी काफी मजबूत है. संस्थान ने मुंबई के गोखले ब्रिज जैसी इन्फ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं पर परामर्श दिया और राज्य की प्राथमिकताओं के साथ शोध और अनुसंधान को जोड़ने के लिए महाराष्ट्र सरकार के साथ कई समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर भी किए.

परिसर की बात करें तो आईआईटी बॉम्बे 2,500 करोड़ रुपए की लागत से अपना बुनियादी ढांचा सुधार रहा है, जिसके तहत 2029 तक 24 नई इमारतें बनाने की योजना है. इसके एसआईएनई इनक्यूबेटर और रिसर्च पार्क का विस्तार नए सह-कार्यस्थलों और मेंटरशिप हब के तौर पर उद्यमशीलता को बढ़ावा दे रहा है.

1980 के दशक से अब तक कई टेक उद्यम स्थापित कर चुके शिरीष देवधर की नजर में यह सारा बदलाव अभूतपूर्व है. वे कहते हैं, ''मुझे पूरी उम्मीद है कि आईआईटी बॉम्बे दुनिया के शीर्ष विश्वविद्यालयों में अपनी सही जगह हासिल करेगा."

सबसे ज्यादा सुधार करने वाला कॉलेज

इंजीनियरिंग के क्षेत्र में गुजरात स्थित आईआईटी गांधीनगर ऐसा सरकारी संस्थान है, जिसने बीते साल में सबसे ज्यादा सुधार किया. 2008 में स्थापित यह संस्थान अपने जीवंत, टिकाऊ परिसर के साथ अकादमिक लचीलेपन, अत्याधुनिक रिसर्च और असल दुनिया की जरूरतों पर ध्यान के जरिए इंजीनियरिंग शिक्षा में शीर्ष संस्थान बना. अव्वल कॉलेजों में 2025 में इसकी रैंकिंग 8 है.

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