यह 2018 की बात है. बिहार की राजधानी पटना में बच्चों के रचनात्मक विकास के लिए काम करने वाली संस्था किलकारी से जुड़े तीन बच्चे अर्पित, अक्षत और अभिजीत नेशनल चिल्ड्रेन साइंस कांग्रेस में भाग लेने के लिए एक मॉडल तैयार कर रहे थे. वह मॉडल था आर्सेनिक युक्त पानी को पीने लायक बनाने वाला फिल्टर, जिसमें न बिजली का इस्तेमाल हो, न केमिकल का.
अभिजीत बताते हैं, ''हमने पटना जिले के ही मनेर में फील्ड स्टडी की थी जहां के पानी में काफी आर्सेनिक था. वहां सरकार ने फिल्टर लगवाया था, मगर बिजली और केमिकल के अभाव में वह बंद पड़ा था. तब हमें लगा कि केमिकल और बिजली से काम करने वाला फिल्टर बिहार में कामयाब नहीं हो सकता. फिर हम यह फिल्टर बनाने लगे."
तीनों बच्चों के उस मॉडल को नेशनल चिल्ड्रेन साइंस कांग्रेस में ए प्लस ग्रेड मिला. उन्होंने एक फील्ड मॉडल बनाकर उसे मनेर के सुअरमरुआ गांव में टेस्ट किया जो सफल रहा. उन्होंने उसका पेटेंट करवा लिया.
पांच पायलट स्टडी फिल्टर तैयार किए गए और इन्हें भोजपुर तथा बक्सर जिले के पांच स्कूलों में लगवाया गया. भोजपुर के उदवंतनगर के एक स्कूल में तो पानी में आर्सेनिक की मात्रा 120 पीपीबी तक चली गई थी जबकि यह 10 पीपीबी से ज्यादा नहीं होनी चाहिए. फिल्टर लगने के बाद पानी में आर्सेनिक तय सीमा में आ गया.
पायलट फिल्टर सिर्फ दो साल के लिए थे. मगर स्कूल वाले दो साल के बाद भी उन्हें हटाने नहीं देना चाहते थे. फिर भी चार स्कूलों के फिल्टर को हटाना पड़ा. वहीं, उदवंतनगर के मध्य विद्यालय, छोटा सासाराम में लगा स्टील का बना पांचवां फिल्टर अभी भी काम कर रहा है.
साल 2022 में इनके साथ एक और साथी शांभवी सिन्हा जुड़ गईं. उन्होंने मिलकर नवमार्ग रिसर्च ऐंड इनोवेशन प्राइवेट लिमिटेड नामक स्टार्ट-अप कंपनी शुरू की. वे तीन तरह के आर्सेनिक मुक्त फिल्टर बनाते हैं. पहला घरेलू, दूसरा नगर पालिका और तीसरा समुदाय के इस्तेमाल के लिए. अभी इन्हें कंपनियों के सीएसआर के जरिए ऑर्डर मिल रहे हैं.
आईसीआईसीआई बैंक ने इनसे उदवंतनगर के दो स्कूलों के बीच लगाने के लिए एक नगर पालिका मॉडल फिल्टर लिया है. एसबीआई ने भी इन्हें 30 सामुदायिक फिल्टर का ऑर्डर दिया है. कई संस्थाओं से ग्रांट मिल रही है. पिछले महीने डेनमार्क में उन्होंने डिजिटल टेक समिट में भी भाग लिया, जो नेक्स्ट जेनरेशन डिजिटल ऐक्शन का हिस्सा था.
इस बीच चारों लोग स्कूल से कॉलेज पहुंच गए हैं. अभिजीत आईआईटी, पटना में, शांभवी मणिपाल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, उडुपी में पढ़ाई कर रहे हैं. अक्षत टेरी इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड स्टडीज, दिल्ली से एमएससी और अर्पित मणिपाल एकेडमी ऑफ हायर एजुकेशन, उडुपी में रिसर्च कर रहे हैं.
नवाचार
इस फिल्टर में मैग्नेट का इस्तेमाल किया गया है. जहरीला माने जाने वाले आर्सेनिक की प्रॉपर्टी डायमैग्नेटिक होती है. इसे अपनी तरफ खींचने के लिए फिल्टर में रेयर अर्थ मैग्नेट का इस्तेमाल किया जा रहा.
सफलता का मंत्र
समर्पण, विषय के साथ लगाव और उसकी समझ. मजबूत टीम से मिलती है सफलता.
पुरस्कार
सैमसंग सॉल्व फॉर टुमॉरो, 2024 का एनवायरनमेंट चैंपियन अवार्ड, टाटा सोशल एंटरप्राइज चैलेंज, 2024, फर्स्ट रनर.