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इंडिया टुडे-एमडीआरए सर्वे 2024 : फैशन में बेस्ट कॉलेज NIFT दिल्ली, लेकिन ये संस्थान भी कम नहीं

प्रैक्टिकल ट्रेनिंग, नेटवर्किंग और उद्योग के अंदरूनी लोगों के साथ मेंटोरशिप के मौके, साथ ही शानदार रिसर्च प्रोजेक्ट. ऐसे तमाम पहलू हैं जो एक डिजाइनर बनने की चाहत रखने वालों के लिए NIFT, दिल्ली को बना देते हैं बेस्ट संस्थान

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी, नई दिल्ली
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी, नई दिल्ली
अपडेटेड 4 जुलाई , 2024

आज जो फैशन में है, कल वह ओडी यानी आउटडेटेड हो जाएगा, चलन से बाहर हो जाएगा. और परसों रेट्रो चिक यानी फिर एक नए-नवेले/ठाठदार रूप में लौटेगा. इसके साथ कदमताल कर पाना न केवल फैशन के शौकीनों बल्कि इस ट्रेंड को गढ़ने वालों के लिए भी उबाऊ और खीझ पैदा करने वाला हो सकता है.

हां, अगर आप एनआईएफटी या निफ्ट (राष्ट्रीय फैशन प्रोद्योगिकी संस्थान), दिल्ली सरीखे किसी संस्थान से पढ़-कढ़कर निकले हैं तब कोई समस्या नहीं. वहां फैशन इंडस्ट्री का चाल-चलन भांपने, उसकी नब्ज पर उंगली रखने में आपको माहिर बना दिया जाता है. यहां का पाठ्यक्रम समग्र और व्यावहारिक प्रशिक्षण देता है.

यहां पढ़ाए जाने वाले विषयों में फैशन का इतिहास, टेक्सटाइल या कपड़े का विज्ञान, डिजाइन के सिद्धांत, परिधान का निर्माण, फैशन मार्केटिंग, टिकाऊ प्रथाएं वगैरह शामिल हैं, जो छात्रों को उद्योग की संपूर्ण समझ प्रदान करते हैं. यहां की पढ़ाई में आपको भविष्य के रुझानों का भी अनुमान लगाने की समझ विकसित होती है.

नेटवर्किंग के नजरिए से किए जाने वाले आयोजन और इंडस्ट्री के साथ साझेदारी की बदौलत छात्रों को मेंटोरशिप के पर्याप्त मौके मिल पाते हैं. इसके अलावा संभावित जॉब प्लेसमेंट या इंटर्नशिप भी, जो छात्रों को तुरत-फुरत करियर शुरू करने में मदद करते हैं.

फैशन में भारत के 10 सबसे बेस्ट कॉलेज

फैशन में भारत के 10 सबसे बेस्ट कॉलेज
फैशन में भारत के 10 सबसे बेस्ट कॉलेज

निफ्ट दूसरों से अलग कैसे है?

■ फैकल्टी के तौर पर यहां ऐसे प्रोफेशनल और शोधकर्ता हैं जिन्हें अच्छा-खासा व्यावहारिक अनुभव हासिल है और जो छात्रों को बेशकीमती अंतर्दृष्टि और हुनर देते हैं. यहां की फैकल्टी का बतौर शिक्षक औसत अनुभव 20 साल का है.

■ यहां का पाठ्यक्रम फैशन की दुनिया में आने की चाह रखने वाले युवाओं की रुचियों और उनके करियर के लक्ष्यों के अनुरूप तैयार किया गया है. इसमें उन्हें उद्योग के लिए तैयार होने में मदद करने के लिए व्यावहारिक शिक्षण अनुभव भी शामिल है.

■ पाठ्यक्रम छात्रों को डिजाइन से जुड़े मुद्दों के बारे में आलोचनात्मक ढंग से सोचने, बाजार के रुझानों का विश्लेषण करने, उपभोक्ता की जरूरतों का पूर्वानुमान लगाने और नए-नवेले समाधान प्रस्तुत करने के लिए प्रेरित करता है.

■ इस इंडस्ट्री के पेशेवर लोग अतिथि व्याख्यानों या कार्यशालाओं के लिए आते हैं या छात्रों को मेंटोरशिप की पेशकश करते हैं, और इस तरह उन्हें मौजूदा प्रथाओं, बाजार की मांगों, और उभरते अवसरों के बारे में प्रत्यक्ष अनुभव और अंतर्दृष्टि प्रदान करते हैं

■ नेटवर्किंग के लिए किए गए आयोजन, इंडस्ट्री के साथ साझेदारी और पूर्व छात्रों के नेटवर्क भी निफ्ट दिल्ली के छात्रों को सार्थक बातचीत, मेंटोरशिप के मौके, संभावित जॉब प्लेसमेंट या इंटर्नशिप के मौके देते हैं.

■ रिसर्च के मामले में संस्थान बहुत मजबूत है. पिछले साल निफ्ट दिल्ली के इनोवेटर या नवाचारियों (जो शिक्षक तथा छात्रों से मिलकर बनी टीमें हैं) को नीडल बदलने की प्रणाली और सिलाई मशीन की टूटी हुई सुइयों को यहां-वहां बिखरने से रोकने की चुंबकीय प्रणाली सरीखे क्षेत्रों में पेटेंट की मंजूरी मिली.

क्या आप जानते हैं? 

■ निफ्ट दिल्ली के शिक्षकों और छात्रों ने 2023 में भारतीय सेना और भारतीय रेलवे के लिए कर्मचारियों की यूनिफॉर्म डिजाइन कीं.

सही संस्थान  कैसे चुनें

प्रोफेसर संजय गुप्ता, वाइस-चांसलर, वर्ल्ड यूनिवर्सिटी ऑफ डिजाइन, सोनीपत

■ अच्छा फैशन डिजाइन प्रोग्राम इस पेशे के अनुभवी लोग पढ़ाते हैं जो टेक्नोलॉजी के नहीं बल्कि डिजाइन के अनुभवी प्रोफेशनल्स होते हैं. उनके पास केवल अकादमिक योग्यताएं ही नहीं बल्कि उद्योग का अच्छा-खासा अनुभव हासिल होता है. विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर फैकल्टी प्रोफाइल पर नजर डालें.

अच्छे संस्थानों में आपको ऐसे प्रोफेसर मिलेंगे जिनके पास फैशन डिजाइन की अच्छी-खासी डिग्री और जाने-माने फैशन घरानों और कंपनियों के साथ काम करने का अनुभव होता है. यह अनुभव वे देश-दुनिया के बड़े फैशन वीक्स में शिरकत करके या फैशन पब्लिकेशंस में महत्वपूर्ण लेखकीय योगदान के जरिए हासिल करते हैं.

■ भारत में डिजाइन संस्थाओं की रेटिंग की एकमात्र व्यवस्था क्यूएस 1 गेज है, इसलिए फैशन डिजाइन के क्षेत्र में ऐसे संस्थानों की तलाश करें जिन्हें इसकी मान्यता हासिल हो. यह मान्यता इस बात को पक्का करती है कि प्रोग्राम गुणवत्ता के कुछ निश्चित मानदंडों को पूरा कर रहा है और यह उद्योग के लिए मौजूं पाठ्यक्रम का अनुसरण करता है.

■ निफ्ट, दिल्ली के कामयाब एलुमनाई और उद्योग के साथ मजबूत रिश्ते प्रोग्राम की गुणवत्ता और उसके नेटवर्क की तरफ इशारा करते हैं. इस पेशे में आने की चाहत रखने वालों को इंटर्नशिप, प्लेसमेंट और पूर्व छात्रों की सफलता की कहानियां देखनी चाहिए. यानी ऐसे ग्रेजुएट्स के अनुभव जो शीर्ष डिजाइनरों के साथ काम करने गए हों, जिन्होंने अपना लेबल शुरू किया हो, या फैशन कंपनियों में अहम पदों पर हों.

■ उद्योग के साथ मजबूत रिश्तों वाले संस्थान अक्सर फैशन घरानों, रिटेल ब्रांड और डिजाइन फर्मों के साथ गठजोड़ कायम करते हैं. इस बारे में पता करना चाहिए.

■ व्यापक पैमाने पर समग्र शिक्षण अनुभव के लिए अत्याधुनिक सुविधाएं और संसाधन बहुत मायने रखते हैं. संस्थान के कैंपस का एक दौरा खुद जरूर करें और देखें कि आधुनिक डिजाइन स्टुडियो, सुसज्जित प्रयोगशालाएं और नवीनतम डिजाइन सॉफ्टवेयर तक पहुंच है या नहीं. नवीनतम उपकरण वहां न केवल होने चाहिए बल्कि छात्र उनका इस्तेमाल कर रहे हैं, इसके साफ-साफ संकेत भी दिखाई देने चाहिए. उन्नत पैटर्नमेकिंग, 3डी विजुएलाइजेशन और 3डी प्रिंटिंग सुविधाओं और सुसमृद्ध लाइब्रेरी से सुसज्जित संस्थान सीखने के अनुभव में इजाफा कर सकता है.

■ छात्रों के काम की गुणवत्ता से फैशन के किसी कोर्स की ताकत का अंदाजा मिलता है. ऐसे संस्थानों की तलाश करें जो नियमित रूप से छात्रों का काम सार्वजनिक तौर पर प्रदर्शित करते हों और जिनका बड़े फैशन आयोजनों में हिस्सा लेने का ट्रैक रिकॉर्ड हो. अगर कोई स्कूल अपने छात्रों की उपलब्धियों को प्रमुखता से प्रदर्शित नहीं करता या जो ऐसे आयोजनों में हिस्सा नहीं लेता, वह फैशन उद्योग में जरूरी प्रतिस्पर्धात्मक धार और बढ़त शायद ही दे सके.

नए जमाने के पाठ्यक्रम

एंटोनियो मॉरिजियो ग्रियोली, डीन, फैशन, बिजनेस इंटीरियर्स (एफबीआई), पर्ल एकेडमी, दिल्ली

सस्टेनेबल फैशन डिजाइन: यह पाठ्यक्रम आधुनिक फैशन शिक्षा की बुनियाद और पर्यावरण से जुड़े मुद्दों के प्रति जागरूकता का आईना है. यह छात्रों को सिखाता है कि पर्यावरण का ख्याल रखते हुए कैसे प्रयोग किए जाएं, विभिन्न स्रोतों से नैतिक और पारदर्शी तरीके से चीजें कैसे ली जाएं और सस्टेनेबल मटीरियल का इस्तेमाल किस तरह से किया जाए.

डिजिटल फैशन डिजाइन: डिजिटल फैशन और 3डी डिजाइन में कोर्स करके छात्र सीएडी (कंप्यूटर-ऐडेड डिजाइन), 3डी पैटर्न मेकिंग और डिजिटल पोर्टफोलियो डेवलपमेंट की दुनिया में गोता लगाते हैं. उन्हें सीएलओ 3डी और एडोब इलस्ट्रेटर सरीखे औजारों का इस्तेमाल करते हुए डिजिटल गारमेंट सिम्युलेशन और वर्चुअल फैशन शो में काम करने का मौका मिलता है.

फैशन बिजनेस या आंत्रप्रन्यौरशिप: ग्लोबल मैनेजमेंट कंसल्टेंसी फर्म बैन ऐंड कंपनी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में विलासिता की वस्तुओं का बाजार 2030 तक बढ़कर 90 अरब डॉलर का हो जाने का अनुमान है. इससे लग्जरी ब्रांड मैनेजमेंट के विशेषज्ञों की मांग में बढ़ोतरी होना तय है. फैशन बिजनेस के स्पेशलाइज्ड बीबीए और एमबीए प्रोग्राम ब्रांड स्ट्रैटजी, ओमनीचैनल रिटेलिंग और डायरेक्ट-टू-कंज्यूमर मॉडल का हुनर सिखाते हैं.

फैशन कम्युनिकेशन और फैशन स्टाइलिंग: फैशन कम्युनिकेशन कोर्स व्यापक किस्म के कार्यक्रम हैं जो ब्रांड मैनेजमेंट, डिजिटल मार्केटिंग, पब्लिक रिलेशंस और फैशन जर्नलिज्म के तमाम पहलुओं को सीखने का मौका मुहैया करते हैं. फैशन कम्युनिकेशन के छात्र फैशन से जुड़ी अवधारणाओं, उत्पादों और ब्रांडों के बारे में असरदार ढंग से बातचीत और संवाद करना सीखते हैं. दूसरी तरफ फैशन स्टाइलिंग प्रोग्राम छात्रों को कपड़ों और एसेसरीज के जरिए कहानी कहने की कला सिखाते हैं.

वे एडिटोरियल शूट, विज्ञापन अभियानों और रनवे शोज के जरिए फैशन लुक्स क्यूरेट करना सीखते हैं, रुझानों की भविष्यवाणी करने, कलर थ्योरीज और विजुअल मर्केंडाइजिंग के अपने हुनर को निखारते हैं

फैशन डिजाइन की डिग्री के साथ पांच ऐसे कौन से अलग तरह के जॉब  हासिल किए जा सकते हैं

प्रोफेसर संजय गुप्ता, वाइस-चांसलर, वर्ल्ड यूनिवर्सिटी ऑफ डिजाइन, सोनीपत

फंक्शनल फैशन डिजाइनर: ऐसे लोग फैशन डिजाइनिंग में पहनने वाले की जरूरतों की समझ को समाहित करके ऐसे परिधान रचते हैं, जो कारगर हों, स्मार्ट फैब्रिक, पहनने योग्य टेक्नोलॉजी, इंटरैक्टिव डिजाइन और डिजिटिल इंटरफेस का इस्तेमाल करते हों.

सस्टेनेबल फैशन डिजाइनर: इसके लिए डिजाइनर को पर्यावरण के अनुकूल फैशन रचने, टिकाऊ उपायों से जुड़े ब्रांड अपनाने और उनका प्रचार करने की जरूरत होती है. जैविक सामग्री जुटाने से लेकर नैतिक और पारदर्शी उत्पादन पद्धतियों को लागू करना, कार्बन फुटप्रिंट कम करना, जीरो-वेस्ट फैशन लाइन विकसित करना या बायोडिग्रेडेबल कपड़े बनाना, सब इसमें शामिल हैं.

डिजिटल फैशन डिजाइनर: ऐसे डिजाइनर परिधानों के ऐसे 3डी मॉडल बनाते हैं जो वर्चुअल आयोजनों, ऑनलाइन गेमिंग कैरेक्टर्स या सोशल मीडिया अवतारों के लिए डिजिटल क्षेत्र में मौजूद हों.

फैशन डेटा एनालिस्ट: इसमें फैशन डिजाइन की विशेषज्ञता का आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस (एआइ) और डेटा साइंस के साथ मेल कराया जाता है. फैशन डेटा एनालिस्ट एआइ के जरिए रुझानों का अनुमान लगाकर, सप्लाइ चेन को उचित ढंग से अधिकतम ऊंचाई पर पहुंचाकर और उपभोक्ता के व्यवहार को समझकर ब्रांड की प्रतिस्पर्धा में आगे रहने में मदद करते हैं.

सर्कुलर फैशन डिजाइनर: इसमें कुछ खास पहलुओं को ध्यान में रखकर कपड़ों को डिजाइन किया जाता है. मसलन यही कि किसी कपड़े को किसी और ढंग से इस्तेमाल करने लायक कैसे बनाया जाए, उस पर प्रयोग करके उसे बेहतर कैसे बनाया जाए या कि जैविक ढंग से नष्ट करने लायक कैसे बनाया जाए.

गुरुवाणी

"निफ्ट दिल्ली में कई सारे पहलुओं का मेल इसे देश में फैशन की तालीम का एक अनूठा केंद्र बनाता है. ये पहलू हैं उसकी प्रतिष्ठा, कई स्तरों वाला पाठ्यक्रम, अत्याधुनिक सुविधाएं, उद्योग के साथ साझेदारी, अनुभवी फैकल्टी, क्रिएटिव और इक्न्लूसिव माहौल और ग्लोबल एक्सपोजर."

अनुपम जैन, कैंपस डायरेक्टर, एनआईएफटी दिल्ली

पूर्व छात्रों की राय

"निफ्ट में चार साल का सफर आपको सोशल, डिजाइन और एकेडमिक स्किल विकसित करने में मदद करता है. यहां आप उम्दा फैकल्टी, दोस्त, गेस्ट लेक्चरर्स और इंडस्ट्री के लोगों से मिलते हैं. यह अनुभव आपको एक पूर्ण व्यक्ति में परिवर्तित कर फैशन की दुनिया का सामना करने को तैयार कर देता है."

शिवान और नरेश, शिवान भारतीय और नरेश कुकरेजा (डिजाइनर); 2007 बैच.

स्टोरी - शैली आनंद

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