
हाल में भारत के विमानन क्षेत्र को बम होने की झूठी धमकियों से जूझना पड़ा है. एक हफ्ते के भीतर ऐसी करीब 100 धमकियां दर्ज की गईं. लिहाजा सरकार उद्योग के इतिहास में पहली बार कुछ सबसे सख्त दंडों को लागू करने की तैयारी में है. प्रस्तावित कानून के तहत जो व्यक्ति विमान के भीतर विस्फोटक होने के बारे में गलत दावे करेगा, उसे पांच साल से लेकर उम्र कैद तक की सजा का सामना करना पड़ेगा. साथ ही अच्छा खासा जुर्माना लगेगा और हमेशा के लिए प्रतिबंधित यात्रियों की सूची में डाल दिया जाएगा.
यह संकट खासतौर पर ऐसे खराब अवसर पर है जब भारत में त्योहारी सीजन है. इस दौरान देश भर के हवाईअड्डों पर सभी जगह तुरंत ही सुरक्षा उपाय बढ़ाने पड़े हैं. केंद्रीय विमानन मंत्री किंजरापु राममोहन नायडू बताते हैं, "हम विमानन सुरक्षा नियमों में बदलाव कर रहे हैं जिससे कि गुनहगारों को प्रतिबंधित यात्रियों की सूची में रखा जा सके." मंत्रालय नागरिक उड्डयन सुरक्षा के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियों के शमन (एसयूएससीए) कानून, 1982 में भी संशोधन की तैयारी कर रहा है और हवाईअड्डा परिधि के बाहर से दी गई धमकियों से निबटने के लिए इसका दायरा बढ़ा रहा है.
मौजूदा कानूनों में हवाईअड्डों पर या विमान के भीतर हिंसा करने पर उम्र कैद का प्रावधान है. इसमें झूठी धमकियां फैलाना भी शामिल है. हालांकि इनमें एक बड़ी खामी भी है: हवाईअड्डे के बाहर से दी गई धमकी या फिर अगर विमान जमीन पर है और उड़ नहीं रहा है तो इसमें शामिल नहीं होती. संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में व्यापक संशोधनों के जरिए इस खामी को दूर किए जाने की उम्मीद है. प्रस्तावित संशोधनों को अंतर मंत्रालयी इनपुट के लिए भेज दिया गया है, यह बताते हुए नायडू कहते हैं, "हम (स्थिति पर) लगातार नजर रख रहे हैं, गृह मंत्रालय भी निगरानी कर रहा है, और यहां तक कि विमानन कंपनियां भी लगातार हमारे संपर्क में हैं. इस मामले में हर कोई साथ है."
इन सुधारों का कारण मध्य अक्टूबर की घटना रही जब एक सोशल मीडिया अकाउंट ने घरेलू और अंतरराष्ट्रीय विमानन कंपनियों के खिलाफ धमकियों का योजनाबद्ध अभियान चलाया. इस अकाउंट को बाद में सस्पेंड कर दिया गया लेकिन इसकी धमकियों का दायरा चिंताजनक था: 18 अक्टूबर को 12 धमकियां दी गईं जो अगले दिन 34 हो गईं, इनमें विस्तारा, एयर इंडिया, इंडिगो, अकासा और स्टार एयर तथा जेटब्लू जैसी अंतरराष्ट्रीय परिचालन कंपनियों को निशाना बनाया गया. यह मामला और गंभीर तब हो गया जब अमेरिका/कनाडा में रहने वाले खालिस्तानी कार्यकर्ता गुरपतवंत सिंह पन्नू ने लोगों को 1 से 19 नवंबर के बीच एयर इंडिया की फ्लाइट में यात्रा करने से चेताया.
धमकी की हर घटना से अंतरराष्ट्रीय नागरिक विमानन संगठन (इंटरनेशनल सिविल एविएशन ऑर्गेनाइजेशन) की कठोर संधि लागू हो गई: विमान का मार्ग बदलना, उसे अलग करना, यात्रियों से विमान खाली कराना और सुरक्षा जांच. इससे पहले 14 अक्टूबर को एयर इंडिया की मुंबई से न्यूयॉर्क जाने वाली उड़ान को दिल्ली में इसी तरह की बम धमकी के बाद आपात स्थिति में उतरना पड़ा. 20 अक्टूबर को अकेले इंडिगो को छह उड़ानों के लिए धमकियां मिलीं, जिनमें इस्तांबुल और दम्माम जैसे अंतरराष्ट्रीय मार्ग भी शामिल हैं. विस्तारा की दिल्ली-लंदन उड़ान को भी फ्रैंकफर्ट में उतरने को मजबूर होना पड़ा. एक अधिकारी बताते हैं कि धमकियां एक ही तर्ज पर हैं लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि उन्हें हल्के में लिया जाए. वे नाम न बताने की शर्त पर कहते हैं, "क्या पता कि ऐसी धमकियों की बाढ़ का मकसद यह हो कि हम थोड़े लापरवाह हो जाएं. लेकिन हम कोई कसर नहीं छोड़ सकते."
इन व्यवधानों का अच्छा-खासा असर पड़ता है. उद्योग के विश्लेषकों का अनुमान है कि किसी उड़ान का मार्ग बदलने से पहले से वित्तीय दबाव झेल रहीं एयरलाइंस के अकेले ईंधन मद में ही लाखों रुपए स्वाहा हो जाते हैं और प्रति घटना कुल नुक्सान संभावित रूप से करोड़ों रुपए में पहुंच जाता है. इन धमकियों की डिजिटल प्रकृति को देखते हुए चुनौती और ज्यादा जटिल हो गई है. नायडू स्वीकार करते हैं कि साजिश करने वाले लोग वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (वीपीएन) का इस्तेमाल करके अपनी लोकेशन छिपा लेते हैं. एक उदाहरण यह है कि धमकियां उस हैंडल से दी गईं जिसमें अमेरिका में 2012 में हुए सामूहिक गोलीकांड का जिक्र था. हालांकि मुंबई पुलिस ने तब से इन धमकियों में से कुछ के सिलसिले में छत्तीसगढ़ में 17 साल के एक लड़के को पकड़ा है.
जवाब में सरकार ने सुरक्षा प्रोटोकॉल में '10 फीसद इजाफा' किया है और हवाई टर्मिनलों पर सीसीटीवी निगरानी बढ़ा दी है. नागरिक विमानन अधिकारी इलेक्ट्रॉनिक और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के साथ काम कर रहे हैं जिससे कि डिजिटल धमकियों के खिलाफ मजबूत जवाबी कदम उठाए जा सकें. नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो ने जवाबी प्रक्रिया को सहज बनाने के लिए विमानन कंपनियों के साथ कई दौर का विचार-विमर्श किया है. अब जबकि भारत का विमानन उद्योग इस नए नियामकीय ढांचे के लिए तैयार हो रहा है तो उसे नाजुक संतुलन साधने की चुनौती का सामना करना पड़ रहा है: यात्रियों को कम से कम असुविधा के साथ उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करना.

सुरक्षा के उपाय
> विमान सुरक्षा नियमों में बदलाव ताकि अपराधियों की हवाई यात्रा पर आजीवन पाबंदी लग सके
> विमान में बम की झूठी सूचना देने पर पांच साल से लेकर उम्र कैद तक की सजा, भले ही सूचना एयरपोर्ट के बाहर से दी गई हो
> एयरपोर्ट टर्मिनल पर सिक्योरिटी प्रोटोकॉल और सीसीटीवी कैमरे बढ़ाए जाएंगे
- अभिषेक जी. दस्तीदार