scorecardresearch

इंडिया टुडे टॉप कॉलेज सर्वे : एम्स दिल्ली आज भी मेडिकल छात्रों की पहली पसंद, मगर टॉप 10 के ये कॉलेज भी कम नहीं

इंडिया टुडे-एमडीआरए के टॉप कॉलेज सर्वे के अनुसार देखिए मेडिकल की पढ़ाई के लिए कौन से हैं देश के 10 सर्वश्रेष्ठ कॉलेज

न. 1.ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, (एम्स), नई दिल्ली
न. 1.ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, (एम्स), नई दिल्ली
अपडेटेड 3 जुलाई , 2024

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) दिल्ली एक अस्पताल के रूप में हर साल 80,000 इन-पेशेंट और 15 लाख आउट-पेशेंट का इलाज करता है. एम्स में इलाज के लिए आने वाले मरीजों और बीमारियों की विविधता यहां के शैक्षणिक अनुभव को अद्वितीय बनाती है, जिससे स्टुडेंट्स को अपने सैद्धांतिक ज्ञान को अमल में लाने के बेशुमार मौके मिलते हैं. 115 एकड़ के परिसर, 43 विभागों और 1,700 से अधिक मेडिकल स्टुडेंट्स के साथ एम्स में औसत स्टुडेंट्स-टीचर्स अनुपात 6:1 होने का अनुमान है, जबकि राष्ट्रीय औसत 29:1 है.

स्टुडेंट्स और यहां पढ़ चुके स्टुडेंट्स का कहना है कि यही वह चीज है जिससे फैकल्टी को स्टुडेंट्स के साथ घनिष्ठ संबंध बनाने में मदद मिलती है जो इस संस्थान में उनकी पढ़ाई के दौरान उनका मार्गदर्शन और संरक्षण करने में मदद करती है. इस संस्थान ने हमेशा नवाचारों को अपनाया है और आमतौर पर परीक्षण के लिए कोई भी नई तकनीक या दवा हासिल करने वाला यह पहला संस्थान होता है. इस साल एम्स दिल्ली ने स्ट्रोक से बचे लोगों में स्पीच रिहैबिलिटेशन के लिए संगीत चिकित्सा के इस्तेमाल पर शोध करना शुरू कर दिया है और साथ ही न्यूनतम इनवेसिव माइक्रोस्कोपिक और एंडोस्कोपिक सर्जिकल कौशल के लिए उभरते न्यूरोसर्जन को प्रशिक्षित करने और उनका मूल्यांकन करने के लिए एआइ-आधारित सिमुलेटर भी बनाए हैं. यह संस्थान आध्यात्मिक चिकित्सा में एक नया पाठ्यक्रम खोलने पर भी विचार कर रहा है.

यहां के छात्रों को भी लगता है कि संस्थान उनका ख्याल रखता है. दिल्ली में हाल ही में आई भीषण गर्मी के दौरान इस संस्थान ने अतिरिक्त पेयजल सुविधाओं के साथ राहत प्रदान करने के लिए तत्काल कदम उठाए हैं. यह संस्थान अपने सभी कर्मचारियों, जिसमें सुरक्षा गार्ड भी शामिल हैं, को आपातकालीन सीपीआर (कार्डियो-पल्मोनरी रिससिटेशन) का प्रशिक्षण देने की योजना बना रहा है. इससे यह पक्का किया जा सकता है कि सभी को आपातकालीन जीवन रक्षक देखभाल के बारे में बुनियादी न्यूनतम जानकारी हो. एम्स दिल्ली बेहतरीन शिक्षाविदों, व्यावहारिक शिक्षा और गर्मजोशी और रचनात्मकता के माहौल का संयोजन है जो इसे भारत के 700 से अधिक मेडिकल कॉलेजों में सर्वश्रेष्ठ बनाता है.

मेडिकल के टॉप 10 कॉलेज 2024
मेडिकल के टॉप 10 कॉलेज 2024

दूसरों से अलग कैसे है? 

> एम्स दिल्ली हरेक विद्यार्थी की तरफ से रोगियों के इलाज की संख्या के मामले में पहले स्थान पर है

> प्रति फैकल्टी सदस्य प्रकाशित शोध पत्रों की संख्या में यह पहले स्थान पर है

> प्रति फैकल्टी सदस्य स्कोपस में शोध पत्रों के योगदान की संख्या में भी यह शीर्ष स्थान पर है

> पिछले साल इस कॉलेज को 97.06 करोड़ रुपए के शोध कार्य की पेशकश की गई, जो मेडिकल कॉलेजों में सबसे ज्यादा है

> देशभर में एमबीबीएस की पढ़ाई के लिए इसकी फीस दूसरी सबसे कम है

क्या आप जानते हैं? 

> एम्स दिल्ली में फ्रेशर्स के लिए दिसंबर में शिमला में छुट्टियां बिताने की परंपरा है

कोई मेडिकल कॉलेज चुनने से पहले ध्यान रखने योग्य पांच बातें 

> जांच लें कि क्या मौजूदा फैकल्टी शोधपत्र प्रकाशित कर रही है, शोध कर रही है

> अगर अस्पताल चैरिटेबल है तो आम मरीजों के लिए पहुंच की जांच करें

> स्टूडेंट्स लेने की क्षमता, हॉस्टल और अन्य शुल्क, अंतिम वर्ष के स्नातक रिकॉर्ड की जांच करें

> प्रमाणपत्र और एमसीआइ मान्यता, विश्वविद्यालय संबद्धता, अंतरराष्ट्री मान्यता की जांच करें

> बुनियादी ढांचे, सुगमता, हॉस्टल ढांचे की जांच करें 

चिकित्सा शिक्षा में पांच नए क्षेत्र 
डॉ. अनुपम सिब्बल, ग्रुप मेडिकल डायरेक्टर, अपोलो हॉस्पिटल्स ग्रुप

> जीनोमिक्स: भविष्य में ज्यादातर इलाज जीनोमिक बाजारों पर निर्भर होंगे. हमारे पास आनुवंशिक उत्परिवर्तन (जेनेटिक म्यूटेशन) से जुड़ी 250 से अधिक दवाएं हैं; हमें 20 से ज्यादा कैंसर के लिए आनुवंशिक जानकारी की भी जरूरत है. जीनोमिक्स की एक उप-शाखा उन लोगों में रोकथाम के लिए होगी, जिनमें आनुवंशिक बीमारियों के फैलने का जोखिम है

> रोबोटिक सर्जरी: यह सर्जरी का भविष्य है क्योंकि इससे स्वस्थ ऊतकों को कम से कम नुक्सान होता है, रोगी को कम दर्द होता है

> रुमेटोलॉजी: इसके मामले बढ़ रहे हैं, लेकिन भारत में हमारे पास बहुत कम विशेषज्ञ हैं. सालाना 40 से भी कम डॉक्टरों को इसका प्रशिक्षण दिया जाता है. विशेषज्ञों की जरूरत बढ़ रही है; इसके लिए नए पाठ्यक्रम आ रहे हैं

> स्पेशलाइज्ड ऑन्कोलॉजी: आज सर्जिकल ऑन्कोलॉजी को खास स्पेशलाइजेशंस में बांटा गया है, क्योंकि कैंसर का इलाज अन्य स्थितियों के सर्जिकल उपचार से अलग है. जीआइ सर्जिकल ऑन्कोलॉजी, गायनोकोलॉजिकल सर्जिकल ऑन्कोलॉजी, हेड ऐंड नेक सर्जिकल ऑन्कोलॉजी में विशेषज्ञता आ रही है

> फैमिली मेडिसिन: अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया की तरह, भारत को भी परिवार की बुनियादी चिकित्सा जरूरतों को पूरा करने और उन्हें आगे की सलाह के लिए निर्देशित करने की खातिर फैमिली मेडिसिन विशेषज्ञों को प्रशिक्षित करना शुरू करना होगा. इससे वक्त और पैसा बचेगा

नीट पास करने के लिए पांच सुझाव 
डॉ. माधवी मथकर, जूनियर रेजिडेंट, पीजी प्रथम वर्ष, एमडी जनरल मेडिसिन, डीवाइ पाटील हॉस्पिटल, नवी मुंबई

> पिछले साल के प्रश्नों और उनके विषयों पर ध्यान दें

> जितना संभव हो उतने प्रश्न हल करें और कई मॉक टेस्ट दें

> परीक्षा के करीब आने पर बार-बार रिवीजन शुरू कर दें

> गलतियों को फिर से देखने के लिए वक्त निकालें. इसके बिना, ज्यादा सवाल हल करना बेकार होगा

> प्राथमिक स्रोत सामग्री को अच्छी तरह से सीखें; बाद में विषय की अपनी समझ के आधार पर उस पर काम करें

गुरु वाणी
"एम्स अपनी व्यापक स्वास्थ्य सेवा, अत्याधुनिक शोध और चिकित्सा शिक्षा के लिए जाना जाता है. इसने देश को कुछ बेहतरीन डॉक्टर दिए हैं"

- डॉ. एम. श्रीनिवास,  निदेशक, एम्स दिल्ली

पूर्व छात्र की राय

"हममें से जिन्होंने एम्स नई दिल्ली में प्रशिक्षण लिया है, वे उन उत्कृष्ट प्रोफेसरों और शैक्षणिक माहौल के प्रति बहुत आभारी हैं, जिसका हमने अनुभव किया. हम सभी ने इसकी खोज की भावना को आत्मसात किया और ऐसे मूल्यों को आत्मसात किया जो पाठ्य पुस्तकों से परे हैं"

- डॉ. राजीव अग्रवाल, प्रिंसिपल डायरेक्टर, कार्डियोलॉजी, मैक्स स्मार्ट अस्पताल, नई दिल्ली. एम्स एमबीबीएस बैच 1980

Advertisement
Advertisement