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जिन्नातों का शहर

हेरिटेज वॉक खूनी दरवाजा से शुरू होकर फिरोज शाह कोटला तक जाती है, जिसे शाम ढलने के बाद जिन्नातों का बसेरा माना जाता है

मालचा महल दिल्लीः जिन्नातों का बसेरा
मालचा महल दिल्लीः जिन्नातों का बसेरा
अपडेटेड 14 जुलाई , 2023

अपने गौरवशाली अतीत और ऐतिहासिक इमारतों की समृद्ध विरासत की वजह से दिल्ली हमेशा हेरिटेज वॉक का पसंदीदा ठिकाना रही है. इस समय तो 'हॉन्टेड' हेरिटेज वॉक भी मेन्यू में है, जिसे दिल्ली पर्यटन ने शुरू किया था. दो ऐसी वाक हैं: 'मालचा महल' और 'फिरोज शाह कोटला'. पहली वाक में मालचा महल की सैर कराई जाती है. यह मध्य दिल्ली में रिज के अंदर स्थित तुगलक काल का हंटिंग लॉज है. यह खंडहर बन चुकी इमारत 1985 से बेगम विलायत महल का घर हुआ करती थी, जहां वे अपने दो बच्चों के साथ रहा करती थीं. बेगम विलायत खुद को वाजिद अली शाह की पड़पोती बताती थीं. उन्होंने 1993 में कथित तौर पर हीरे का चूर्ण निगलकर खुदकुशी कर ली. माना जाता है कि उनकी आत्मा अब भी इस जगह पर भटकती रहती है. उनके खानदान के आखिरी जिंदा फर्द प्रिंस अली रजा (उर्फ साइरस) का 2017 में इंतकाल हो गया. दूसरी हेरिटेज वॉक खूनी दरवाजा से शुरू होकर फिरोज शाह कोटला तक जाती है, जिसे शाम ढलने के बाद जिन्नातों का बसेरा माना जाता है. लोग यहां के पेड़ों और दरवाजों पर धागे बांधकर मन्नत मांगते हैं. लेकिन हम बस यही चाहते हैं कि इस तरह की अनोखी वॉक बार-बार कराई जाती रहे.

यह वॉक हर शनिवार और रविवार को आयोजित की जाती है और इसका खर्च प्रति व्यक्ति 800 रुपए है. ये वॉक डेढ़ घंटे की होती हैं (शाम 5.30-7 बजे तक) और delhitourism.gov.in .पर बुक की जा सकती हैं. इनमें 15 साल से कम उम्र के बच्चों को नहीं रखा जाता.

तमसो मा ज्योतिर्गमय

कोलकाता के विक्टोरिया मेमोरियल हॉल में हाल ही लॉन्च किया गया साउंड-ऐंड-लाइट शो 3डी प्रोजेक्शन मैपिंग के जरिए कोलकाता की कहानी को जीवंत करता है. 'कोलकाता-द सिटी ऑफ जॉय' नाम के इस 40 मिनट के शो का उद्घाटन केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस साल 9 मई को रवींद्र जयंती के अवसर पर किया था. यह शो पुराने जमाने के बाबुओं से लेकर भोजन, संस्कृति, साहित्य और इतिहास तक, कोलकाता के अतीत और वर्तमान की सभी चीजों को आकर्षक और सुलभ तरीके से पेश करता है.

यह शो सोमवार और सार्वजनिक छुट्टियों को छोड़कर सभी दिन चलता है और अंग्रेजी (बुधवार), बांग्ला (मंगलवार/शुक्रवार/रविवार) और हिंदी (गुरुवार/शनिवार) में दिखाया जाता है. समय: शाम 6.30 बजे. टिकट: 100 रुपए (संग्रहालय का एंट्री टिकट अलग से लगता है)

एक गड्ढा रहस्यमय

यह 1,000 साल पुराने मंदिर के चारों ओर 60 करोड़ साल पुराना गड्ढा है. राजस्थान टूरिज्म को लगता है कि इस जगह को पर्यटकीय आकर्षण के रूप में विकसित करने का यह माकूल मौका है. रामगढ़ को प्रसिद्धि नहीं मिली है तो इसकी वजह यह है कि यह स्थल भूवैज्ञानिक रहस्यों में उलझा रहा है. क्या यह गड्ढा ज्वालामुखी की वजह से बना है या किसी एस्टेरॉयड के गिरने से पूरा इलाका धंस गया? इसकी यही खूबी प्रमुख हस्तियों को आकर्षित करने के काम आती है—इसे किशन सिंह रावत उर्फ 'एके' ने मैप किया था. वे भेष बदलकर तिब्बत का सर्वेक्षण करने वाले प्रसिद्ध 'पंडितों' में से एक थे. अंग्रेजी के पोएट डब्ल्यू.एच. ऑडेन के भाई, भूविज्ञानी जॉन बिकनेल ऑडेन उन लोगों में से थे जिन्होंने अनुमान लगाया था कि गड्ढा मैग्मा की वजह से बना. लेकिन राजस्थान के दक्षिण-पश्चिमी कोने में बारां जिले में स्थित इस जगह के बारे में वैज्ञानिक सर्वानुमति बन गई है कि ऑडेन का अनुमान गलत था. यह दरअसल बिल्कुल अलग तरह का गड्ढा है: यह आसमान से गिरे किसी छोटे ग्रह के टकराने से बना है. यह रामगढ़ भारत का दूसरा सबसे बड़ा 'ऐस्ट्रोब्लीम' या खगोल स्थल (लोनार क्रेटर के बाद) है. सरकार इस जगह को पर्यटकीय आकर्षण केंद्र के रूप में विकसित करने के लिए 57 करोड़ रुपए खर्च करने की योजना बना रही है. आप शायद इससे पहले वहां पहुंचना चाहें.

शॉर्टकट

पर्यटन के नक्शे पर इन राज्यों में नया क्या है...

गोवा
रोहन खौंटे, पर्यटन मंत्री: ''गोवा में मॉनसून पर्यटन में तेजी आई है. गोवा पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए स्थानीय त्योहारों को बढ़ावा देने पर भी विचार कर रहा है. इनमें शिग्मो, हेरिटेज, स्पिरिट ऑफ गोवा, दीपोत्सव, फूड ऐंड कल्चरल कार्निवल, विंटेज, चिकल कालो, साओ जाओ और बोंडेरम शामिल हैं. जीवंत रंगों और पारंपरिक संगीत से लेकर कार्निवाल की जीवंत परेड और वेशभूषा तक, ये उत्सव पर्यटकों को स्थानीय परंपराओं और समारोहों में शामिल होने का अवसर देते हैं. नए हवाई अड्डे का खासा असर पड़ा है. अब पहले से ज्यादा पर्यटक आसानी से गोवा पहुंच पा रहे हैं.''

तमिलनाडु
डॉ. के. मणिवासन, प्रमुख सचिव, पर्यटन: ''तमिलनाडु 300 डेस्टिनेशन के लिए एक व्यापक मास्टर प्लान के साथ राज्य की पर्यटन क्षमता का दोहन कर रहा है. इसने पर्यटन स्थलों के समग्र विकास के लिए 2021 में तमिलनाडु टूरिज्म डेस्टिनेशन डेवलपमेंट स्कीम भी शुरू की है. कोल्ली हिल्स, जवाधु हिल्स और येलागिरि जैसे अपेक्षाकृत कम-ज्ञात ठिकानों को इस योजना के तहत विकसित किया जा रहा है. इसके अलावा, यह राज्य वाथलमलाई, मुथुकुडा और मुथुपेट्टै जैसे ग्रीनफील्ड डेस्टिनेशन जोर-शोर से बना रहा है. वर्ल्ड सर्फ लीग इवेंट का एक हिस्सा इंटरनेशनल सर्फ ओपन चैंपियनशिप 2023 में भारत में पहली बार ममल्लपुरम में आयोजित की जाएगी.''

राजस्थान
गायत्री राठौड़, प्रमुख सचिव, पर्यटन: ''सबसे पसंदीदा पर्यटन स्थल होने के नाते राजस्थान में पिछले दो वर्षों में यात्रियों की संख्या में जबरदस्त इजाफा देखा गया है. हमारे इनोवेटिव मार्केटिंग कैंपेन ने इसे और बढ़ाया है. राजस्थान पर्यटन असल में ग्रामीण पर्यटन नीति के माध्यम से अपने सुंदर, प्राकृतिक, ग्रामीण लैंडस्केप्स को प्रदर्शित करने की कोशिश कर रहा है. हम राजस्थान को डेस्टिनेशन वेडिंग के लिए सबसे अच्छी जगह बनाने पर भी काम कर रहे हैं. महामारी के बाद लग्जरी ट्रेन 'पैलेस ऑन व्हील्स' को फिर से शुरू करना राजस्थान आने वाले लग्जरी यात्रियों के लिए प्रमुख आकर्षणों में से एक रहा है.''

गुजरात
हरित शुक्ला, सचिव, पर्यटन: ''गुजरात पर्यटन धोलावीरा, शिवराजपुर, सासन गिर और धरोई जैसे नए स्थलों को बढ़ावा देने पर ध्यान दे रहा है. पर्यटन विभाग ऐडवेंचर टूरिज्म, फूड फेस्टिवल, सांस्कृतिक कार्यक्रम और हस्तशिल्प मेले को भी प्रोत्साहित कर रहा है. डेस्टिनेशन के रूप में धरोई की कल्पना एक सेंट्रल रीजनल कोर के रूप में की गई है. धोलावीरा को 'आइकॉनिक टूरिस्ट डेस्टिनेशन' के रूप में विकसित किया जाएगा. बब्बर शेरों के एकमात्र निवास स्थान सासन गिर को भी ऐसे ही विकसित किया जाएगा. द्वारका कॉरिडोर परियोजना में श्री कृष्ण की दुनिया की सबसे बड़ी मूर्ति, 3डी इमर्सिव सेंटर, श्रीमद्भगवत गीता एक्सपीरियंस जोन और विलुप्त शहर द्वारका को देखने वाली गैलरी होगी.''

उत्तराखंड
सचिन कुर्वे, सचिव, पर्यटन और सीईओ, उत्तराखंड टूरिज्म डेवलपमेंट बोर्ड: ''मसूरी में जॉर्ज एवरेस्ट्स हाउस को रिस्टोर करके जॉर्ज एवरेस्ट एस्टेट बनाया गया है, जहां हेरिटेज म्यूजियम, ईको हट्स, रेस्तरां और पास में ही हेलिपोर्ट है. हमने हाल ही में उत्तरकाशी के पास हर्षिल में भागीरथी में व्हाइट वॉटर राफ्टिंग की घोषणा की है. हमारा राज्य ब्रेकफास्ट टूरिज्म, हेलि टूरिज्म, ग्रामीण पर्यटन, ऐस्ट्रो टूरिज्म और विभिन्न प्रकार के ऐडवेंचर टूरिज्म को बढ़ावा दे रहा है.  गढ़वाल (केदारखंड) में चार धाम की तर्ज पर कुमाऊं (मानसखंड) में तीर्थयात्री सर्किट पर काम चालू है.''

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