
अल्फाज, बुद्धिचातुर्य और हास्यबोध उनके धंधे के औजार हैं और सोशल मीडिया उनका विश्वव्यापी मंच. उसका वे ऐसा गजब इस्तेमाल करते हैं कि उनके मुरीद मुस्करा लेते हैं, उनका ज्ञान भी बढ़ता है और दुनिया के बारे में उन्हें एक नजरिया भी मिलता है. जब आप खुद को दुनिया के साथ कदमताल करने के काबिल नहीं पाते तो वे आपको दुनिया या खुद को बहुत गंभीरता से न लेने की सीख देकर परेशानियों से आपका ध्यान हटाने में मदद करते हैं. या अगर आप गंभीर दिखना चाहते हैं तो वे अहम मामलों में आपके गाइड बन जाते हैं, आपकी राय को सही ढंग से पेश करते हैं और आपके विचारों के आसमान को ऊंचाई देते हैं.
इस मीडियम में आपको ध्रुव राठी भी मिलेंगे और रवीश कुमार भी. एक जो छिटक-भटक कर इसमें पहुंचे, दूसरे जो इसी के जरिए अस्तित्व में आए और जो बेरोकटोक आलोचनाओं-टिप्पणियों के जरिए सियासी राय बनाते-बिगाड़ते हैं. फिर, हास्य कलाकार जाकिर खान, वीर दास और अनुभव बस्सी ने तो कॉमेडी को व्यापक पहुंच और भरपूर पैसे का धंधा बना डाला है. और किसने सोचा होगा कि यूट्यूबर भी खास बन जाएंगे? लेकिन उन्होंने अपनी जगह बखूबी बना ली है. कैरीमिनाटी और रणवीर अलाहाबादिया के आसान घरेलू नुस्खे दुनिया को लुभा रहे हैं. यहां तक कि आध्यात्मिक गुरु भी अब पहले जैसे नहीं रहे. चाहे सद्गुरु हों या श्री श्री, वे आधुनिक दुनिया के लिए ऐसे धर्म का प्रचार कर रहे हैं, जो प्रकृति, खुद के साथ और एक-दूसरे के साथ सद्भाव से रहने पर केंद्रित है.
ध्रुव राठी, 30 वर्ष, यूट्यूबर, एजूकेटर
• क्योंकि समाचार रिपोर्टों, वीडियो फुटेज और सामाजिक-राजनैतिक डेटा से जानकारी को छानकर सीधे, दो-टूक समझाने की उनकी काबिलियत ने युवाओं को उनका कायल बनाया है और लोगों को राजनैतिक सामग्री के लिए मुख्यधारा के मीडिया मंचों से दूर उनके नाम वाले चैनलों की ओर मोड़ा है.
• क्योंकि इससे उन्हें अपने मुख्य चैनल के लिए 2.53 करोड़ फॉलोअर और 3.4 अरब व्यूज जुटाने में मदद मिली है. लोकसभा चुनाव से पहले और उसके दौरान सिर्फ कुछ महीनों में ही उनके फॉलोअर 60 लाख बढ़ गए. उनके वायरल वीडियो अब तमिल, तेलुगु, बंगाली, कन्नड़ और मराठी में डब किए जाते हैं.
• क्योंकि वे सबसे ज्यादा कमाई करने वाले राजनैतिक यूट्यूबरों में हैं. विभिन्न प्लेटफॉर्म पर सोशल मीडिया डेटा को ट्रैक और विश्लेषण करने वाली वेबसाइट सोशल ब्लेड के अनुसार वे सालाना 30-50 लाख डॉलर कमाते हैं.
हरियाणा में जन्मे और यूरोप में रहने वाले राठी ने इस साल की शुरुआत में इंडिया टुडे के साथ एक बातचीत में कहा था, ''अब कौन जाने कि 30-40 साल बाद क्या होगा? पर फिलहाल राजनीति में उतरने में मेरी कोई दिलचस्पी नहीं.''
वे घर में बने एक कमरे से काम करते हैं, जिसे स्टुडियो बना दिया गया है. इंजीनियर से व्लॉगर बने राठी भारत में संपादकों और शोधकर्ताओं के साथ मिलकर अपनी स्क्रिप्ट के लिए सामग्री जुटाते हैं.
ध्रुव और उनकी जर्मन पत्नी जूली एलबीआर-राठी ने इस साल सितंबर में बेटे के रूप में अपनी पहली संतान का स्वागत किया
सद्गुरु जग्गी वासुदेव, 67 वर्ष, संस्थापक तथा प्रमुख, ईशा फाउंडेशन

• क्योंकि मोटरसाइकिल दौड़ाने, पोलो खेलने के शौकीन ये धर्मगुरु इस क्षेत्र के दूसरे बाबाओं से बिल्कुल अलग हैं. वे धर्म को बहुत गूढ़-गंभीर बनाकर पेश नहीं करते; हां, पर्यावरण जैसे मसलों पर जरूर वे गंभीरता से सबका ध्यान खींचते हैं. इसीलिए चाहे मिट्टी-प्रदूषण हो या हमारी मैली नदियां, वे सीओपी28 जैसे हाइ-प्रोफाइल अंतरराष्ट्रीय मंचों और ट्रेवर नोआ के द डेली शो जैसे टॉक शो में ऐसे मुद्दे उठा रहे हैं. 4.1 अरब से ज्यादा लोगों के जुड़ाव वाला सेव द सॉइल दुनिया का सबसे बड़ा जनांदोलन है
• क्योंकि प्रधानमंत्री मोदी और कंगना रनौत से लेकर लियोनार्डो डि कैप्रियो तक, वे दुनिया में सबसे ज्यादा फॉलो किए जाने वाले धर्मगुरु हैं. उनके इंस्टाग्राम पर 1.27 करोड़, फेसबुक पर 99 लाख और एक्स पर 40 लाख फॉलोअर हैं.
• क्योंकि वे प्राचीन ज्ञान को आधुनिक लोगों के लिए सुलभ करवा रहे हैं. मसलन उनकी परियोजना 'संस्कृति' कलरिपायट्टू (मार्शल आर्ट), कर्नाटक और हिंदुस्तानी (शास्त्रीय संगीत) और भरतनाट्यम नृत्य की पारंपरिक कलाओं को लोगों तक पहुंचाती है.
मुर्गी भी पाली
आध्यात्मिक क्षेत्र में कदम रखने से पहले सद्गुरु एक पोल्ट्री फार्म और बिल्डएड्स नाम से कन्स्ट्रक्शन फर्म चलाते थे
इरादे के पक्के
उन्होंने इसी साल मार्च में इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में शिरकत की, जबकि उसी दिन बाद में उनके दिमाग की सर्जरी होनी थी
श्री-श्री रविशंकर, 68 वर्ष, संस्थापक, आर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन

• क्योंकि न केवल स्थानीय बल्कि वैश्विक सद्भाव में अपने अटूट विश्वास के साथ उन्होंने देश-विदेश में अंतरधार्मिक संवाद को बढ़ावा दिया है. वे इराक में हिंसा पर चर्चा के लिए विरोधी धार्मिक समूहों—शिया, सुन्नी और कुर्द—के नेताओं को एक मंच पर लाने में सफल रहे; अयोध्या में 500 साल पुराने विवाद को हल करने में उनकी मध्यस्थता भी रंग लाई और इस साल राम मंदिर का उद्घाटन हो गया
• क्योंकि दुनिया भर में संघर्ष के समाधान के लिए वे अपनी आध्यात्मिक युक्तियों का इस्तेमाल करते हैं. उन्होंने कोलंबियाई विद्रोही समूह एफएआरसी-फार्क को बातचीत की मेज पर वापस लाने में अहम भूमिका अदा की थी और भारत के अशांत स्थानों पर भी वे ऐसा ही कर चुके हैं
• क्योंकि 43 वर्षों के अपने सफर में आर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन का विस्तार 180 देशों में 10,000 से ज्यादा केंद्रों तक हो चुका है
एकजुट करते दुनिया
साल 2023 में वाशिंगटन डीसी के नेशनल मॉल में फाउंडेशन के विश्व संस्कृति महोत्सव के चौथे संस्करण में तकरीबन 11 लाख लोगों ने हिस्सा लिया और 17,000 से अधिक कलाकारों, संगीतकारों तथा डांसर्स ने अपनी प्रस्तुति दी
दुनिया की 20 संसदों और 10 यूएन सत्रों को संबोधित करने वाले वे पहले भारतीय आध्यात्मिक गुरु है
रवीश कुमार, 49 वर्ष, पत्रकार

• क्योंकि अदाणी ग्रुप के अधिग्रहण करने के बाद 2022 में एनडीटीवी से इस मशहूर एंकर का निकलना अपने आप में एक बड़ी खबर बन गया
• क्योंकि प्राइमटाइम न्यूज टीवी से बाहर निकलने के बावजूद उनके मुरीदों के बीच उनकी आराध्य सरीखी छवि मंद नहीं पड़ी. एनडीटीवी से निकलने के तुरंत बाद उन्होंने अपना यूट्यूब चैनल शुरू किया जो रातोरात कामयाब हो गया. फिलहाल उसके 11 लाख सब्सक्राइबर हैं
• क्योंकि उन्होंने मोदी सरकार की तीखी आलोचना करते हुए सत्ता के सामने सच बोलना जारी रखा है. उन पर बनी डॉक्युमेंट्री व्हाइल वी वाच्ड वैश्विक स्तर पर बड़ी हिट साबित हुई और उसकी स्क्रीनिंग मोदी सरकार के आलोचकों के लिए प्रतिरोध का प्रतीक बन गई. उसके निर्माताओं को भी पीबॉडी अवार्ड मिला
बख्शने वाले नहीं
वे अपनी पत्रकार बिरादरी के भी उतने की कड़े आलोचक हैं और कहते हैं कि ''डरा हुआ पत्रकार एक मुर्दा नागरिक पैदा करता है'' या फिर ''अधिकांश मेनस्ट्रीम मीडिया लोकतंत्र के लिए काला धब्बा है''
रणवीर अलाहाबादिया उर्फ बीयरबाइसेप्स, 31 वर्ष, यूट्यूबर, सोशल मीडिया इन्फ्लूएंसर

• क्योंकि उनके लिए द रणवीर शो उर्फ टीआरएस के जरिए अपना पॉडकास्ट करने का मतलब देश के युवाओं से जुड़ना है. अर्नाल्ड श्वार्जेनेगर उसमें आ चुके हैं, तो इसरो के अध्यक्ष डॉ. सोमनाथ, आध्यात्मिक गुरु गौर गोपाल दास, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और दिलजीत दोसांझ भी उसमें शामिल हो चुके हैं
• क्योंकि उनके नौ यूट्यूब चैनलों के 2.2 करोड़ से ज्यादा सब्सक्राइबर हैं. ऐसे में प्रधानमंत्री मोदी के हाथों उन्हें पहले नेशनल क्रिएटर्स अवार्ड्स में डिसरप्टर ऑफ द ईयर का पुरस्कार मिला
• क्योंकि वे इन्फ्लूएंसर कल्चर के अगुआ हैं. वे न्यू मीडिया कंपनी मोंक एंटरटेनमेंट के को-फाउंडर हैं. यह कंपनी इन्फ्लूएंसर मार्केटिंग, टैलेंट मैनेजमेंट और डिजिटल कंटेंट प्रोडक्शन में है तथा पूरे देश में 110 एन्फ्लूएंसर इससे जुड़े हैं. वे एडटेक प्लेफॉर्म भी चलाते हैं जहां कंटेंट क्रिएशन और वीडियो एडिटिंग सरीखे स्किल पर केंद्रित कोर्स उपलब्ध हैं
इनके इंटरव्यू का इंतजार
शशि थरूर, निर्मला सीतारमण, अरविंद केजरीवाल, अमित शाह और असदुद्दीन ओवैसी
जाकिर खान, 26 वर्ष, स्टैंड-अप कॉमेडियन और ऐक्टर

• क्योंकि वे देश के सबसे लोकप्रिय और बड़े कॉमेडियन हैं. खान के चिरपरिचित हास्य में कहानी, दर्शन और कविता भरी होती है और वे विश्वसनीय लगते हैं, जिससे वे सबकी नब्ज पकड़ते हैं. यही वजह है कि वे 1,000 से ज्यादा शो कर चुके हैं. वैश्विक मंच पर दर्शकों से जुड़ने में भाषा कभी भी बाधा नहीं रही—लंदन में रॉयल अल्बर्ट सरीखे प्रतिष्ठित स्थानों पर उनके शो के सारे के सारे टिकट बिक गए थे और ऐसा कर दिखाने वाले वे पहले भारतीय कॉमेडियन बन गए. न्यूयॉर्क के मैडिसन स्क्वायर गार्डन में भी उन्होंने कमाल किया
• क्योंकि उन्होंने मंच से इतर काम करने और परदे पर अभिनय करने के लिए अपने ब्रान्ड का विस्तार किया. खान अमेजन प्राइम वेब सीरीज चाचा विधायक हैं हमारे का चेहरा और उसके निर्माता हैं. इस सीरीज के अब तक तीन सीजन सफल हो चुके हैं. हालांकि कपिल शर्मा शो की जगह लेने का दावा करने वाला उनका शो आपका अपना जाकिर अभी तक सफल नहीं हो पाया है
• क्योंकि देश का हर युवा रिलेशनशिप्स को लेकर उनकी कहानियों में अपना अक्स देख सकता है. उनके बीच जाकिर के दिल से बोले गए 'हक से सिंगल' सरीखे जुमले खासे लोकप्रिय हैं तो 'सख्त लौंडा' सरीखे मुहावरों से उन्होंने पॉप कल्चर के शब्दकोश का विस्तार किया है.
परिवार के सितारे
जाकिर के छोटे भाई जीशान एक गायक हैं और सूफी रॉक बैंड मलंग का हिस्सा हैं. जीशान का संगीत जाकिर के लोकप्रिय स्पेशल तथास्तु में इस्तेमाल किया गया है.
संगीत के तार
संगीतकारों के परिवार से आने वाले जाकिर सारंगी वादक उस्ताद मोइनुद्दीन खान के पोते हैं. उन्होंने खुद भी सितार में डिप्लोमा किया है. उन्होंने कहा भी है कि अगर वे स्टैंड-अप कॉमेडी नहीं कर रहे होते तो म्यूजिक टीचर होते.
बहुमुखी प्रतिभा
उर्दू शायरी उन्हें प्रिय है और उन्होंने रेख्ता सरीखे आयोजनों में भी प्रस्तुति दी है. उन्होंने अपनी पहली कविता मैं शून्य पे सवार हूं दिल्ली की एक ट्रेन यात्रा के दौरान लिखी थी
कैरीमिनाटी, 25 वर्ष, यूट्यूबर

• क्योंकि एक दशक से ज्यादा समय से सक्रिय दिल्ली का रहने वाला यह जेन ज़ी पीढ़ी का शख्स क्रिएटर कम्युनिटी का दिग्गज है और उसे 'द रोस्ट किंग ऑफ इंडिया' का रुतबा हासिल है. किसी भी ट्रेंड कर रही चीज पर हास्य-विनोद, उसकी नकल, यहां तक कि अभद्र बातों से भरी कॉमेडी की मदद से उनके चैनलों कैरीमिनाटी और कैरीजलाइन (गेमिंग पर) के 6 करोड़ सब्सक्राइबर हो चुके हैं.
• क्योंकि सबसे ज्यादा फॉलो की जाने वाली यूट्यूब शख्सियतों की शीर्ष 50 की सूची में वे एकमात्र भारतीय हैं और इस वजह से वे ब्रान्डों के पसंदीदा भी हैं. इस तरह पैरामाउंट पिक्चर्स, टेनसेंट गेम्स-पब्जी, वनप्लस, एनबीए, ह्यूलेट पैकर्ड, फॉर्मूलाई, हुवै, एसस समेत अन्य ब्रान्ड ने उनके साथ करार किए हैं. हाल ही में उन्होंने वैश्विक इन्फ्लूएंसर मिस्टरबीस्ट के साथ मिलकर एक पैरोडी वीडियो 'मिस्टर लीस्ट्स क्रिएटर ओलंपिक्स' बनाई जिसमें 14 भारतीय क्रिएटर दिखाए गए. 23 अक्तूबर को अपलोड होने के बाद इसको अब तक 4.7 करोड़ से ज्यादा बार देखा जा चुका है
• क्योंकि गेमिंग को उन्होंने भारत में सम्मानजनक बना दिया. दर्शक कैरी को वीडियो गेम खेलते हुए देखना और उनकी काउंटर स्ट्राइक खेलते वक्त सनी देओल की नकल करने सरीखी हिंदी कमेंट्री पसंद करते हैं. उन्हें अमेजन मिनी टीवी गेमिंग रियलिटी शो प्लेग्राउंड (2022) में जज बनने के लिए कहा गया था और ई-स्पोर्ट्स गेमिंग कॉर्पोरेशन और एकेडमी, बिग बैंग ई-स्पोर्ट्स और एशिया ओपन एस्पोर्ट्स चैंपियनशिप में इक्विटी दी गई थी.
2018 से ही सामाजिक चंदे कैरी का आदर्श मूल्य रहा है. उन्होंने हिमाचल और दिल्ली बाढ़ राहत कोष में दान दिया और 2023 के ओडिशा ट्रेन हादसे के लिए भी उदारतापूर्वक हाथ खोले
अनुभव सिंह बस्सी, 33 वर्ष, स्टैंडअप कॉमेडियन और ऐक्टर

• क्योंकि वे अपने जीवन के अनुभवों को सबसे अनोखे अंदाज में पेश करते हैं. चाहे यूपीएससी की तैयारी का संघर्ष हो या वकील बनने की कहानी. उनके हर किस्से में वे खुद को केंद्र में रखते हुए आम लोगों की रोजमर्रा की कहानी को हास्य और गहरी समझ के साथ प्रस्तुत करते हैं. 'बी अ बस्सी' और 'बस कर बस्सी' अब उनके चुटीले अंदाज के चर्चित जुमले बन गए हैं
• क्योंकि वे इंटरनेट पर एक बड़ी पहचान बन गए हैं, जिनका फॉर्मूला है, ''थोड़े में ज्यादा कहना.'' सिर्फ सात वीडियो से ही उन्होंने यूट्यूब पर 50 लाख से ज्यादा और इंस्टाग्राम पर 33 लाख से ज्यादा फॉलोअर जुटा लिए हैं
नाकाम रेसिपी
कॉमेडी में बुलंदियां छूने से पहले उन्होंने दिल्ली में छह महीने तक एक रेस्तरां भी चलाया था
इरादा क्या है
अब वे अपने खास शो किसी को बताना मत' के साथ अमेरिका-कनाडा टुअर पर हैं
बॉलीवुड में एंट्री
2023 की फिल्म तू झूठी मैं मक्कार में उन्होंने रणबीर कपूर के दोस्त का किरदार निभाया था
डर के आगे जीत है
वे मानसिक स्वास्थ्य का महत्व समझते हैं और कमजोर महसूस करने पर थेरैपी लेने के कायल हैं
मंच महिमा
वे ऑस्ट्रेलिया के सिडनी ओपेरा हाउस में प्रस्तुति देने वाले जाकिर खान और वीर दास के बाद तीसरे भारतीय स्टैंड-अप कॉमेडियन हैं
वीर दास, 45 वर्ष, स्टैंड-अप कॉमेडियन और ऐक्टर

• क्योंकि वे देश के बड़े हास्य कलाकारों में से एक हैं. उनका माइंड फूल टुअर उनके करियर का सबसे बड़ा दौरा है. इसमें वे देश के 35 शहरों के अलावा 33 देशों का सफर करेंगे. वे ''अंटार्कटिका छोड़कर'' हर महाद्वीप में अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे और न्यूयॉर्क के कार्नेगी हॉल, दुबई ओपरा और सिंगापुर के एस्प्लेनेड जैसे दुनिया के प्रतिष्ठित मंचों पर प्रस्तुति देंगे
• क्योंकि वे वीर दास: लैंडिंग (2023) नाम के अपने चर्चित शो के लिए अंतरराष्ट्रीय एमी पुरस्कार जीतने वाले पहले भारतीय कॉमेडियन बने. इस साल वे अंतरराष्ट्रीय एमी पुरस्कारों की मेजबानी भी करेंगे. वे अकेले भारतीय कॉमेडियन हैं जिनके पांच स्पेशल्स नेटफ्लिक्स पर उपलब्ध हैं
• क्योंकि उनकी कॉमेडी का अनोखा मिश्रण—उनके निजी अनुभवों, रोजमर्रा की जिंदगी और राजनैतिक टिप्पणियों से भरपूर—उन्हें देश में सबसे लोकप्रिय कॉमेडियनों में से एक बनाता है. अंग्रेजी में बोलने से वे बड़े दर्शक वर्ग तक पहुंच पाते हैं. दास एक शो के लिए 40-50 लाख रुपए तक लेते हैं
आगे का इरादा? अगले साल वे हैप्पी पटेल नाम की फिल्म के साथ फिल्म निर्देशन की दुनिया में कदम रखेंगे, जिसके निर्माता आमिर खान हैं
पशु प्रेम
दास की पत्नी शिवानी माथुर पशु प्रेमी हैं. उन्होंने 'गिव गोवा डॉग्स' मुहिम शुरू की है. दंपती के पास चार कुत्ते-स्टुपिड, लुसी, खुजली और रस्टी हैं
आनंद रंगनाथन, 52 वर्ष, प्रोफेसर, लेखक, राजनैतिक टिप्पणीकार

• क्योंकि आप कल्पना भी नहीं कर सकते कि आणविक विज्ञान का एक प्रोफेसर लगातार विवादों को हवा देता होगा. लेकिन उन्होंने इस मामले में महारत हासिल कर ली है. हाल ही में उन्होंने भारत की ओर से कश्मीर में इजाएल सरीखी कार्रवाई की वकालत की. उनके स्पष्ट विचार उन्हें जितना विवादास्पद बनाते हैं, उतना ही लोकप्रिय भी. आलोचक उन्हें दक्षिणपंथी झुकाव का मानते हैं, लेकिन रंगनाथ खुद को निष्पक्ष बताते हैं
• क्योंकि उन्होंने अपनी नई किताब हिंदूज इन हिंदू राष्ट्र से एक और गरमागरम बहस को जन्म दिया है. उन्होंने भारत में संवैधानिक और विधायी कानूनों के जरिए हिंदुओं के साथ 'राज्य-प्रायोजित' भेदभाव की चर्चा की है
• क्योंकि उन्होंने पिछले साल खासकर मलेरिया के क्षेत्र में महत्वपूर्ण वैज्ञानिक योगदान दिए हैं, जहां उनकी प्रयोगशाला में विकसित विशेष निर्देशित विकास तकनीकों ने उन मानव प्रोटीन की पहचान की है, जो मलेरिया के परजीवी के शरीर में प्रवेश करने और संक्रमण करने में मददगार हैं
वे अपनी दो दशक पुरानी परजीवीविज्ञानी दोस्त प्रोफेसर शैलजा सिंह के साथ विज्ञान के नए-नए प्रयोग करने का शौक रखते हैं. दोनों ने मिलकर सिसिफस बायोटेक नाम से स्टार्ट-अप शुरू किया है
—शैली आनंद, अभिषेक जी दास्तीदार और कोशिक डेका