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अनिल बलूनी से रमेश अवस्थी तक, वे पत्रकार जो बने 18वीं लोकसभा में सांसद

लोकतंत्र के चौथे खंभे यानी पत्रकारिता से जुड़े रहे ये कुछ नाम अब भारतीय लोकतंत्र की विधायिका के सदस्य के रूप में अपने हुनर को आजमाएंगे

पत्रकार से सांसद बने अनिल बलूनी
पत्रकार से सांसद बने अनिल बलूनी

पहली-पहली बार, मीडियाकर्मी

अनिल बलूनी, 53 वर्ष, (भाजपा ) पौड़ी गढ़वाल, उत्तराखंड

साल 2002 में तब दिल्ली के युवा पत्रकार अनिल बलूनी ने नौकरी छोड़कर नए बने अपने गृह राज्य उत्तराखंड में पहला विधानसभा चुनाव लड़ा. मगर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के टिकट पर कोटद्वार से उनका पर्चा खारिज हो गया, बाद में अदालत ने उनके पक्ष में फैसला सुनाया.

फिर बलूनी भाजपा के दिग्गज नेता, राज्यपाल सुंदर सिंह भंडारी के सहायक बन गए. गुजरात में भी वे भाजपा में सक्रिय रहे. उन्हीं दिनों नरेंद्र मोदी की नजर उन पर पड़ी. वे अब पार्टी के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी हैं. 2018 से वे राज्यसभा के सांसद भी रहे. उन्होंने कांग्रेस के गणेश गोदियाल को 1,63,000 से ज्यादा वोटों से हराया.

बलूनी को उत्तराखंड के पेड़-पौधों और जीव-जंतुओं पर प्रामाणिक विशेषज्ञता हासिल है, और इंडियन एक्सप्रेस सरीखे अखबारों के लिए वे नियमित रूप से लिखते हैं.

कालिसेट्टी अप्पलनायडू, 50 वर्ष, (टीडीपी ) विजयनगरम, आंध्र प्रदेश

कालिसेट्टी अप्पलनायडू

पत्रकार के रूप में करियर की शुरुआत करने वाले लॉ ग्रेजुएट कालिसेट्टी अप्पलनायडु दो दशक पहले टीडीपी से जुड़े और विजयनगरम् पोंडुरु मार्केटिंग कमेटी के चेयरमैन बने. बाद में उन्होंने इसी निर्वाचन क्षेत्र में टीडीपी के उत्तर आंध्र प्रशिक्षण संस्थान का प्रभार संभाला और टीडीपी के कार्यकर्ताओं को राजकाज के मामलों में प्रशिक्षण दिया.

उन्हें उम्मीद थी कि 2019 में वे विजयनगरम् लोकसभा क्षेत्र में आने वाली एचेरला विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे, लेकिन सीटों के बंटवारे में यह सीट भाजपा के खाते में चली गई. वे तुरपु कापू समुदाय से आते हैं, जिसकी विजयनगरम् में अच्छी-खासी आबादी है. उन्होंने वाईएसआरसीपी के बेल्लाना चंद्रशेखर को करीब 2,50,000 वोटों से हराया.

रमेश अवस्थी, 56 वर्ष, ( भाजपा )  कानपुर, उत्तर प्रदेश

रमेश अवस्थी

एक पत्रकार के रूप में अपने तीन दशक लंबे करियर में रमेश अवस्थी ने दूसरे प्रकाशनों के अलावा सहारा ग्रुप के साथ काम किया. किसान परिवार से आए अवस्थी अपने छात्र दिनों से ही आरएसएस से जुड़े रहे. लंबे समय से परदे के पीछे काम कर रहे अवस्थी को 2024 में भाजपा ने कानपुर के अपने मौजूदा सांसद सत्यदेव पचौरी की जगह मैदान में उतारा.

उन्होंने कांग्रेस के आलोक मिश्रा को 20,968 वोटों से हराया. अवस्थी केंद्र की हिंदी राजभाषा सलाहकार समिति के सदस्य हैं. वे हर साल होने वाले कानुपर आम महोत्सव के आयोजक भी हैं.

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