अगर इस सहस्राब्दी में आपदा के दृश्य आम हो गए हैं तो इसकी वजह मौसम का मिजाज बिगड़ना नहीं बल्कि इसका नया मानदंड बन जाना है. आसमान से आई सूनामी के कारण पांच नदियां उफन पड़ीं और पांच उत्तरी राज्यों ने अपने पहाड़, खेत और शहरों को पानी में डूबते देखा. कुल मौतें: 200. दूसरी तरह के नुक्सान का आकलन अभी लगाया जा रहा है
हिमाचल प्रदेश
मौतें: 108
3,738 करोड़ रुपए अनुमानित कुल नुक्सान
1,000 सड़कें क्षतिग्रस्त या बाधित हुईं
70,000 पर्यटकों को सुरक्षित निकाला सुरक्षा बलों/राज्य की एजेंसियों ने
350 करोड़ रु. राहत कार्यों के लिए केंद्र की रकम
40 पुल प्रभावित हुए राज्य में
25,000 लोग राहत शिविरों में/बेघर हुए
6,17,000एकड़ खेतों के पानी में डूबने का अनुमान
पंजाब
मौतें: 38
1,438 गांवों में बाढ़ आई जो 19 जिलों में स्थित हैं
4,234 लोगों ने राज्य के 155 राहत कैंपों में शरण ली
हरियाणा
मौतें: 34
4,12,665 एकड़ खेतों में पानी भरे होने का अनुमान
1,378 गांवों में बाढ़ आई जो 12 जिलों में स्थित हैं
6,629 लोगों ने 41 राहत शिविरों में शरण ली
पंजाब
239
मार्ग बाधित हो गए भूस्खलन की वजह से
उत्तराखंड
मौतें: 15
9 पुल क्षतिग्रस्त हो गए अकेले हरिद्वार में
486 घर क्षतिग्रस्त
राष्ट्र बाढ़-नदियों का रौद्र रूप
सतलुज
हिमाचल के किन्नौर, शिमला, कुल्लू, सोलन, मंडी और बिलासपुर जिलों से गुजरकर रोपड़ के रास्ते पंजाब में दाखिल होने वाली सतलुज अपने उच्च जलग्रहण क्षेत्रों में भारी बारिश के कारण उफनाई
उदाहरण के लिए बिलासपुर के काहू में 10 जुलाई को रिकॉर्ड 171.5 मिमी बारिश दर्ज की गई
रावी
7 से 10 जुलाई के बीच हिमाचल में कांगड़ा और चंबा जिलों के रावी बेसिन में लगभग 600 मिमी बारिश दर्ज हुई
इस वजह से उत्तरी पंजाब के गुरदासपुर, पठानकोट और अमृतसर जिलों में बाढ़ आई
व्यास
हिमाचल के कुल्लू जिले में व्यास नदी के उद्गम स्थल पर 7 से 10 जुलाई के बीच करीब 950 मिमी बारिश दर्ज की गई
पंजाब में प्रवेश से पहले इसने मंडी जिले में भारी तबाही मचाई और होशियारपुर, कपूरथला तथा जालंधर भी बाढ़ की चपेट में आ गए
यमुना
हिमाचल और उत्तराखंड के अपने जलग्रहण क्षेत्रों में भारी बारिश के कारण उफनाती यमुना ने हरियाणा के यमुनानगर, करनाल, पानीपत और सोनीपत में खेतों को डुबो दिया
11 जुलाई को प्रवाह बढ़कर 3.5 लाख क्यूसेक पहुंचने पर जैसे ही यमुनानगर में हथिनीकुंड बैराज के गेट खोले गए, दिल्ली के पूर्वी हिस्से में बाढ़ आ गई
घग्घर
इसका उद्गम स्थल हिमाचल के सोलन जिले में है, जहां 7 से 10 जुलाई के बीच रिकॉर्ड 380 मिमी बारिश हुई
नदी धारा के मुहाने की तरफ, चंडीगढ़ और इसके आसपास 72 घंटों में 532 मिमी बारिश हुई
इससे पंजाब के पटियाला/संगरूर और हरियाणा के पंचकुला/पिंजौर में धान के खेत डूब गए, राजधानी चंडीगढ़ में जलापूर्ति प्रभावित हुई
गंगा
लगातार उफनाती गंगा 16 जुलाई को उत्तराखंड के देवप्रयाग में 463 मीटर का खतरे का निशान पार कर गई, यहां भागीरथी और अलकनंदा के संगम से इस पवित्र नदी का उद्गम होता है. उसी शाम हरिद्वार में भी इसने 293 मीटर का चेतावनी स्तर पार कर लिया
25,478
लोगों को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से बाहर निकाला गया
16
टीमें एनडीआरएफ की राहत कार्य में जुटी रहीं
22,803
लोगों को 44 राहत शिविरों में भेजा गया