
पहली-पहली बार शिक्षाविद्
अंगोमचा बिमल अकोइजाम, 57 वर्ष, ( कांग्रेस ) आंतरिक मणिपुर, मणिपुर
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में प्रोफेसर अंगोमचा बिमल अकोइजाम कई फन के मौला हैं. मणिपुर के ये मैतेई शिक्षाविद् एक फिल्म निर्माता भी हैं और उनकी मां के अनुसार संगीतकार के रूप में भी उनका उज्ज्वल भविष्य है. हाल में एक वायरल वीडियो में उन्हें रॉक बैंड स्कॉर्पियन्स में एक गीत गाते देखा जा सकता है.
सामाजिक/राजनैतिक मनोविज्ञान और सांस्कृतिक अध्ययनों में अपनी विशेषज्ञता के लिए मशहूर अकोइजाम मैतेई-कुकी-जो जातीय संघर्ष के दौरान राष्ट्रीय मीडिया में मणिपुर की एक मजबूत आवाज थे. सरकार की भूमिका के आलोचक ने भारतीय सेना और असम राइफल्स पर पक्षपात का आरोप लगाया और मैतेइयों के खिलाफ मीडिया के कथित पूर्वाग्रह को दस्तावेजबद्ध किया.
मैतेई बहुल इस सीट पर भाजपा के थौनाओजाम बी.के. सिंह को मिले 47% वोट के मुकाबले उनकी जीत से लोगों की नाराजगी जाहिर होती है.
रबींद्र नारायण बेहरा, 61 वर्ष, ( भाजपा ) जाजपुर (अनुसूचित जाति), ओडिश

रबींद्र नारायण बेहरा के पास जिंदगी भर सुनाने के लिए एक कहानी होगी. पहली बार सांसद बने बेहरा एक वक्त तो बीजद की शर्मिष्ठा सेठी से ईवीएम वोटो में 496 वोटों से हार गए लेकिन जब डाक मत पत्रों की गिनती हुई तो वे 2,000 से कम वोटों की बढ़त के साथ आगे हो गए. सिनर्जी इंजीनियरिंग कॉलेज, ढेंकनाल में कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग के प्रोफेसर बेहरा ने उत्कल विश्वविद्यालय से कंप्यूटर साइंस में पीएचडी की उपाधि हासिल की है.
रिकी एंड्रयू जे. सिंगकोन, 52 वर्ष, (वॉयस ऑफ द पीपल पार्टी ) शिलांग (एसटी), मेघालय

रिकी एंड्रयू जे. सिंगकोन 2023 में मेघालय विधानसभा का चुनाव लड़ने के लिए राजनीति में उतरे और हार गए. अब सिंगकोन ने वॉयस ऑफ पीपल पार्टी से लड़ते हुए कांग्रेस के तीन बार के सांसद विंसेंट पाला को शिलांग लोकसभा सीट पर 3.7 लाख वोटों से हराया. नॉर्थ-ईस्टर्न हिल यूनिवर्सिटी में लघु कारोबार और उद्यमशीलता के सहायक प्रोफेसर ने अर्थशास्त्र में एमए, एमकॉम और पीएचडी की उपाधि हासिल की है. सिंगकोन पोहक्से प्रेसबाइटेरियन चर्च में एक चर्च एल्डर हैं और चुनाव अभियान के दौरान चर्च ने उनका समर्थन किया.
वर्षा गायकवाड़, 49 वर्ष, ( कांग्रेस ) उत्तर-मध्य मुंबई

दो हजार चार के लोकसभा चुनाव में कम चर्चित दलित नेता और उस समय के धारावी विधायक एकनाथ गायकवाड़ ने मुंबई उत्तर मध्य सीट से लोकसभा अध्यक्ष मनोहर जोशी को हरा दिया था. उनकी बेटी वर्षा एक अकादमिक और धारावी से तीन बार की विधायक और शहर कांग्रेस की अध्यक्ष हैं. उन्होंने पुनर्गठित सीट जीतते हुए 2008 में मुंबई आतंकवादी हमलों में विशेष लोक अभियोजक उज्ज्वल निकम को 16,000 से अधिक वोटों से हराया. सहयोगी दल शिवसेना (यूबीटी) के समर्थन के बल पर गणित की इस पूर्व प्रोफेसर का भाजपा के खिलाफ जोड़-घटाव सही निकला.
शोभनाबेन बरैया, 51 वर्ष, (भाजपा ) साबरकांठा, गुजरात

पेशे से स्कूल शिक्षक रहीं और गुजरात के साबरकांठा में सरकारी प्राथमिक विद्यालय के छात्रों को गुजराती, हिंदी और अंग्रेजी भाषा पढ़ाती थीं. उन्होंने इस साल के शुरू में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति का विकल्प चुना था. 2022 में भाजपा में शामिल हुए पूर्व कांग्रेस विधायक महेंद्र सिंह बरैया की पत्नी शोभना का साबरकांठा की राजनीति में तब तक कोई कद नहीं था जब तक कि भाजपा ने उन्हें साबरकांठा से मैदान में नहीं उतारा.
पार्टी ने इससे पहले विहिप के वरिष्ठ नेता भीखाजी ठाकोर को इस सीट पर उम्मीदवार के रूप में नामांकित किया था लेकिन वे पीछे हट गए. हालांकि स्कूल टीचर के नामांकन का शुरू में पार्टी के भीतर विरोध हुआ लेकिन भाजपा ने इसे नियंत्रित कर लिया. शोभना ने पूर्व आदिवासी मुख्यमंत्री अमर सिंह चौधरी के पुत्र कांग्रेस प्रत्याशी तुषार सिंह चौधरी को 1.55 लाख वोटों के अंतर से हराया.
निमुबेन बांभणिया, 57 वर्ष, ( भाजपा ) भावनगर, गुजरात

भावनगर शहर की दो बार मेयर रह चुकीं निमुबेन को मोदी 3.0 में राज्यमंत्री बनाया गया है. गुजरात में पिछड़े समुदायों में सबसे अधिक प्रभुत्व वाले कोली समुदाय की सदस्य निमुबेन ने बी.एससी और बी.एड तक पढ़ाई की है और वे एक निजी स्कूल में टीचर थीं. सौराष्ट्र की राजनीति में जाना-पहचाना चेहरा बेन पिछले दो दशक में पार्टी कार्यकर्ता के रूप में ऊपर तक पहुंची हैं. वे भाजपा के राज्य महिला मोर्चे की उपाध्यक्ष भी रह चुकी हैं. मृदु भाषी और सीधी-सरल मानी जाने वाली बेन ने आप के उमेश मकवाणा को 4.55 लाख वोटों के मार्जिन से हराया.
मनोज तिग्गा, 52 वर्ष,( भाजपा ) अलीपुरदुआर (अनु. जनजाति), पश्चिम बंगाल

अलीपुरदुआर जिले के एक प्राथमिक विद्यालय में शिक्षक तिग्गा ओरांव आदिवासी समुदाय के सदस्य हैं और चाय बागान श्रमिक के परिवार से आते हैं. मदारीहाट से 2016 में जीतने से पहले उन्होंने 2001, 2006, 2011 में पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में असफल कोशिश की. उन्होंने 2016 से 2024 के बीच विधानसभा में भाजपा के चीफ व्हिप के रुप में काम किया. उन्होंने टीएमसी के प्रकाश चिक बरायक को 75,447 वोटों से हराकर अलीपुरदुआर से जीत हासिल की.
जगदीश चंद्र बर्मा बासुनिया, 60 वर्ष, ( टीएमसी ) कूचबिहार (अनुसूचित जाति), पश्चिम बंगाल

पश्चिम बंगाल के कूचबिहार जिले के एक स्कूल में शारीरिक शिक्षा के पूर्व शिक्षक बासुनिया इस साल जनवरी में अपने पद से रिटायर हो गए. उन्होंने 1993 में कूचबिहार जिले में ग्राम पंचायत से अपने राजनैतिक जीवन की शुरुआत की और 2016 और 2021 में सीताई सीट से विधायक चुने गए. उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री के पूर्व जूनियर और अमित शाह के डिप्टी निशीथ प्रमाणिक को हराकर जीत हासिल की.
- धवल एस. कुलकर्णी, जुमाना शाह, अर्कमय दत्ता मजूमदार और अपरमिता दास