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मोदी 3.0 में जयशंकर को क्या करना होगा ताकि विदेश नीति का मोर्चा मजबूत बना रहे?

विदेश मंत्री एस जयशंकर के सामने वैश्विक न्याय के लिए आवाज बुलंद करने और आर्थिक तरक्की का रास्ता साफ करने की चुनौती

एस. जयशंकर
एस. जयशंकर
अपडेटेड 26 जून , 2024

नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के लिए विदेश नीति को 2014 से ही सफलता का क्षेत्र माना जाता रहा है - ऐतिहासिक रूप से यह दुनिया के मंच पर खुद को मजबूत करने वाले, आत्मविश्वास से लबरेज भारत का संकेत है. भारत ने एक दूसरे को जोखिम में डाले बगैर अमेरिका और रूस दोनों के साथ गहरे संबंधों को किस तरह से आगे बढ़ाया, यह बात इससे ज्यादा प्रभावी ढंग से किसी भी दौर ने साबित नहीं की.

कैसे जी20 की अपनी अध्यक्षता में भारत ने विकासशील देशों की अग्रणी आवाज के रूप में अपनी पुरानी भूमिका को फिर से दोहराया. नई दिल्ली का कूटनीतिक कौशल इस फरवरी में फिर से देखने को मिला, जब मंत्रालय ने कतर में मौत की सजा पाए आठ पूर्व भारतीय नौसेना अधिकारियों को माफी दिलाई. यही नहीं, जब पाकिस्तान ने 9 जून को मोदी के शपथ ग्रहण के अवसर पर शांति की पेशकश की तो भारत अपने रुख पर अड़ा रहा कि आतंकवाद के खात्मे पर शांति की शर्त पहले की तरह लागू है.

संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ भारत के बढ़ते रणनीतिक गठजोड़ को देखते हुए उसके पुराने सहयोगी और ऊर्जा के प्रमुख स्रोत रूस से संबंध असंगत होते लगते हैं. भारत ने 'सिद्धांतों’ को 'हितों’ के साथ संतुलित करते हुए संयुक्त राष्ट्र में रूस की निंदा करने के लिए यूएस-नाटो के दबाव का विरोध किया. विदेश मंत्री जयशंकर ने 2023 के अंत में व्यापार, ऊर्जा, सुरक्षा और एक परमाणु संयंत्र के सौदों पर हस्ताक्षर करते हुए ''मजबूत और स्थिर’’ संबंधों की पुष्टि करने के लिए मॉस्को का दौरा किया.

एक ओर जहां नेपाल, बांग्लादेश, भूटान, श्रीलंका और म्यांमार के साथ संबंध नियंत्रण में हैं, वहीं मालदीव इकलौता ऐसा देश है जिसका रुख 'दोस्ताना नहीं’ है. भाजपा के घोषणापत्र में भारत के व्यापार हितों को बढ़ावा देने के लिए मैरीटाइम इंडिया विजन (सागर) और भारत-पश्चिम एशिया-यूरोप आर्थिक गलियारे (आइएमईसी) के लिए कूटनीतिक आधार तैयार करने की भी बात की गई है.

क्या किया जाना चाहिए

  • रणनैतिक साझेदारी - अमेरिका और यूरोपीय संघ के साथ आर्थिक, तकनीकी, रक्षा सहयोग को गहरा करना होगा. हिंद-प्रशांत क्षेत्र में क्षेत्रीय सुरक्षा और आर्थिक स्थिरता के लिए क्वाड भागीदारों—जापान, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका के साथ आपसी सहयोग बढ़ाना होगा.
     
  • 'पड़ोसी पहले’ वाली नीति - आर्थिक/सुरक्षा सहयोग को बढ़ावा देने के लिए सार्क और बिम्सटेक (बहु-क्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग के लिए बंगाल की खाड़ी पहल) को मजबूत करना. ऐक्ट ईस्ट नीति के जरिए दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के साथ व्यापार, निवेश और सांस्कृतिक संबंधों को बढ़ावा देना होगा.
     
  • चीन से बेहतर संबंध - सीमा विवाद को सुलझाने और एलएसी पर तनाव को कम करने के लिए चीन के साथ कूटनीतिक और सैन्य वार्ता को जारी रखना होगा.
     
  • संयुक्त राष्ट्र में सुधार - संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के लंबे समय से लंबित विस्तार के लिए जोर देना होगा; आर्थिक विषमताओं को दूर करने और समावेशी विकास को बढ़ावा देने के लिए विकासशील देशों में भारत की स्थिति का लाभ उठाना; जलवायु परिवर्तन से निबटने और सतत विकास को बढ़ावा देने के लिए अंतरराष्ट्रीय प्रयासों की अगुआई करना.
     
  • आतंकवाद का मुकाबला करना अंतरराष्ट्रीय सहयोगियों के साथ खुफिया जानकारी साझा करना और साझा अभियान बढ़ाना तथा वैश्विक आतंकवाद विरोधी पहलकदमियों में शिरकत करना.

किनके सर है जिम्मेदारी?

एस. जयशंकर, 69 वर्ष भाजपा
विदेश मंत्री

  • नीति को आकार - दिल्ली में जन्मे और पले-बढ़े जयशंकर ने सेंट स्टीफंस कॉलेज और जेएनयू से शिक्षा प्राप्त की, 1977 में आइएफएस में शामिल हुए और 2015-2018 तक विदेश सचिव रहे. भाजपा में शामिल होने के बाद उन्हें 2019 में विदेश मंत्री बनाया गया.
     
  • मजबूत संबंध - जयशंकर ने अमेरिका, रूस और यूरोपीय देशों जैसी प्रमुख शक्तियों के साथ भारत के संबंधों को मजबूत बनाने पर ध्यान दिया है, जबकि पड़ोस और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भागीदारों के बीच जुड़ाव को गहरा किया है.
     
  • सक्रिय कूटनीति सक्रिय कूटनीति उनके पहले कार्यकाल की विशेषता थी, जिसमें जी20 और ब्रिक्स जैसे मंचों पर भारत के प्रभाव को बढ़ाने के प्रयास शामिल थे. जयशंकर जटिल, परस्पर जुड़ी दुनिया में भारत के आर्थिक/सुरक्षा हितों को बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभाते हैं.
     
  • पहली बार जयशंकर विदेश मंत्री बनने वाले दूसरे राजनयिक हैं (नटवर सिंह पहले थे), लेकिन मंत्रालय का नेतृत्व करने वाले पहले पूर्व विदेश सचिव हैं

राज्यमंत्री

पबित्र मार्गरीटा, 49 वर्षः भाजपा 

  • कलात्मक कनेक्शन - मार्गरीटा असम के  तिनसुकिया जिले के औद्योगिक शहर मार्गरीटा के रहने वाले हैं. वे भाजपा के राज्यसभा सदस्य हैं और कभी दो सांस्कृतिक पत्रिकाओं के संपादक थे.

कीर्ति वर्धन सिंह, 58 वर्षः भाजपा 

  • और इधर राजसी पृष्ठभूमि - उत्तर प्रदेश के गोंडा से भाजपा के पांच बार के लोकसभा सांसद—और इस प्रकार शासन और सार्वजनिक सेवा में अनुभवी—कीर्ति वर्धन सिंह मनकापुर के शाही परिवार से हैं.
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