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क्या मोदी 3.0 में गडकरी बना पाएंगे आधुनिकता की ओर जाता हाइवे?

मोदी सरकार में राजमार्गों ने कामयाबी की अपनी कहानी लिखी है लेकिन उन पर होने वाली मौतों, परियोजनाओं में होने वाली लेट-लतीफी और वायु प्रदूषण ने इस उपलब्धि को थोड़ा धुंधला किया

नितिन गडकरी, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री
नितिन गडकरी, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री
अपडेटेड 26 जून , 2024

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की उपलब्धियों ने मोदी सरकार की उल्लेखनीय कामयाबी की दास्तां लिखी है. इससे पूरे देश में नए राजमार्गों और ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे के निर्माण में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है. परिवहन क्षेत्र और सड़क सुरक्षा के कानूनी ढांचे में 2019 में मोटर वाहन संशोधन अधिनियम के साथ बड़ा बदलाव लाया गया. वैसे अभी भी बहुत कुछ किया जाना बाकी है, खासकर सड़क दुर्घटनाओं और मौतों में कमी लाने के लिए.

इस मामले में बनाई जाने वाली सूचियों में भारत दुनिया में सबसे ऊपर बना हुआ है. आने वाले वर्षों में परियोजनाओं की देरी और लेट-लतीफी की समस्याओं से निबटना अहम होगा. प्रमुख राजमार्ग-निर्माण एजेंसी भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की वित्तीय सेहत में सुधार करना भी सर्वोच्च प्राथमिकता है. इस प्राधिकरण पर 3.4 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का भारी-भरकम कर्ज है.

इसके फंड का बड़ा हिस्सा इस कर्ज को चुकाने में चला जाता है, जिससे नई परियोजनाओं में निवेश के लिए उसके पास बहुत कम गुंजाइश बचती है. सरकार के पास अगले कुछेक वर्षों में कर्ज के बोझ को कम करने के लिए कई योजनाएं हैं. इसमें एक है निवेशकों से फंड उगाहने और लाभदायक परियोजनाओं में निवेश के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट जारी करना. इसके अलावा, मंत्रालय के पास अत्याधुनिक तकनीक पर अमल की महत्वाकांक्षी योजनाएं भी हैं.

इनमें राजमार्गों पर जीपीएस-आधारित टोल संग्रह और ट्रकों के लिए इलेक्ट्रिक कॉरिडोर स्थापित करना शामिल है. इनका मकसद देश के सड़क इन्फ्रास्ट्रक्चर का आधुनिकीकरण करना और कार्यकुशलता में सुधार करना है, लेकिन इनका व्यावहारिक कार्यान्यवन अभी बाकी है. मोदी सरकार का तीसरा कार्यकाल इन वादों की व्यावहारिकता को परखने और यह देखने की महत्वपूर्ण अवधि होगा कि क्या उन्हें ठोस परिणामों में बदला जा सकता है.

क्या किया जाना चाहिए 

  • लक्ष्य पूरे किए जाएं - भारतमाला परियोजना के साथ राजमार्ग क्षेत्र में पर्याप्त वृद्धि देखी गई है, जिसका उद्देश्य सड़क इन्फ्रास्ट्रक्चर और उसकी गुणवत्ता को बढ़ाना है. नई सरकार को पहले चरण में स्वीकृत 34,800 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग के लक्ष्य को पूरा करने के लिए निर्माण में तेजी लानी चाहिए. इसके लिए वित्तपोषण मॉडल की समीक्षा करने की आवश्यकता पड़ सकती है.
     
  • सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था हो - सड़क सुरक्षा के लिए राजमार्गों पर रफ्तार की अधिकतम सीमा के साथ इंजीनियरिंग दोषों को दूर करना होगा. इसके अलावा मरम्मत कार्य पूरी गुणवत्त के साथ हो, यह भी पक्का किया जाना जरूरी है. हर साल सड़क दुर्घटना में मौतों के मामले में भारत का स्थान सबसे ऊपर पाया जाता है. देश में सड़कों पर हर साल 1,50,000 से ज्यादा यात्रियों की जान जाती है. कई अन्य देशों की तरह भारत भी लंबे समय से मौतों को 50 फीसद तक घटाने के लक्ष्य का पीछा कर रहा है. फिलहाल लक्ष्य 2030 तक का है. जागरूकता के अलावा, कानूनों पर सख्ती से अमल, खासकर टियर दो और तीन शहरों में, और सड़क इन्फ्रास्ट्रक्चर का इंजीनियरिंग संबंधी सुधार महत्वपूर्ण हैं.
     
  • शहरी रफ्तार को आसान बनाएं - सड़कों के निर्माण और शहरों में भीड़भाड़ को कम करने के अलावा एक और महत्वपूर्ण चिंता है. इसके प्रभावी समाधान के लिए राज्य सरकारों के साथ सहयोग बेहद जरूरी है. इस रवैए से न सिर्फ शहरी रफ्तार में सुधार आता है बल्कि बेहतर वायु गुणवत्ता और समग्र सार्वजनिक स्वास्थ्य में भी इसका योगदान होता है.
     
  • पहले अपनी धरती की रक्षा - ग्रीन हाइवे मिशन जैसी हरित पहल का लक्ष्य 2030 तक 14 करोड़ पेड़ लगाना है. इस तरह की पहलकदमियों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए. इसके अलावा पुराने, प्रदूषणकारी वाहनों को सड़कों से हटाने के लिए वाहन स्क्रैपेज नीति पर सख्ती से लागू किया जाना चाहिए. इससे पर्यावरण की बेहतरी को बढ़ावा मिलेगा.
     
  • ई-वाहन और हरित ईंधन - सरकार की प्राथमिकता वाला क्षेत्र होने के बावजूद खासकर वायु प्रदूषण के खिलाफ लड़ाई में टिकाऊ परिवहन नीतियों पर अमल धीमा रहा है. चाहे वह इलेक्ट्रिक वाहन और उनका चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर हो या पेट्रोल और डीजल की जगह 'हरित' ईंधन. नीतिगत हस्तक्षेप की गति को अब बढ़ाए जाने की जरूरत है.


    किनके सर है जिम्मेदारी?

    नितिन गडकरी, 64 वर्ष भाजपा, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री

> पढ़ाई में अव्वल नागपुर विवि से एलएलबी और एमकॉम की डिग्री हासिल करने वाले गडकरी एबीवीपी और भाजयुमो में भी सक्रिय रहे.

> सबसे दोस्ताना गडकरी का सभी राजनैतिक दलों में रसूख है और मोदी सरकार में सबसे अच्छा कामकाज करके दिखाने वाले मंत्री के रूप में जाना जाता है. वे पूर्व पार्टी अध्यक्ष हैं और उन्हें आरएसएस का करीबी माना जाता है. वे संसद में विपक्ष की सराहना पाने वाले इकलौते मंत्री रहे हैं. 2014 से ही सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय का कार्यभार संभालने के कारण गडकरी अक्सर अपने मंत्रालय में हर कमी को दो-टूक बयान करते हैं.

> फैमिली मैन गडकरी को अक्सर अपने गृहनगर और निर्वाचन क्षेत्र नागपुर में देखा जाता है, जहां वे अपने परिवार, खासकर अपने पोते-पोतियों के साथ खरीदारी करते और आइसक्रीम का आनंद लेते देखे जा सकते हैं.

अजय टम्टा, 51 वर्ष भाजपा 

अजय टम्टा, राज्यमंत्री


> दलित चेहरा
उत्तराखंड के अल्मोड़ा से तीन बार के दलित भाजपा सांसद को 2016 में राज्य मंत्री (वस्त्र) नियुक्त किया गया था. वे इससे पहले बी.सी. खंडूड़ी सरकार में राज्य के बागवानी मंत्री भी रह चुके हैं.

हर्ष मल्होत्रा, 58 वर्ष भाजपा 

> संगठन के व्यक्ति
पूर्वी दिल्ली से पहली बार सांसद बने मल्होत्रा इससे पहले पूर्वी दिल्ली नगर निगम के मेयर रह चुके हैं. शिक्षा से वकील, वे अंगदान के मुखर समर्थक हैं. 1984 में भाजपा की युवा शाखा में शामिल होने के बाद से भाजपा के समर्पित सदस्य.

- अभिषेक जी. दस्तीदार

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