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विधानसभा चुनाव 2022ः मां! मेरी नैया पार लगाओ

दिवंगत डॉ. इंदिरा हृदयेश को हल्द्वानी का 'विकास शिल्पी’ कहा जाता है, यहां पर उनका बड़ा जनाधार है जिस पर अब उनके बेटे की नजर है.

सहानुभूति की आस सुमित हृदयेश अपनी दिवंगत मां इंदिरा हृदयेश की तस्वीर को साथ लेकर नामांकन करने पहुंचे
सहानुभूति की आस सुमित हृदयेश अपनी दिवंगत मां इंदिरा हृदयेश की तस्वीर को साथ लेकर नामांकन करने पहुंचे
अपडेटेड 14 फ़रवरी , 2022

उत्तराखंड

उत्तराखंड की हल्द्वानी विधानसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी सुमित हृदयेश अपनी मां डॉ. इंदिरा हृदयेश के पक्ष में बनी सहानुभूति को भुनाने की हरसंभव कोशिश कर रहे हैं. डॉ. इंदिरा हृदयेश की नेता प्रतिपक्ष रहते हुए पिछले साल हुई मौत के बाद से यह सीट खाली थी.

इस विधानसभा सीट पर कांग्रेस का टिकट लेकर मैदान में उतरे सुमित हृदयेश अपनी मां इंदिरा हृदयेश के चित्र को लेकर नामांकन करते दिखाई दिए. इसके जरिए सुमित अपनी मां के समर्थकों की सहानुभूति को अपने पक्ष में भुनाना चाह रहे थे. दिवंगत डॉ. इंदिरा हृदयेश को हल्द्वानी का 'विकास शिल्पी’ कहा जाता है, यहां पर उनका बड़ा जनाधार है जिस पर अब उनके बेटे की नजर है.

उत्तर प्रदेश

नौकरी छोड़ो, चुनाव लड़ो

अभी तक अधिकारी रिटायरमेंट के बाद सियासत में कदम रखते थे. अब ऐसा पहली बार हो रहा है कि लंबी अवधि की नौकरी छोड़कर अधिकारी सीधे चुनावी राजनीति में कूद रहे हैं. यूपी में विधानसभा चुनाव की घोषणा होते ही कानपुर के पुलिस कमिश्नर असीम अरुण ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति   (वीआरएस) के लिए आवेदन कर दिया. वीआरएस स्वीकृत होते ही अरुण भाजपा में शामिल हो गए.

भाजपा ने भी दलित वोटों में सेंध लगाने की गरज से उन्हें कन्नौज सुरक्षित सीट से उम्मीदवार बना दिया. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) में संयुक्त निदेशक रहे पीपीएस अधिकारी राज राजेश्वर सिंह ने पिछले वर्ष अगस्त में ही वीआरएस के लिए आवेदन कर दिया था.

पांच महीने बाद 1 फरवरी को उनका वीआरएस स्वीकृत हुआ और कुछ ही देर जब भाजपा ने लखनऊ जिले की विधानसभा सीटों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा की तो उसमें सरोजनी नगर सीट से राज राजेश्वर सिंह का नाम था. भाजपा सरकार में चर्चित रहीं राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) स्वाति सिंह का टिकट काटकर राजेश्वर सिंह को उतारा गया है.

उत्तराखंड
चुनाव जीतने का दांव

उत्तराखंड के नैनीताल जिले की लालकुआं विधानसभा सीट से चुनावी समर में उतरे 73 साल के बुजुर्ग हरीश रावत चुनाव प्रचार के दौरान कबड्डी के अखाड़े में कूदते दिखाई दिए. चुनाव प्रचार के दौरान युवा खिलाड़ियों के साथ कबड्डी खेलने उतरे हरीश रावत का कबड्डी में दांव लगाते हुए वीडियो जमकर वायरल हुआ. रावत मतदाताओं से जुड़ाव दिखाने के लिए कभी पकौड़े की दुकान पर पकौड़े तलते हुए तो कभी जलेबियां छानते हुए दिखाई दे जाते हैं. चुनाव जो न कराए, कम है !

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