
मध्य दिल्ली स्थित मौलाना आजाद इंस्टीट्यूट ऑफ डेंटल साइंसेज (एमएआईडीएस) ने इस वर्ष अपनी स्थापना के 40 वर्ष पूरे कर लिए. संस्थान ने इस मौके पर दांतों के स्वास्थ्य का उत्सव मनाया. इसमें दांतों की मुफ्त जांच के अलावा दंत स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम, सोशल मीडिया अभियान और दंत स्वास्थ्य पर व्याख्यान वगैरह आयोजित किए गए.
लोगों के दांतों को स्वस्थ और मोतियों जैसा चमकता बनाए रखने की प्रतिबद्धता के साथ यह संस्थान मोबाइल दंत चिकित्सा क्लीनिक भी चलाता है और राष्ट्रीय राजधानी के दूरदराज के इलाकों में मरीजों के घर-घर तक दंत चिकित्सा सेवा पहुंचाता है. एमएआईडीएस देश को दो और जरूरी सेवाएं भी मुहैया कराता है - यह भारत का एकमात्र ऐसा दंत चिकित्सा संस्थान है जहां टिश्यू (ऊतक) बैंक है, जो विभिन्न अस्पतालों को मौखिक हड्डी और ऊतक ग्राफ्ट प्रदान करता है. यही नहीं, इसका मौखिक स्वास्थ्य और तंबाकू निषेध राष्ट्रीय संसाधन केंद्र देशभर में खासकर तंबाकू के कारण होने वाले फेफड़ों के कैंसर का बोझ घटाने में अहम भूमिका निभाता है.

दूसरों से अलग कैसे है
■ सभी डेंटल कॉलेजों में इसका नैक या एनएएसी सीजीपीए स्कोर 4 में से 3.3 हैं.
■ प्रति छात्र ओटी की संख्या में यह अव्वल स्थान पर है.
■ प्रति छात्र संकाय अनुपात में देशभर में दूसरे स्थान पर.
■ संस्थान ने डेंटल टेक्नोलॉजी इनोवेशन हब (डीटीआइएच) स्थापित किया है. यह नवाचार को बढ़ावा देने और क्रांतिकारी डेंटल उपकरणों तथा उत्पादों के डिजाइन और विकास को आगे बढ़ाने के लिए समर्पित एक पहल है. मौजूदा समय में यह व्यापक दायरे वाली 16 क्रांतिकारी टेक्नोलॉजीज विकसित करने में लगा है, जिसमें सिरेमिक और जिरकोनिया (डेंटल इम्प्लांट/क्राउन में इस्तेमाल) जैसी उन्नत डेंटल सामग्री से लेकर डायग्नोस्टिक टूल में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल करना तक शामिल है
■ कॉलेज ने हाल ही में पढ़ाई के क्षेत्र में नई पहलकदमियों को बढ़ावा देने के लिए स्कूल ऑफ डेंटल मेडिसिन, टफ्ट्स यूनिवर्सिटी, यूएसए के साथ सहयोग का करार किया है. इसने सेंट्रल हेल्थ एजुकेशन ब्यूरो के साथ भी हाथ मिलाया है. मकसद है मरीजों, छात्रों और शोध कार्य वगैरह के लिए सूचना, शिक्षा और संचार गतिविधियों और व्यवहार में परिवर्तन संबंधी सूचनाओं का आदान-प्रदान.
क्या आप जानते हैं?
एमएआइडीएस तंबाकू उपयोग पर नियंत्रण के लिए इंटरनेशनल यूनियन अगेंस्ट ट्यूबरकुलोसिस ऐंड लंग डिजीज (साउथ ईस्ट एशिया) के साथ जुड़ा है.
दंत चिकित्सा के क्षेत्र में पांच नई विशेषज्ञताएं
■बाल दंत चिकित्सा: विशेष तौर पर बच्चों के लिए दंत चिकित्सा, जो मौजूदा समय में काफी प्रासंगिक साबित हो रही है.
■ मैक्सिलोफेशियल सर्जरी: चेहरे, जबड़े या मुंह की बीमारियों और चोटों के इलाज के लिए दंत शल्य चिकित्सा.
■डेंटोफेशियल ऑर्थोपेडिक्स: बच्चों में चेहरे की हड्डी या जबड़े की असामान्य वृद्धि का इलाज, जिसकी जरूरत बढ़ती जा रही है.
■ओरोफेशियल पेन मैनेजमेंट: इसमें चेहरे के दर्द से उबरने में मदद के लिए मसाज थेरेपी और नई दवाओं का इस्तेमाल शामिल है.
■डेंटल स्लीप मेडिसिन: ओरल एप्लायंस थेरेपी का इस्तेमाल कर सोते समय अव्यवस्थित श्वसन तंत्र, जैसे खर्राटे और ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एप्निया का इलाज.
गुरु वाणी
"मेड्स (एमएआइडीएस) पूरे समर्पण भाव के साथ मरीजों की देखभाल में जुटा है. यह संस्थान शिक्षा में भी अग्रणी है और ओरल हेल्थ में अभूतपूर्व शोध को बढ़ावा भी दे रहा. भविष्य के दंत चिकित्सक गढ़ने की प्रतिबद्धता हमारे मिशन के केंद्र में है. इसके लिए हम उन्हें अत्याधुनिक टेकनोलॉजी, क्लीनिकल एक्सपीरियंस, इंटरडिसिप्लिनरी अप्रोच, रिसर्च के मौके, कम्युनिटी आउटरीच और वैश्विक नजरिया मुहैया कराते हैं"
डॉ. अरुणदीप कौर, निदेशक-प्राचार्य, मौलाना आजाद इंस्टीट्यूट ऑफ डेंटल साइंसेज
पूर्व छात्रा की राय
"एमएआइडीएस में सीखने-समझने के लिए बहुत कुछ है, और यही बात यहां पर अध्ययन को बेहद खास बनाती है. हर दिन करीब 100 मरीजों को देखना आपको दबाव झेलने में सक्षम बनाता है और एक दंत चिकित्सक के तौर पर आपके कौशल को निखारता है. इलाज के लिए हर क्षेत्र से लोग आते हैं"
डॉ. उर्वी भाटिया, डेंटिस्ट, बैच 2022.