- अभिषेक जी. दस्तदार
पहले शहरी विकास मंत्रालय के रूप में जाना जाने वाला आवास और शहरी मामलों का मंत्रालय मोदी सरकार की कई कल्याणकारी योजनाओं को क्रियान्वित करता है. नई सरकार का पहला फैसला पीएम आवास योजना के तहत और ज्यादा घरों का निर्माण करना है.
इसका शहरी हिस्सा यही मंत्रालय संभालता है. मोदी की पसंदीदा योजना स्वच्छ भारत मिशन भी है. स्ट्रीट वेंडर्स को लोन देने की योजना अमृत सिटी मिशन, स्मार्ट सिटीज यानी एक लंबी सूची है. यह मंत्रालय रियल एस्टेट से संबंधित कानूनों के शासन की देखरेख भी करता है (रियल एस्टेट विनियामक प्राधिकरण या रेरा के जरिए) और शहरी मेट्रो रेल परियोजनाओं में केंद्र की ओर से भी नेतृत्व करता है.
क्या किया जाना चाहिए
केंद्रीय योजनाओं का क्रियान्वयन
पीएमएवाई पटरी पर है लेकिन अमृत मिशन जैसी योजनाओं को और बढ़ावा देने की जरूरत है. ऐसी योजनाएं राज्यों को घरों की स्वच्छता और पानी जैसी बुनियादी सेवाओं से जोड़ने के लिए प्रोत्साहित करती हैं. किफायती किराये के आवास योजना और बहुचर्चित स्मार्ट सिटीज मिशन के साथ भी ऐसा ही है
शहरी बाढ़
खट्टर ने कहा है कि इस आपदा को हल करना उनकी शीर्ष प्राथमिकताओं में से एक होगा. बाढ़ के साथ-साथ, शहर के बुनियादी ढांचे की योजना और प्रबंधन में जलवायु के मिजाज को झेलने की क्षमता शामिल होनी चाहिए
आवाजाही का इंतजाम
शहरी परिवहन समस्याओं को हल करने के लिए अकेले मेट्रो काफी नहीं होगी. देश के शहरों को सुरक्षित, सुविधाजनक हरित गतिशीलता विकल्प प्रदान करने के लिए पैदल यात्री और साइकिल पथ जैसे बुनियादी ढांचे की जरूरत है, इस पर काम होना चाहिए
मनोहर लाल खट्टर, 70 वर्ष, आवास और शहरी मामलों के केंद्रीय मंत्री
राज्यमंत्री
तोखन साहू, 54 वर्षः भाजपा
- ओबीसी चेहरा छत्तीसगढ़ के मुंगेली जिले में जन्मे साहू रमन सिंह की सरकार में संसदीय सचिव रहे हैं. साहू ओबीसी तबके से हैं. उन्होंने बिलासपुर से 1,60,000 से ज्यादा मतों से जीत हासिल की