scorecardresearch

बेरोजगारी जैसी मुश्किल चुनौती से कैसे निपटेंगे कौशल विकास राज्यमंत्री जयंत चौधरी?

इंडिया एम्प्लायमेंट रिपोर्ट 2024 के अनुसार रोजगार लायक कुल आबादी में बेरोजगार युवाओं का हिस्सा 82.9 फीसद के चिंताजनक स्तर पर है. ऐसे में कौशल विकास राज्यमंत्री जयंत चौधरी के लिए इसे साधना काफी चुनौतीपूर्ण होगा

जयंत चौधरी, कौशल विकास और उद्यमशीलता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार)
जयंत चौधरी, कौशल विकास और उद्यमशीलता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार)
अपडेटेड 28 जून , 2024

हर साल 1.2 करोड़ लोग भारत की कामकाजी उम्र की आबादी में जुड़ जाते हैं. संभावित कामगारों की यह संख्या उस विशाल आबादी का प्रतिनिधित्व करती है जो जनसांख्यिकी लाभ लेने में भारत की अगुआई कर सकती है. लेकिन बेरोजगारी शिक्षित युवाओं तक में फैल रही है.

इंडिया एम्प्लायमेंट रिपोर्ट 2024 के अनुसार कुल बेरोजगार आबादी में बिना रोजगार वाले युवाओं का हिस्सा 82.9 फीसद के विचलित कर देने वाले स्तर पर है. सरकार ने 2015 में ताम-झाम के साथ स्किल इंडिया मिशन की शुरुआत की थी. लेकिन प्रशिक्षण संस्थानों का फोकस रोजगार के बजाय कौशल प्रदान करने पर है.

सरकारी आंकड़ों से पता चलता है कि प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीए) 2.0 के तहत वित्त वर्ष '17 और वित्त वर्ष '23 के बीच एक करोड़ से अधिक लोगों को प्रशिक्षित किया गया है जिनमें से महज 20 लाख से कुछ ही अधिक को रोजगार मिला.

यह चिंता करने वाला आंकड़ा इस डर को फिर से उभारता है कि भारत जनसांख्यिकी लाभांश का फायदा उठाने में पिछड़ सकता है. राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) के पूर्व सीईओ और सीओओ जयंत कृष्ण कहते हैं, ''कौशल प्रशिक्षण बाद में नहीं हो सकता. माध्यमिक शिक्षा के स्तर के बाद से इसे औपचारिक शिक्षा तंत्र में शामिल कर लिया जाना चाहिए. उद्योग को प्रशिक्षण के लिए आगे आना होगा.''

क्या किया जाना चाहिए

कौशल समूह

मुख्य धारा की शिक्षा को ठीक माध्यमिक स्तर से ही रोजगारपरक कौशल से जोड़ देना चाहिए. जीवन कौशल, भाषा दक्षता, संचार निपुणता और पेशेवर नैतिकता जैसे पाठ्यक्रम शामिल किया जा सकते हैं

अप्रेंटिसशिप पर जोर

राष्ट्रीय अप्रेंटिसशिप प्रमोशन स्कीम को बढ़ावा देना चाहिए जिससे कि प्रशिक्षुओं को रोजगार के दौरान ही सीखने का अवसर मिले. 2016 में कार्यक्रम की शुरुआत के बाद से ही नवंबर, 2023 तक महज 24.74 लाख अप्रेंटिस को उद्योगों ने जोड़ा है. छह महीने की अप्रेंटिसशिप को सभी अंडरग्रेजुएट डिग्री के साथ जोड़ा जा सकता है जिससे ग्रेजुएट की रोजगारपरकता बढ़ सके

उद्योग का जुड़ाव

प्रशिक्षण में उद्योग के जुड़ाव को सब्सिडी या सीएसआर फंड के जरिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए. उच्च गुणवत्ता, बाजार के मुताबिक प्रशिक्षण के लिए औद्योगिक विशेषज्ञता महत्वपूर्ण है. इस बात पर सब सहमत हैं कि कौशल उद्योगों की जरूरत के हिसाब से दिया जाना चाहिए

जयंत चौधरी, 45 वर्ष  रालोद, कौशल विकास और उद्यमशीलता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार)

प्रतिष्ठित परिवार

>पूर्व प्रधानमंत्री चरण सिंह के पोते और पूर्व केंद्रीय मंत्री अजित सिंह के पुत्र चौधरी ने लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से पोस्ट ग्रेजुएशन किया. वे 2009 से 2014 तक मथुरा से सांसद रहे. उनके दादा को सरकार की ओर से भारत रत्न देने के बाद 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले उनका राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) राजग में शामिल हो गया

महत्वपूर्ण भागीदारी 

>चौधरी वाणिज्य, कृषि और वित्त पर स्थायी समिति के सदस्य, वित्त पर सलाहकार समिति और सरकारी आश्वासनों पर समिति के सदस्य रह चुके हैं

Advertisement
Advertisement