
- अरुण पुरी
साल 2023 दुनिया के लिए खुशगवार नहीं था. दो बड़े युद्धों और कोविड की लंबी छाया के बीच वैश्विक आर्थिक सुस्ती के हमें छोड़कर जाने के कम ही संकेत दिखाई दिए. इस तूफान से भारत को निकालना कोई मामूली काम नहीं था. लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी सरकार को कसौटी पर कस दिया. मसलन, बजट 2023 में उन्होंने 10 लाख करोड़ रुपए, यानी 2013-14 के मुकाबले पांच गुना ज्यादा, पूंजी निवेश के साथ भारत के बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने के 'बहुगुणक प्रभाव' का रास्ता अपनाया.
इसी वजह से भारतीय अर्थव्यवस्था वैश्विक रुझानों को धता बताकर 6.2 फीसद की औसत दर से बढ़ पाई और उसने दुनिया की सबसे तेज बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्था होने का अपना दर्जा भी बनाए रखा. सितंबर में मोदी ऐतिहासिक महिला आरक्षण विधेयक लेकर आए जो आदेश देता है कि हमारे विधानमंडलों में 33 फीसद महिलाएं होंगी. दिसंबर में उनकी सरकार ने भारत के उपनिवेश कालीन दंड विधियों का कायापलट कर दिया, जिनमें 1860 की भारतीय दंड संहिता भी है. नए संसद भवन के निर्माण को उन्होंने फास्ट ट्रैक पर रखा, 28 महीनों में पूरा करवाकर मई 2023 में उद्घाटन कर दिया.

2023 पर अपनी छाप छोड़ने वाले बाकी माननीयों में सबसे आगे प्रधान न्यायाधीश डी.वाइ. चंद्रचूड़ हैं, जो अक्सर सरकार से असहमत होने का साहस दिखाते हैं. इस साल उन्होंने कई अहम मामलों की अध्यक्षता की—हिंडनबर्ग-अदाणी विवाद, दिल्ली के प्रशासन को लेकर चल रहा टकराव, महाराष्ट्र का राजनैतिक संकट, मणिपुर का मानवाधिकार दु:स्वप्न, समलैंगिक विवाह का अधिकार और अनुच्छेद 370 का समापन. कांग्रेस नेता राहुल गांधी का साल भी घटनाओं से भरा रहा, जिसका प्रमुख पन्ना भारत जोड़ो यात्रा थी, जो 2023 की पौ फटने पर जनरुचि में उछाल के साथ संपन्न हुई.
इसका नया संस्करण पूरब से पश्चिम की भारत न्याय यात्रा जनवरी 2024 में शुरू हो रही है, आम चुनाव के आसपास जिसके अपने शिखर पर पहुंचने की उम्मीद है. उन्होंने संसद से निष्कासित होने और फिर उसी साल बहाल होने का दुर्लभ रिकॉर्ड भी बनाया.
अन्य नौ साल के चर्चित चेहरे विविधताओं से भरे हैं. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 'इंडिया' गठबंधन के सयाने सूत्रधार थे. राष्ट्रीय जाति जनगणना के अपने प्रस्ताव और अपने राज्य में इसे पूरा करवाकर वे मंडल 2.0 को विमर्श के केंद्र में भी ले आए. इतने ही चतुर-चालाक अजित पवार ने अपने चाचा शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस को तोड़कर महाराष्ट्र में सत्ता की धुरी को झुका दिया.
मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह राजनैतिक हुनर को कहीं ज्यादा अंधेरे स्तर पर ले गए और महीने भर लंबे जातीय संकट के दौरान उदास और मनहूस परिदृश्य की अध्यक्षता की. वहीं टीएमसी की महुआ मोइत्रा ने मोदी सरकार से लोहा लिया, जिसकी परिणति संसद से एक और विवादास्पद निष्कासन में हुई.
साक्षी मलिक, बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट भी बहुत-से आरोपों से घिरे उत्तर प्रदेश से भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ विरोध का मूर्तिमान चेहरा बन गए. विराट कोहली 50 ओडीआई शतक बनाने और सबसे तेजी से 25,000 अंतरराष्ट्रीय रन पूरे करने वाले पहले बल्लेबाज बने और दोनों ही बार उन्होंने अपने बचपन के आदर्श सचिन तेंदुलकर के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ा.
हमारे यहां सात्वी भी हैं, यानी सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी की संक्रामक ऊर्जा से भरी बैडमिंटन जोड़ी, जिनके लिए यह सुखद खिताबी साल रहा-उनकी ट्रॉफियों में हांगझोउ में हुए एशियाई खेलों का स्वर्ण पदक और विश्व नंबर 1 की रैंकिंग शामिल हैं. फिल्म स्टार शाहरुख खान ने भी दो रिकॉर्ड-तोड़ फिल्मों पठान और जवान के साथ अपना अव्वल पायदान फिर हासिल किया.
अंतरिक्ष निकाय इसरो की प्रयोगशालाओं से अलग किस्म के सितारे का उदय हुआ—श्रीधर पणिक्कर सोमनाथ, जो उस टीम के मुखिया थे जिसने भारत को चंद्रमा पर पहुंचाया और अब उनका लक्ष्य सूरज है. समापन हम उन सितारों के साथ कर रहे हैं, जो धरती के भीतर बिल बनाते हुए उलटी दिशा में गए-रैट-होल माइनरों की वह टीम जिसने धंसी सुंरग के भीतर फंसे 41 मजदूरों को नाटकीय ढंग से बचाने और बाहर निकालने के काम को अंजाम दिया.
मगर यह मोदी ही थे जो देश में और वैश्विक मंचों पर अपने उत्कृष्ट और निपुण प्रदर्शन से सुर्खियों में छाए रहे, जिसकी वजह से वे सुर्खियों का सरताज, 2023 के लिए हमारा सर्वसम्मत चयन हैं. 26 दिसंबर को अपने आवास पर इंडिया टुडे से घंटे भर की खास बातचीत में उनकी सोच साफगोई से उभरकर सामने आई.
उनके जिस उत्तर ने मुझे सबसे ज्यादा प्रभावित किया, वह था, "मक्खन पर लकीर तो सब खींचते हैं. खींचनी है तो पत्थर पर लकीर खींचो." यही बात इस अनूठे नेता को परिभाषित करती है, जो पक्के इरादे और गहरे यकीन के साथ भारत की नई इबारतें गढ़ता जा रहा है. हैप्पी रीडिंग और नए साल की शुभकामनाएं.
- अरुण पुरी, प्रधान संपादक और चेयरमैन (इंडिया टुडे समूह)