scorecardresearch

ऊर्जा मंत्री खट्टर के लिए एजेंडा तैयार, अब उस पर अमल की दरकार

मौजूदा समय में बिजली उत्पादन इकाइयां अधिकतम मांग 250 गीगवाट को पूरा करने में सक्षम. लेकिन लगातार बढ़ती मांग के लिए ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल खट्टर को नई क्षमता वृद्धि की योजना बनाने की जरूरत

मनोहर लाल खट्टर, ऊर्जा मंत्री
मनोहर लाल खट्टर, ऊर्जा मंत्री
अपडेटेड 27 जून , 2024

बिजली क्षेत्र के सुधारों में दो अहम बातें हैं—राज्यों की डिस्कॉम यानी बिजली वितरण कंपनियों को आर्थिक रूप से और परिचालन के लिहाज से सक्षम बनाना; और इसके अलावा बिजली उत्पादन क्षमता बढ़ाने की प्रक्रिया में तेजी लाना.

एटीऐंडसी (एग्रीगेट टेक्निकल ऐंड कमर्शियल) घाटा 2020/21 में 22.3 फीसद से घटकर 2023/24 में 15.4 फीसद हो गया. लेकिन अब भी इसे और कम करने की जरूरत है (कुछ राज्य इसमें पिछड़े हुए हैं). इस बीच वितरण कंपनियों ने 2022-23 में 68,832 करोड़ रुपए का वित्तीय घाटा उठाया.

अकाउंट को पटरी पर लाने, भुगतान को सुव्यवस्थित करने और जेनकोज (उत्पादन कंपनियों) तथा ट्रांसकोज (ट्रांसमिशन कंपनियों) को अनुशासित करने की प्रक्रिया जारी है. इसके पीछे विचार यह है कि डिस्कॉम को टिकाऊ और बिजली की बढ़ती मांग को पूरा करने में सक्षम बनाया जाए.

जब देश के अधिकांश हिस्सों में 30 मई को पारा चढ़ा, तब बिजली उत्पादन इकाइयां अधिकतम मांग को पूरा करने में सक्षम थीं, जो 250 गीगावाट तक पहुंच गई (और गर्मियों के बढ़ने के साथ 260 गीगावाट तक पहुंचने की उम्मीद है).

अधिकतम मांग 2022 में 216 गीगावाट और पिछली गर्मियों में 230 गीगावाट से बढ़ गई है. बढ़ती मांग के लिए खट्टर को नई क्षमता वृद्धि की योजना बनाने की जरूरत है. इतना ही नहीं, बल्कि राज्यों को सुधारों का पालन करने और वितरण नेटवर्क को उन्नत करने में निवेश जारी रखने के लिए प्रेरित करने की भी आवश्यकता है.

क्या किया जाना चाहिए 

डिस्कॉम सुधार

खट्टर के पूर्ववर्ती, पूर्व नौकरशाह आर.के. सिंह ने कानून को लागू करवाने के लिए एक ओर पुचकारने तो दूसरी ओर से धमकाने वाला रवैया अपनाया था. खट्टर को यह रवैया जारी रखना होगा या राज्यों को डिस्कॉम सुधारों को लागू करने के लिए प्रेरित करने का कोई और तरीका खोजना होगा

ऊर्जा क्षमता को बढ़ावा देना

वैश्विक स्तर पर भारत पहले से ही 2023 के अंत तक 430 गीगावाट की स्थापित क्षमता के साथ बिजली का तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक और उपभोक्ता है. अब इसकी महत्वाकांक्षी योजना 2031-32 तक 500 गीगावाट और जोड़ने की है. ट्रांसमिशन या पारेषण क्षमता को बढ़ाने के लिए बड़े पैमाने पर निवेश करना होगा

वापस जीवाश्म ईंधन पर

बिजली की मांग में उछाल की वजह से कोयले और प्राकृतिक गैस की मांग में भी एक साथ इजाफा हुआ है. हकीकत तो यह है कि कोल इंडिया लिमिटेड इस साल खरीद के सभी रिकॉर्ड तोड़ सकती है. बिजली मंत्रालय को थर्मल पावर स्टेशनों को निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करनी होगी

हरित महत्वाकांक्षाएं

ग्राहकों को सशक्त और सौर ऊर्जा प्रतिष्ठानों की स्थापना को सरल बनाने वाले बिजली अधिनियम में संशोधन किए जाएं. और इस तरह के अन्य सुधार भी बिजली क्षेत्र में किए जाने चाहिए. हालांकि, इसे बड़े पैमाने पर बढ़ाना एक चुनौती होगी. वैसे भारत ने 2030 तक 500 गीगावाट हरित ऊर्जा के लिए अपनी प्रतिबद्धता जताई है

मनोहर लाल खट्टर, 70 वर्षः भाजपा, ऊर्जा मंत्री

- शुरुआती जिंदगी रोहतक के निंदाना गांव में जन्मे खट्टर देश के विभाजन से प्रभावित एक परिवार से हैं. उनकी जड़ें मौजूदा पाकिस्तान के झंग जिले में हैं. हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री आरएसएस के पुराने चावल हैं. 1977 में वे संघ से जुड़े थे. अविवाहित खट्टर को '90 के दशक के मध्य में भाजपा में भेज दिया गया और 2014 में मुख्यमंत्री पद के लिए उन्हें आश्चर्यजनक ढंग से चुना गया. तब उन्हें ज्यादा लोग नहीं जानते थे

- राजनैतिक करियर एक दशक तक पद पर रहने के बाद खट्टर ने मार्च में करनाल से लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए पद छोड़ दिया. मुख्यमंत्री के रूप में उनके कार्यकाल में सभी महिला पुलिस स्टेशनों की स्थापना और राज्य के लिंग अनुपात में सुधार की योजनाओं के कार्यान्वयन जैसी पहल की गई. खट्टर महिलाओं पर अपनी टिप्पणी को लेकर विवादों में भी रहे हैं

- मौजूदा भूमिका खट्टर को जमीनी स्तर पर काम करना होगा क्योंकि राज्यों की डिस्कॉम को अभी व्यवस्थित करने की प्रक्रिया चल रही है

राज्यमंत्री

श्रीपाद यसो नाईक, 71 वर्षः भाजपा 

- सदाबहार छह बार उत्तरी गोवा से सांसद रहे नाईक वाजपेयी युग के उन कुछ चुनिंदा भाजपा सांसदों में से हैं जो राष्ट्रीय राजनीति में आज भी प्रासंगिक बने हुए हैं.

Advertisement
Advertisement