पेट्रोलियम मंत्रालय में हरदीप पुरी की वापसी के साथ ही इस क्षेत्र में नीतिगत कदम जारी रहने की उम्मीद है. मंत्री पहले ही कह चुके हैं कि तेल और गैस का घरेलू उत्पादन बढ़ाना, हरित हाइड्रोजन को प्रोत्साहन और एथेनॉल के इस्तेमाल को बढ़ावा देना उनकी सरकार की अहम प्राथमिकता होगी.
उन्होंने लगे हाथ यह बात भी साफ कर दी कि बीपीसीएल जैसी मुनाफे वाली सरकारी तेल कंपनियों का विनिवेश नहीं किया जाएगा. इस तरह संकेत दे दिया कि मोदी सरकार अपने तीसरे कार्यकाल की शुरुआत में ही किसी भी तरह के विवाद से एकदम दूर रहना चाहेगी.
उन्होंने यह संकेत भी दिया कि ईंधन को जीएसटी के दायरे में लाया जाएगा. हालांकि यह दूर की कौड़ी लगती है और अगर अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें बहुत तेजी से गिरती हैं तो ईंधन की दाम भी घटाए जाएंगे.
क्या किया जाना चाहिए
तेल उत्पादन बढ़ाना
भारत के तेल और गैस अन्वेषण और उत्पादन में निजी भागीदारी को कर रियायत के जरिए प्रोत्साहन देना. केंद्र को अनुपालन बोझ घटाने, प्रक्रिया आसान करने और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में सुधार की जरूरत है जिससे कि इस क्षेत्र में अधिक निवेश आ सके
हरित ईंधन को प्रोत्साहन
इस साल के शुरू में तेल दिग्गज ओएनजीसी को अपने हरित ऊर्जा और गैस कारोबार के लिए सहायक कंपनी बनाने की मंत्रालय से मंजूरी मिली थी. यह वैश्विक नजरिये के लिहाज से महत्वपूर्ण है जहां हरित ऊर्जा पर काफी ज्यादा जोर दिया जा रहा है. साथ ही देश में स्वच्छ पर्यावरण सुनिश्चित करने के लिए भी क्योंकि भारत में वाहनों की संक्चया बहुत तेज रफ्तार से बढ़ रही है
ईंधन के दाम घटाना
ऊंची कीमतों, खासकर खाद्यान्न, को लेकर देश भर में मतदाताओं के विभिन्न तबकों ने ऐसे मसले के तौर पर उभारा है जिस पर सरकार को तुरंत ध्यान देने की जरूरत है. एक हद तक सरकार जो कर सकती है वह है ईंधन के दाम घटाने की संभावना, खास तौर पर इसलिए कि अगर अंतरराष्ट्रीय बाजार में इनकी कीमतें गिरी हुई हैं. इससे उपभोक्ताओं को ऊंची ईंधन कीमतों से तुरंत राहत मिलेगी क्योंकि ईंधन के ऊंचे मूल्य से सामान के दाम पर असर पड़ता है
हरदीप सिंह पुरी, 72 वर्षः भाजपा, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री
अनुभव बोलता है
भारतीय विदेश सेवा के पूर्व अधिकारी आईएफएस पुरी ने जुलाई 2021 में तेल मंत्रालय का उस समय कार्यभार संभाला था जब देश महामारी की जकड़ में था. उनको वैश्विक ऊर्जा के बढ़े हुए संकट के कारण तेल की मांग में भारी उछाल के बीच इस क्षेत्र को ठीक से निकाल लेने का श्रेय दिया जाता है जबकि उस समय कोविड के बाद सभी देशों की अर्थव्यवस्थाएं पटरी पर लौट रही थीं. देश ने यूक्रेन हमले के बाद रूस से सस्ते तेल के लिए भी सौदेबाजी की और किसी भी तरह के अंतरराष्ट्रीय दबाव के आगे नहीं झुका
राज्यमंत्री
सुरेश गोपी, 65 वर्षः भाजपा
त्रिशूर, केरल से सांसद, गोपी पर्यटन के भी राज्यमंत्री हैं.