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आयुष मंत्री गणपतराव के सामने पारंपरिक और आधुनिक हेल्थ सिस्टम के गैप को पाटने की चुनौती

पतंजलि आयुर्वेद के भ्रामक विज्ञापन कांड के बाद आयुष मंत्रालय के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जे पी गणपतराव पर पारंपरिक दवाओं को विश्वसनीय बनाने का दबाव

जेपी गणपत राव, राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार), आयुष मंत्रालय
जेपी गणपत राव, राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार), आयुष मंत्रालय
अपडेटेड 28 जून , 2024

पतंजलि आयुर्वेद के भ्रामक विज्ञापन प्रकरण के बाद आयुष मंत्रालय पर पारंपरिक और आधुनिक स्वास्थ्य सेवा प्रणालियों के बीच बढ़ती खाई को पाटने का दबाव है. अगस्त 2023 में मंत्रालय और विश्व स्वास्थ्य संगठन के बीच आपसी सहयोग से पारंपरिक चिकित्सा पर दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय शिखर सम्मेलन आयोजित किया गया था.

इससे पहले उन्होंने 2022 में मिलकर डब्ल्यूएचओ ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन की स्थापना की थी. भारत सरकार ने इसे 25 करोड़ डॉलर के निवेश के जरिए समर्थन दिया है. आयुष मंत्रालय का लक्ष्य 12,500 आयुष हेल्थ और वेलनेस सेंटर स्थापित करके पारंपरिक चिकित्सा को आम जनता तक पहुंचाना है.

क्या किया जाना चाहिए 

और ज्यादा क्लिनिकल ट्रायल की दरकार

पारंपरिक चिकित्सा के भीतर ज्यादा प्रमाणों के आधार पर उपचार के प्रोटोकॉल की मांग बढ़ रही है. मिसाल के तौर पर 2017 में इस मंत्रालय ने चिकनगुनिया और डेंगू के इलाज के लिए होम्योपैथिक दवाओं को बढ़ावा दिया, लेकिन इसके लिए कोई वैज्ञानिक आधार नहीं था और न ही उनका कोई क्लिनिकल ट्रायल किया गया था

भ्रामक विज्ञापनों पर अंकुश 

2017 में गर्भवती महिलाओं को मांस खाने, सेक्स करने और मन में बुरे विचार लाने से रोकने के लिए मंत्रालय के एक पैम्फलेट ने विवाद खड़ा कर दिया था. अप्रैल 2020 में एडवर्टाइजिंग स्टैंडर्ड्स काउंसिल ऑफ इंडिया (भारतीय विज्ञापन मानक परिषद) ने होम्योपैथिक दवा निर्माताओं की ओर से कोविड-19 के इलाज की पेशकश करने वाले 50 विज्ञापनों को चिन्हित किया. किसी भी अवैज्ञानिक चीज के विज्ञापन पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए

क्वालिटी कंट्रोल में सुधार

2008 के लैंसेट के एक अध्ययन में पाया गया था कि भारत और अमेरिका में निर्मित आयुर्वेदिक दवाओं में से पांचवें हिस्से में सीसा, पारा और आर्सेनिक यौगिकों सहित हेवी मेटल्स या भारी धातुओं का खासा ऊंचा स्तर होता है. आयुष दवाओं पर एलोपैथिक दवाओं के समान ही विनियामक मानक लागू करना जरूरी है

कौन सिखाए योग

इस बात पर ज्यादा सख्त नियंत्रण और दिशा-निर्देश होने चाहिए कि किसे योग सिखाने की अनुमति दी जा सकती है

आयुष के डॉक्टर/पर्चे

आयुष डॉक्टरों को एलोपैथिक दवाएं लिखने का अधिकार देने का मामला सुलझाया जाना चाहिए

जे.पी. गणपतराव, 63 वर्षः शिव सेना, राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार), आयुष मंत्रालय

पुराने खिलाड़ी

महाराष्ट्र के मेहकर में जन्मे शिवसेना नेता गणपतराव 2024 में बुल्ढाणा से चौथी बार सांसद चुने गए हैं. इससे पहले 1997 से 1999 के बीच वे महाराष्ट्र में खेल, युवा कल्याण और सिंचाई विभाग संभाल चुके हैं

नीतिगत ज्ञान

2009 में लोकसभा के लिए चुने जाने के बाद से वे ग्रामीण विकास और पंचायती राज तथा संचार और आइटी पर स्थायी समितियों के अध्यक्ष रहे हैं

अंगदान का संकल्प

उन्होंने एक पौधा लगाकर और अपने अंगों को दान करने की प्रतिज्ञा करके अपनी नई भूमिका का जश्न मनाया.

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