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माले में चल रही 'इंडिया आउट' और 'चाइना इन' की बयार से कैसे निपट सकता है भारत

मालदीव के मंत्रियों की ओर से भारत पर अपमानजनक टिप्पणियों की वजह से भारत में 'बॉयकाट मालदीव' अभियान शुरू हो गया

मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू
मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू
अपडेटेड 31 जनवरी , 2024

अप्रैल 2022 में मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति और विपक्षी नेता अब्दुल्ला यामीन अब्दुल गयूम के माले स्थित घर के बाहर एक विशाल बैनर लगा नजर आया. उसमें साफ तौर पर 'इंडिया आउट' लिखा था. फिर दो महीने बाद ही कुछ लोगों की भीड़ ने माले में भारतीय राजनयिकों की तरफ से आयोजित योग दिवस कार्यक्रम को 'गैर-इस्लामी' बताते हुए आयोजन स्थल पर हमला कर दिया. ये सब द्वीपसमूह राष्ट्र पर हावी होती भारत विरोधी भावनाओं के शुरुआती संकेत थे. मालदीव के मौजूदा राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू उस समय तक माले के मेयर थे, और उन्हें भविष्य का अंदाजा लग गया था.

2023 में वे 'इंडिया आउट' अभियान को आगे बढ़ाकर राष्ट्रपति चुनाव में उतरे, और भारतीय सैन्य कर्मियों की वापसी की मांग को पूरे जोर-शोर से उठाया ताकि 'देश की संप्रभुता' सुनिश्चित की जा सके. ताजा विवाद 7 जनवरी को तब उपजा जब लक्षद्वीप में पर्यटन को बढ़ावा देने से जुड़े वीडियो और फोटो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सोशल मीडिया पर आए और फिर इतिहास का हवाला देते हुए इन पर कुछ असंयमित प्रतिक्रियाएं जताई गईं. इस पूरे प्रकरण ने भारत-मालदीव संबंधों को कूटनीतिक लिहाज से ऐसे निचले स्तर पर पहुंचा दिया, जिसे पहले कभी नहीं देखा गया था.

वैसे मोदी ने अपनी पोस्ट में मालदीव का कोई उल्लेख नहीं किया था (लेकिन कुछ सोशल मीडिया इन्फ्लूएंसर्स ने लक्षद्वीप को एक पर्यटन स्थल के तौर पर प्रचारित करना शुरू कर दिया). बहरहाल, मालदीव के युवा मामलों के मंत्रालय में तीन उपमंत्रियों मरियम शिउना, मालशा शरीफ और महजूम माजिद ने न केवल प्रधानमंत्री मोदी बल्कि भारत के बारे में भी अपमानजनक टिप्पणियां कीं.

माले स्थित भारतीय उच्चायोग ने पीएम मोदी का नाम लेकर भारत का उपहास उड़ाने वाली टिप्पणियों को गंभीरता से लिया और इस पर गहरी चिंता जाहिर की. वहीं, 'प्रमुख सहयोगी और मौके-बेमौके साथ खड़े रहने वाले मित्र देश' पर इस तरह के हमले की मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह और मोहम्मद नशीद ने कड़ी आलोचना की, और मुइज्जू सरकार ने भी तत्काल कार्रवाई की. 7 जनवरी को राष्ट्रपति मुइज्जू के राजकीय यात्रा पर बीजिंग रवाना होने से पहले ही शिउना, शरीफ और माजिद को निलंबित कर दिया गया.

निलंबित मंत्री (बाएं से) मरियम शिउना, मालशा शरीफ और महजूम माजिद

डैमेज कंट्रोल करते हुए मालदीव के विदेश मंत्री मूसा जमीर ने एक बयान जारी कर कहा, "मालदीव सरकार विदेशी नेताओं और उच्च पदस्थ व्यक्तियों के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियों से अवगत है. ये व्यक्तिगत राय हैं और मालदीव सरकार के विचार नहीं." यह भी जोड़ा कि अभिव्यक्ति की आजादी का इस्तेमाल ऐसे "लोकतांत्रिक और जिम्मेदार तरीकों से किया जाना चाहिए जो...मालदीव और उसके अंतरराष्ट्रीय भागीदारों के बीच घनिष्ठ संबंधों में कोई बाधा न डाले." इधर, नई दिल्ली में मालदीव के राजदूत को विदेश मंत्रालय में तलब कर भारत की चिंताओं से अवगत कराया गया. वैसे पूरे मामले में न तो पीएम मोदी ने कोई टिप्पणी और न ही विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने ही कोई बयान दिया.

बहरहाल, इस पूरे विवाद का नतीजा ऑनलाइन 'बॉयकाट मालदीव' अभियान के तौर पर सामने आया. ऑनलाइन यात्रा बुकिंग पोर्टल ईजमाईट्रिप ने मालदीव के लिए टिकटों की बिक्री रोक दी और 8 जनवरी को इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स ने 'मालदीव के बहिष्कार की अपील' जारी कर दी. मालदीव की अर्थव्यवस्था का एक प्रमुख आधार पर्यटन ही है और उसकी आय का एक बड़ा हिस्सा भारत से आता है. 2023 में मालदीव की 2,09,000 से अधिक यात्राएं करने वाले भारतीय ही थे. यह आंकड़ा वहां पहुंचने वाले पर्यटकों का 11 फीसद है और किसी देश से वहां पहुंचने वालों की सबसे अधिक संख्या है.

मालदीव हिंद महासागर क्षेत्र (आईओआर) में एक प्रमुख पड़ोसी द्वीप राष्ट्र है और मोदी सरकार की नेबरहुड फर्स्ट पॉलिसी में एक खास दर्जा रखता है. हालिया वर्षों में भारत ने मालदीव में अच्छा-खासा निवेश किया है. मालदीव चीन के साथ भारत की भू-राजनीतिक प्रतिस्पर्धा के लिहाज से भी खास अहमियत रखता है, क्योंकि बीजिंग आईओआर में अपना दबदबा बढ़ाने की जुगत में है.

मुइज्जू सरकार की 'इंडिया आउट' नीति को नई दिल्ली के लिए एक बड़े झटके के तौर पर देखा जा रहा है. मालदीव से भारतीय सैनिकों को वापस बुलाने के लिए कहने के बाद मुइज्जू सरकार ने दिसंबर 2023 में मालदीव के जलक्षेत्र के हाइड्रोग्राफिक सर्वे के लिए भारतीय नौसेना के साथ समझौते को भी नवीनीकृत न करने का फैसला किया. मालदीव ने यह घोषणा ऐसे समय में की जब उसने बीजिंग को मालदीव जल क्षेत्र में अपना 'अनुसंधान सर्वेक्षण पोत' खड़ा करने की अनुमति दी. नई दिल्ली को संदेह है कि चीन अपने 'अनुसंधान पोतों' का इस्तेमाल भारतीय रक्षा ठिकानों की जासूसी के लिए करना चाहता है. 

मालदीव में गुलही फहलू का विहंगम दृश्य

भारत को मालदीव के साथ बेहतर संतुलन साधने की जरूरत है. विशेषज्ञ आगाह करते हैं कि मौजूदा विवाद हिंदू-मुस्लिम झगड़े या चीन विरोधी बयानबाजी में तब्दील नहीं होना चाहिए, वरना वह राष्ट्रपति को बीजिंग की ओर और धेकल देगा. भारत को ध्यान रखना होगा कि हिंद महासागर के बड़े खेल में चीन आगे निकलता दिख रहा है. विशेषज्ञों का कहना है कि भारत को इस विवाद को आगे बढ़ाने की बजाए, इसका इस्तेमाल मुइज्जू को बैकफुट पर रखने और परदे के पीछे से वहां भारतीय हितों को आगे बढ़ाने के लिए करना चाहिए.

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