भजन कौर, 18 वर्ष
खेल: तीरअंदाजी (व्यक्तिगत, महिला टीम, मिश्रित टीम)
उपलब्धियां: 2023 विश्व तीरअंदाजी युवा चैंपियनशिप में कांस्य; 2023 एशियाई खेलों में टीम कांस्य; अंताल्या में 2024 के तीरअंदाजी विश्व कप में मिश्रित टीम कांस्य
कैसे क्वालिफाइ किया: तुर्की के अंताल्या में फाइनल ओलंपिक क्वालिफायर में अपना पहला सीनियर अंतरराष्ट्रीय स्वर्ण पदक जीतकर
भजन कौर ने 12 साल की उम्र में पहली बार तीर-कमान उठाया, वह भी महज इसलिए कि हरियाणा में जिला स्तरीय चैंपियनशिप में अंडर-14 वर्ग में स्कूल की नुमाइंदगी करने के लिए कोई और लड़की नहीं थी. हालांकि उन्होंने गोला फेंक में भी हाथ आजमाया पर तीरअंदाजी में जिस तरह ध्यान लगाना होता है, वह उन्हें तुरंत रास आ गया. छह साल बाद भजन पेरिस ओलंपिक में प्रवेश की देहरी पार करने के लिए अंताल्या में हुए फाइनल क्वालिफायर में निशाना साध रही थीं.
क्वालिफिकेशन में तीसरे पायदान पर आने से फॉर्म तो जाहिर हो ही गया. भजन कहती हैं, "हालांकि यह बड़ा कंपीटिशन था, मैं इसमें उसी तरह जाना चाहती थी जैसे मैं प्रशिक्षण लेती हूं. मैं खुशकिस्मत थी कि उन अहम लम्हों के दौरान हमारी कोच पूर्णिमा महतो और खेल मनोवैज्ञानिक गायत्री वर्तक मडकेकर मेरे साथ थीं."
शानदार प्रदर्शन जारी रखते हुए भजन ने शीर्ष वरीय मोबिना फल्लाह के खिलाफ फाइनल में जगह बना ली. आखिरकार ईरानी प्रतिस्पर्धी को 6-2 से पराजित करके उन्होंने अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों में अपना पहला सीनियर स्वर्ण पदक जीता. वे कहती हैं, "मैंने एक बार में एक राउंड पर ध्यान दिया, ताकि आखिरी तीर को भूलकर अगले पर ध्यान दे सकूं. मेरे दिमाग में और कुछ नहीं चल रहा था."
शुरुआत में भजन के किसान पिता भगवान सिंह उन्हें कोच आर.एस. नेहरा से प्रशिक्षण दिलवाने खुद ड्राइव करके ऐलनाबाद के अपने घर से सिरसा लाते-ले जाते. मगर 80 किमी का यह दोतरफा सफर कष्टदायक था और महज छह महीने चला. फिर भगवान सिंह ने अपने घर के पीछे गेहूं के खेतों में तीरअंदाजी रेंज का जुगाड़ कर लिया. वहीं भजन ने अपना हुनर निखारा.
भजन याद करती हैं, "वे नेहरा सर से मुझे ट्रेनिंग लेते गौर से देखते...तीरअंदाजी की अपनी समझ बढ़ाने के लिए वे वीडियो देखते. मनजीत मलिक सर से सीखने के लिए हम महीने में दो बार 200 किमी ड्राइव करके जाते. इसके अलावा जमशेदपुर की टाटा आर्चरी एकेडमी से जुड़ने तक मेरे पिता ही मेरे एकमात्र कोच थे." भजन के स्कूल जाने से पहले दोनों सुबह छोटा-सा अभ्यास सत्र रखते.
उन सारे सालों के दौरान भजन दुनिया की पूर्व नंबर 1 रीकर्व तीरअंदाज दीपिका कुमार को अपना आदर्श मानती थीं. आखिरकार पिछले मार्च में राष्ट्रीय चैंपियनशिप के दौरान उनसे मुलाकात हुई. पेरिस में व्यक्तिगत स्पर्धाओं के अलावा यह किशोरी महिला टीम में दीपिका के साथ निशाना साधेगी. भजन कहती हैं, "पहले मैं अपना हुनर निखारने के लिए दीपिका दी के वीडियो देखती थी. अब उनके साथ सीखते और मुकाबलों में हिस्सा लेते हुए वाकई बहुत अच्छा लगता है."
वे यह भी कहती हैं, "जब मैं गलती करती हूं तो टीम के सीनियर बहुत धैर्य से पेश आते हैं और हर वन्न्त मेरा मार्गदर्शन करते हैं. वे मेरा मजाक भी उड़ाते हैं क्योंकि कई बार मैं बोलने से पहले वाकई सोचती नहीं हूं." पेरिस में शायद इससे कोई फर्क न पड़े, जहां भजन अपने निशाना साधने के हुनर से बोलेंगी.
—शैल देसाई.