यह ऐसा आइपीएल था जिसमें कई चीजें पहली बार हुईं. यह पहला संस्करण था जिसे युद्ध के कारण कुछ समय के लिए स्थगित किया गया. यह पहली बार किसी खिलाड़ी को किसी मैच से निलंबित किए जाने का गवाह बना. पहली बार किसी खिलाड़ी 23 वर्षीय रियान पराग ने लगातार छह छक्के लगाए.
उन्हीं की टीम के किशोरवय वैभव सूर्यवंशी आइपीएल में सबसे कम उम्र में शतक ठोकने वाले खिलाड़ी बने. रॉयल चैलेंजर्स बेंगलूरू पहली बार चैंपियन बनी. मैदान में दिग्वेश राठी की ड्रामेबाजी ने विरोधी टीम के खिलाड़ियों को जितना परेशान किया, उतना ही मनोरंजन भी किया, मगर बात हद से आगे बढ़ने पर उन्हें बेंच पर बैठा दिया गया. और क्रुणाल पंड्या दो आइपीएल फाइनल में प्लेयर-ऑफ-द-मैच पुरस्कार जीतने वाले पहले खिलाड़ी बने.
यह आइपीएल कुछ अविस्मरणीय हासिल करने का मौका भी साबित हुआ, खासकर विराट कोहली के लिए. पूर्व आरसीबी कप्तान को आखिरकार वह ट्रॉफी अपने हाथों में उठाने का मौका मिला, जो उन्हें 18 साल तक हासिल नहीं हो पाई थी.
श्रेयस अय्यर भले उपविजेता रहे हों मगर उन्होंने एक अलग ही तरह का इतिहास रचा और तीन अलग-अलग टीमों को फाइनल में पहुंचाने वाले पहले खिलाड़ी बन गए. वहीं, लीग के सबसे महंगे खिलाड़ी ऋषभ पंत (कीमत: 27 करोड़ रुपए) के लिए यह सबसे खराब सीजन रहा, जिसमें उन्होंने सिर्फ 24.5 के औसत रन रेट के साथ सिर्फ एक शतक और एक अर्धशतक जड़ा. उम्रदराज हो चुके सीएसके के सुपर आइकन एम.एस. धोनी भी अपना दबदबा बनाए रखने के लिए बुरी तरह संघर्ष करते नजर आए.
ढाई माह चले टूर्नामेंट में मुख्य रूप से यह बात उभरकर सामने आई कि युवा खिलाड़ी बड़े मंच पर चमकने को पूरी तरह तैयार हैं. उनके अंदर अपनी पहचान बनाने की एक भूख है. 23 वर्षीय साई सुदर्शन का बल्ला जमकर बोला. उन्होंने एक नहीं तीन पुरस्कार जीते, जिसमें प्रतिष्ठित ऑरेंज कैप शामिल है.
आगामी इंग्लैंड टेस्ट टूर में शामिल किया जाना उनकी एक और बड़ी उपलब्धि रही. सनराइजर्स हैदराबाद के युवा बल्लेबाज अभिषेक शर्मा ने भी जलवा बिखेरा. उन्होंने पंजाब के खिलाफ 55 गेंदों पर 141 रन बनाए, जो इस सीजन की सबसे बेहतरीन पारियों में एक रही. हम यहां ऐसे ही कुछ चमकते सितारों के बारे में बता रहे जो आने वाले दिनों में क्रिकेट की दुनिया में अपनी अमिट छाप छोड़ने को तैयार हैं.ठ्ठ
साईं सुदर्शन, 23 वर्ष
गुजरात टाइटंस
मैच: 15 रन: 759
औसत: 54.2 स्ट्राइक रेट: 156.2
संत जैसा नाम, शैली एकदम संयमित मगर मानसिक स्तर पर जबरदस्त आक्रामकता. साई सुदर्शन ने इस आइपीएल में गेंदबाजों की ऐसी धुनाई की कि आइपीएल की प्रतिद्वंद्वी फ्रैंचाइजीज को उनसे जलन होने लगी. 2025 में जीटी की रीढ़ रहा यह खब्बू बल्लेबाज 15 मैचों में 156.2 की स्ट्राइक रेट के 759 रन बनाकर टूर्नामेंट में सबसे अधिक रन बनाने वाला खिलाड़ी बना.
लगातार बेहतरीन प्रदर्शन के बलबूते ही साई ने ऑरेंज कैप (सबसे ज्यादा रन बनाने के लिए) हासिल की, इमर्जिंग प्लेयर ऑफ द ईयर चुने गए, टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा चौके (88) लगाए और प्रशंसकों के पसंदीदा बनकर 'फैंटेसी किंग ऑफ द सीजन’ पुरस्कार भी अपनी झोली में डाला.
अमिताभ श्रीवास्तव का कहना है कि सबसे अहम पल था 18 मई को खेला गया वह मैच जिसमें 61 गेंदों पर नाबाद 108 रन बनाकर उन्होंने दिल्ली कैपिटल्स को धराशायी कर दिया और कप्तान शुभमन गिल के साथ मिलकर 205 रनों की शानदार सलामी साझेदारी की. इस प्रदर्शन ने उनकी टाइमिंग, स्वभाव और खेल कौशल की प्रतिभा से रू-ब-रू कराया. आइपीएल मैचों के बीच सुदर्शन को इंग्लैंड के खिलाफ भारत की आगामी टेस्ट सीरीज में शामिल किया जाना सोने पर सुहागे की तरह था.
दिग्वेश राठी , 25 वर्ष
लखनऊ सुपर जायंट्स
मैच: 13 विकेट: 14 औसत: 8.2
स्ट्राइक रेट: 22.2
दिल्ली प्रीमियर लीग 2024 से उभरे सितारों में शामिल यह लेग स्पिनर आइपीएल 2025 में विवादों में घिरा रहा. इसकी खूबियों-खामियों को कई तरीके से अभिव्यक्त किया जा सकता है. अधिकांश लोग इससे सहमत होंगे कि दिग्वेश राठी ने साबित कर दिया है कि आइपीएल सही मायने में एक प्राइम टाइम मनोरंजन क्यों है.
वे फेयर प्ले अवार्ड जीतने के लिए नहीं (नोटबुक सेलिब्रेशन!) बल्कि विरोधी टीम को परेशान करके मैच जिताने के लिए खेल के मैदान में उतरे थे. इसमें भले ही 'मांकडिंग’ नियम का नाकाम सहारा क्यों न लेना पड़ा हो. राठी को इतने डिमेरिट अंक अर्जित करने का (अ) सम्मान मिला कि उन्हें एक मैच के लिए निलंबित तक कर दिया गया.
मगर इस पूरी नाटकीयता के बीच दिग्वेश ने 13 मैचों में 14 विकेट (एलएसजी के लिए सर्वश्रेष्ठ) लिए और बल्लेबाजों को ऐसे रनअप से परेशान किया कि दिग्गज लेग स्पिनर अब्दुल कादिर भी जन्नत में बैठकर तालियां बजा रहे होंगे. सीधे शब्दों में कहें तो राठी इस साल आइपीएल के हर प्रशंसक के लिए सबसे पसंदीदा बैड बॉय रहे.
नमन धीर, 25 वर्ष
मुंबई इंडियंस
मैच: 16 रन: 252 औसत: 31.5 स्ट्राइक रेट: 182.6
मुंबई इंडियंस को आइपीएल 2025 में एक 'बेहतरीन खिलाड़ी’ की जरूरत थी, जो उसे नमन धीर के रूप में मिला. पंजाब का यह युवा खिलाड़ी डेथ ओवर में उनका पसंदीदा बल्लेबाज रहा. धीर ने एक भी अर्धशतक नहीं लगाया लेकिन डेथ ओवर्स में सभी बल्लेबाजों में सबसे ज्यादा रन 190 बटोरे-और 195.9 का शानदार स्ट्राइक रेट हासिल किया.
इस साल नमन ने 200 से ज्यादा की स्ट्राइक रेट वाली चार पारियां और 150 से 200 के बीच स्ट्राइक रेट वाली पांच और पारियां खेलीं. पंजाब किंग्स के खिलाफ क्वालिफायर दो यानी सेमीफाइनल मुकाबले में धीर ने फिनिशर के तौर पर बड़ी भूमिका भी निभाई. मुंबई इंडियंस कम स्कोर के खतरे से जूझ रही थी लेकिन धीर ने 18 गेंदों पर 37 रन की धमाकेदार पारी खेली, जिसमें सात चौके शामिल थे.
सिद्धार्थ विश्वनाथन के मुताबिक इस तरह पांच बार की चैंपियन टीम 200 रन का आंकड़ा पार करने में कामयाब रही. आखिरकार, मुंबई इंडियंस को भले ही हार का सामना करना पड़ा हो लेकिन यह बात तय है कि दाएं हाथ के इस बल्लेबाज की पारी ने हार्दिक पंड्या की टीम को मुकाबले में जूझने की स्थिति तक तो पहुंचाया.
साई किशोर, 28 वर्ष
गुजरात टाइटंस
मैच: 15विकेट: 19
औसत: 9.25 स्ट्राइक रेट: 13.4
साईं किशोर आइपीएल 2025 में गुजरात टाइटंस के सबसे बेहतरीन खिलाड़ी साबित हुए. जीटी ने उन्हें बनाए रखने के लिए अपने आरटीएम (राइट-टु-मैच) कार्ड का इस्तेमाल किया था. एक अन्य स्पिनर राशिद खान के साथ मिलकर 193 सेमी लंबे, बाएं हाथ के स्पिनर ने मैच को ऐसे घुमाया कि उनके ओवरों का पूरा कोटा भी इस्तेमाल नहीं हो पाया.
मगर किशोर ने अपना बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए कई मौकों पर पारी का आखिरी ओवर फेंका और विकेट भी चटकाए. उन्होंने कैरम बॉल का एक वेरिएशन भी विकसित किया है, जिसका इस्तेमाल करना बाएं हाथ के गेंदबाज के लिए असामान्य माना जाता है.
बहरहाल, उनके सभी प्रयोग कामयाब रहे क्योंकि 19 विकेट और शानदार स्ट्राइक रेट के साथ उन्होंने पूरे सीजन में पहली बार अपनी बेहतरीन खेल प्रतिभा दिखाई है. इससे पहले दो सीजन में केवल 10 गेम खेलने वाले किशोर ने घरेलू क्रिकेट से मिले अनुभव का पूरा इस्तेमाल गुजरात टाइटंस का बेहतरीन गेंदबाज बनने के लिए किया. —सिद्धार्थ विश्वनाथन
प्रियांश आर्य, 23 वर्ष
पंजाब किंग्स
मैच: 17 रन: 475 औसत: 27.9 स्ट्राइक रेट: 179.3
प्रियांश आर्य ने दिल्ली प्रीमियर लीग में एक ओवर में छह छक्के लगाकर सबका ध्यान खींचा था. इस वजह से ही बाएं हाथ के इस खिलाड़ी को 2025 की आइपीएल नीलामी में पंजाब किंग्स ने 3.8 करोड़ रुपए (आधार मूल्य: 30 लाख रुपए) में खरीदा.
पंजाब ने वाकई सही शक्चस पर दांव खेला था. आर्य ने प्रभसिमरन सिंह के साथ मिलकर आइपीएल में सबसे घातक सलामी साझेदारी करने वाली जोड़ियों में जगह बनाई. बताया जा रहा है कि उनके कोच प्रशिक्षण के लिए उन्हें भोपाल के पास रातापानी टाइगर रिजर्व लेकर गए थे ताकि वे 'विचलित हुए बिना’ प्रदर्शन करने में सक्षम बन सकें.
अगर यह बात सच है तो यह तरकीब कारगर ही साबित हुई है क्योंकि आर्य ने अधिकांश मुकाबलों में किंग्स को धमाकेदार शुरुआत दी. 180 से थोड़े कम स्ट्राइक रेट के साथ उनकी पारियों में सबसे खास आकर्षण चेन्नै सुपर किंग्स के खिलाफ 39 गेंदों पर शतक था, जो आइपीएल के इतिहास में संयुक्त रूप से दूसरा सबसे तेज शतक है.
सिद्धार्थ विश्वनाथन का कहना है कि पंजाब किंग्स को भले आखिरी मुकाम पर पहुंचकर हार का सामना करना पड़ा हो मगर आर्य ने एक और रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया है. उनके 475 रन किसी अनकैप्ड भारतीय बल्लेबाज के अपने डेब्यू आइपीएल सीजन में बनाए गए सबसे ज्यादा रन थे.
विप्रज निगम, 20 वर्ष
दिल्ली कैपिटल्स
मैच: 14 रन: 142 औसत: 20.3 स्ट्राइक रेट: 179.7
(गेंदबाजी) औसत: 9.1 विकेट: 11
दिल्ली कैपिटल्स की तरफ से 50 लाख रुपए में खरीदे गए विप्रज निगम ने अपनी घरेलू टीम लखनऊ सुपर जायंट्स के खिलाफ पहला आइपीएल खेला. निगम ने पिछले साल सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में अपने प्रदर्शन से तमाम उम्मीदें जगाईं, जिसके बाद दिल्ली ने उनके साथ करार किया. बतौर बल्लेबाज शुरुआत की और लेग स्पिन गेंदबाजी में भी माहिर हैं.
और इस तरह एक ऑलराउंडर के तौर पर तैयार हुए हैं. और उन्होंने पहले मैच में ही अपनी पहचान बना ली. लखनऊ सुपर जायंट्स के 210 रनों के स्कोर का पीछा कर रही दिल्ली की टीम का स्कोर 65/5 पर हो चुका था, जब निगम ने मोर्चा संभाला और 15 गेंदों पर 39 रनों की जबरदस्त पारी खेली.
राहुल नरोन्हा के मुताबिक हार के कगार पर खड़ी दिल्ली की टीम ने मैच एक विकेट से जीता. निगम ने गेंदबाजी में अपना हुनर दिखाया, उन्होंने कोहली, रोहित शर्मा और पंड्या बंधुओं जैसे कई बेहतरीन विकेट चटकाए. निगम का पहला सीजन शानदार रहा है और वे अभी केवल 20 साल के हैं.