
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी या आईआईटी रुड़की के 365 एकड़ के परिसर में स्थित डिपार्टमेंट ऑफ आर्किटेक्चर ऐंड प्लानिंग (वास्तुकला और योजना विभाग) अपने तहत आने वाली कई तरह की विधाओं में पेशेवर और ऊंची गुणवत्ता वाली तालीम मुहैया करता है.
इस विभाग की शुरुआत 1956 में हुई थी. वास्तुकला प्रोग्राम अपने कठोर पाठ्यक्रम के लिए जाना जाता है. इसमें सैद्धांतिक ज्ञान, कौशल विकास और व्यावहारिक जानकारी का मिश्रण शामिल है. पाठ्यक्रम भारत की नई शिक्षा नीति के अनुरूप है और एक छात्र के समग्र करियर विकास को पक्का करता है.
विभाग अपने पाठ्यक्रम में उन्नत तकनीकों का समावेश करने में भी सबसे आगे है. यह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, बिल्डिंग साइंस और डेटा एनालिटिक्स पर ध्यान केंद्रित करते हुए अत्याधुनिक विशेषज्ञता प्रदान करता है.
क्लाइमेटोलॉजी लैब, अत्याधुनिक उपकरणों और सॉफ्टवेयर से सुसज्जित कंप्यूटरीकृत डिजाइन स्टूडियो, एक आर्ट लैब और एक कार्यशाला जैसी सुविधाओं वाले इस विभाग की अच्छी-खासी मांग है. इंडो-यूके कार्यक्रम के तहत स्थापित नेट जीरो उत्सर्जन पर एक प्रतिष्ठित प्रयोगशाला इस विभाग में हाल ही शामिल की गई है.
पर इतना ही नहीं, विभाग के पास छह अन्य प्रयोगशालाएं भी हैं—एक वर्चुअल रियलिटी लैब, स्पर्श (स्पैशियल प्लानिंग रिसर्च), एक शहरी गतिशीलता प्रयोगशाला (अर्बन डायनेमिक्स लैब), एक औद्योगिक डिजाइन प्रयोगशाला, समावेशी डिजाइन की एक प्रयोगशाला (एलआईडी) और वास्तुकला और योजना के विभिन्न स्पेक्ट्रम में उच्च-स्तरीय अनुसंधान करने के लिए एक बुनियादी ढांचा नियोजन प्रयोगशाला (इन्फ्रास्ट्रक्चर प्लानिंग लैब).
आर्किटेक्चर में भारत के 10 सबसे बेस्ट कॉलेज

आईआईटी रुड़की दूसरों से अलग कैसे है?
■ इस संस्थान में एक समर्पित प्लेसमेंट सेल है जो छात्रों को भारत और विदेशों में शीर्ष फर्मों से नौकरी के प्रस्ताव हासिल करने में सहायता करता है. यहां के छात्रों को की जाने वाली औसत वार्षिक वेतन (घरेलू) की पेशकश 12.7 लाख रुपए की है, जो बैचलर ऑफ आर्किटेक्चर के दूसरे कॉलेजों में सबसे ज्यादा है. यहां के छात्रों को अधिकतम वार्षिक वेतन (घरेलू) की पेशकश 49 लाख रुपए की है.
■इसका वास्तुकला उद्योग के साथ गहरा और मजबूत संबंध है, जो छात्रों को प्रतिष्ठित वास्तुकला फर्मों, कंस्ट्रक्शन कंपनियों और सरकारी एजेंसियों के साथ अनिवार्य इंटर्नशिप के जरिए कारगर एक्सपोजर और व्यावहारिक अनुभव प्रदान करता है.
■आईआईटी रुड़की के छात्रों को शोध के साथ ही अभिनव किस्म की परियोजनाओं में शामिल होने के कई मौके मिलते हैं. इस विभाग ने सस्टेनेबल आर्किटेक्चर, अर्बन प्लानिंग और बिल्डिंग टेक्नोलॉजीज में उन्नत शोध के लिए खास जगह बनाई है. यह शोध परियोजनाओं के लिए अनुदान और स्कॉलरशिप हासिल करने और राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों में भागीदारी के लिए कई तरह के मौके मुहैया कराता है.
■प्रति संकाय सदस्य प्रकाशित होने वाले अंतरराष्ट्रीय शोध पत्रों की संख्या के मामले में पिछले दो साल में यह पहले स्थान पर रहा है.
क्या आप जानते हैं?
■आईआईटी रुड़की के वास्तुकला और योजना विभाग को शहरी नियोजन और क्षमता निर्माण के लिए अटल मिशन फॉर रिजुविनेशन ऐंड अर्बन ट्रांसफॉर्मेशन (अमृत) की ओर से वित्त पोषित केंद्रों में से एक के रूप में मान्यता दी गई है.
आर्किटेक्चर की पढ़ाई में उभरते पांच खास किस्म के रुझान
■सस्टेनेबल बिल्ट एन्वायरनमेंट: यह विभाग पर्यावरणीय चुनौतियों का समाधान करने के लिए वास्तुकला डिजाइन में स्थिरता और लचीलेपन पर जोर देता है. यह आराम बढ़ाने और ऊर्जा की खपत को कम करने की खातिर स्थानीय जलवायु परिस्थितियों के अनुकूल इमारतों को डिजाइन करने के लिए भी प्रोत्साहित करता है. यह छात्रों को ऐसी संरचनाएं डिजाइन करने के लिए प्रशिक्षित करता है जो भूकंप, बाढ़ और तूफान जैसी प्राकृतिक आपदाओं का सामना कर सकें.
■डिजिटल और कंप्यूटेशनल डिजाइन: जटिल और अनुकूलित वास्तुशिल्प रूपों को बनाने में इसे प्रयोग किया जाता है. इसमें एल्गोरिद्म और कंप्यूटेशनल तकनीकों का इस्तेमाल होता है. यह दरअसल पैरामीट्रिक डिजाइन जैसे डिजाइन प्रक्रिया में उन्नत डिजिटल टूल और कंप्यूटेशनल विधियों का एकीकरण है. कुशल परियोजना प्लानिंग, डिजाइन और निर्माण प्रबंधन के लिए बीआइएम सॉफ्टवेयर में प्रशिक्षण के साथ-साथ इमर्सिव डिजाइन विजुअलाइजेशन और क्लाइंट प्रेजेंटेशन के लिए वीआर और एआर का इस्तेमाल करना भी सिखाया जाता है.
■इंटरडिसिप्लिनरी कोलैबरेशन: यह पाठ्यक्रम व्यापक परिप्रेक्ष्य और विचारों के आदान-प्रदान के लिए अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालयों और अनुसंधान संस्थानों के साथ सहयोग के माध्यम से जटिल वास्तुकला समस्याओं को हल करने के लिए इंटरडिसिप्लिनरी दृष्टिकोण को बढ़ावा देता है. डिजाइन थिंकिंग कार्यशालाएं विभिन्न विषयों के छात्रों को विचार-मंथन करने और अभिनव समाधान विकसित करने के लिए एक साथ लाती हैं.
■स्मार्ट और जवाबदेह माहौल: यहां ध्यान स्मार्ट इमारतों और वातावरणों को डिजाइन करने पर है जो बेहतर जीवन के अनुभवों के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठाते हैं. बेहतर बिल्डिंग परफॉर्मेंस और उपयोगकर्ता के आराम के लिए आइओटी, सेंसर और ऑटोमेशन को एकीकृत किया जाता है. शहरी माहौल की योजना बनाने और उसे अधिक प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने के लिए डेटा एनालिटिक्स और स्मार्ट सिटी तकनीकों का इस्तेमाल करना इसकी एक और खासियत है.
■विरासत संरक्षण और अडैप्टिव रियूज: ऐतिहासिक इमारतों के संरक्षण और अडैप्टिव रियूज में छात्रों को ऐतिहासिक संरचनाओं को बहाल करने में उपयोग की जाने वाली विधियों और सामग्रियों पर व्यापक और विस्तृत पाठ्यक्रमों के साथ प्रशिक्षण देना इस संस्थान को अलग बनाता है. संरक्षण के व्यावहारिक पहलुओं को समझने के लिए हेरिटेज साइट्स पर ऑन-साइट सीखने के अनुभव भी प्रदान किए जाते हैं.
गुरु वाणी
"विभिन्न विभागों-विषयों के बीच सहयोग और टिकाऊपन के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के जरिए हम वास्तुकारों को आकार दे रहे हैं. ये ऐसे वास्तुकार हैं जो न केवल संरचनाओं का निर्माण कर रहे हैं, बल्कि समुदायों को भी आकार दे रहे हैं."
—प्रोफेसर के.के. पंत, निदेशक, आईआईटी रुड़की
"हमारा लक्ष्य तमाम कौशल वाली अकादमिक दक्षता और प्रोफेशनल माइंडसेट का मेल कराना है जिससे जटिल चुनौतियों का समाधान हो और सभी के लिए एक स्थायी भविष्य को आकार दिया जा सके."
—प्रोफेसर महुआ मुखर्जी, विभागाध्यक्ष, डिपार्टमेंट ऑफ आर्किटेक्चर ऐंड प्लानिंग, आईआईटी रुड़की
पूर्व छात्र की राय
"भारत और दुनिया भर के अन्य संस्थानों के पेशेवरों से मिलकर मुझे आईआईटी रुड़की में प्राप्त शिक्षा का मूल्य और अधिक समझ में आया. इस शिक्षा ने मुझे उच्चतम गुणवत्ता के साथ अपना काम करने का आत्मविश्वास दिया."
—राजेश शर्मा, ग्लोबल एडवाइजर, डिजास्टर रिस्क इन्फॉर्मेशन ऐंड एप्लीकेशन क्राइसिस ब्यूरो, बैंकॉक रीजनल हब युनाइटेड नेशंस डेवलपमेंट प्रोग्राम (यूएनडीपी), बी.आर्क. (1984-89).
स्टोरी - रिद्धि काले
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