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देश का मिजाज सर्वेक्षणः लोकप्रिय क्षत्रप

भाजपा के 13 मुख्यमंत्रियों में योगी आदित्यनाथ भले सबसे लोकप्रिय मुख्यमंत्री साबित हुए लेकिन बाकी तमाम राज्यों में गैर भाजपा मुख्यमंत्री अपने-अपने सूबे में खासे मकबूल हैं.

नवीन पटनायक
नवीन पटनायक
अपडेटेड 27 जनवरी , 2022

देश का मिज़ाज/ राज्यों के मुख्यमंत्री

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी की प्रमुख ममता बनर्जी ने असामान्य कदम उठाते हुए फरवरी और मार्च में होने जा रहे उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के पक्ष में प्रचार करने का फैसला लिया. एक राज्य का मुख्यमंत्री दूसरे राज्य में चुनाव प्रचार करे, इसमें कुछ असामान्य नहीं है, सिवा इसके कि ममता की टीएमसी और अखिलेश यादव की सपा के बीच कोई औपचारिक गठबंधन नहीं है.

यही नहीं, उत्तर प्रदेश में टीएमसी का कुछ भी दांव पर नहीं लगा है. फिर भी सपा ने पिछले साल पश्चिम बंगाल में भाजपा को धूल चटा चुकी ममता से संपर्क साधा, क्योंकि वह भगवा खेमे के सबसे कद्दावर नेताओं में से एक—योगी आदित्यनाथ—के खिलाफ लामबंद है.

महंत से राजनेता बने योगी आदित्यनाथ को इंडिया टुडे देश का मिज़ाज (एमओटीएन) सर्वे में लगातार चौथी बार सबसे लोकप्रिय मुख्यमंत्री आंका गया है—देश भर में फैले 60,141 में से 27.1 फीसद उत्तरदाता उन्हें भारत का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाला मुख्यमंत्री मानते हैं. योगी आदित्यनाथ के लिए यह अगस्त 2021 के पिछले एमओटीएन सर्वे से 8 फीसद अंकों की छलांग है.

लोकप्रिय क्षत्रप
लोकप्रिय क्षत्रप

हालांकि यह आसान या अबाधित चढ़ाई नहीं रही. उनकी स्वीकृति ने कुछ निश्चित भूगोल और जाति समूहों में तेज उछाल भरी है—उत्तर भारत के 45 फीसद उत्तरदाताओं और 41 फीसद सवर्ण हिंदू उत्तरदाताओं ने उन्हें सबसे अव्वल आंका. साथ ही, दक्षिण भारत के महज 10 फीसद उत्तरदाताओं और 5 फीसद मुस्लिम उत्तरदाताओं ने नंबर 1 मुख्यमंत्री के तौर पर उनका समर्थन किया. अपनी छलांगें भरती लोकप्रियता के बावजूद हिंदुत्व के प्रतीक पुरुष राष्ट्रीय राजनीति में ध्रुवीकरण करने वाली शख्सियत बने हुए हैं. 

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अकेले दूसरे मुख्यमंत्री हैं जिनकी राष्ट्रीय रेटिंग अगस्त के पिछले एमओटीएन सर्वे के बाद बढ़ी है—14 फीसद से 20 फीसद. उनकी लोकप्रियता का सबसे अहम पहलू यह है कि उन्हें अधिकतम समर्थन—35 फीसद—पंजाब की राजनीति में दबदबा रखने वाले सिख समुदाय से मिला है, उसी पंजाब में, जहां उनकी पार्टी आप आने वाले विधानसभा चुनाव में मुख्य खिलाड़ी है.

सभी मुख्यमंत्रियों में उन्हें एसटी का सबसे ज्यादा समर्थन हासिल है, जिनमें 33 फीसद उनके पक्ष में है. मुसलमानों में भी वे दूसरे सबसे लोकप्रिय मुख्यमंत्री हैं, जिनके 25 फीसद उत्तरदाताओं ने उन्हें शीर्ष रेटिंग दी, जबकि 26 फीसद मुस्लिम उत्तरादाताओं ने ममता बनर्जी को सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाला राज्य प्रमुख चुना.

जब अपने राज्य के भीतर मुख्यमंत्रियों के प्रदर्शन की बात आती है, तो ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक नंबर 1 पायदान पर हैं, जहां 71 फीसद उत्तरदाताओं ने उनके राजकाज के प्रति संतोष जाहिर किया. उनके ठीक पीछे ममता बनर्जी हैं जो अपने राज्य के 70 फीसद उत्तरदाताओं को खुश कर पाई हैं. केवल नौ मुख्यमंत्री हैं जिन्हें अपने-अपने राज्यों में औसत 43 फीसद से अधिक संतुष्ट उत्तरदाताओं का समर्थन हासिल है.

लोकप्रिय क्षत्रप
लोकप्रिय क्षत्रप

दिलचस्प बात यह भी है कि इस फेहरिस्त में क्षेत्रीय दिग्गजों का दबदबा है, जो शीर्ष छह पायदान पर काबिज हैं. ये अपने-अपने राज्यों में बेहद मकबूल मुख्यमंत्री हैं और इस तरह वे राज्य में अपनी पार्टी के क्षत्रप हैं. उनके कामकाज से दूसरे राज्यों के लोग खुश हों या न हों, लेकिन उनके अपने नागरिक संतुष्ट हैं. राष्ट्रीय पार्टियों में कांग्रेस बेहतर उभरकर आई, जहां उसके तीन में से दो मुख्यमंत्री—छत्तीसगढ़ के भूपेश बघेल और राजस्थान के अशोक गहलोत—शीर्ष नौ में शुमार हैं.

भाजपा के 13 मुख्यमंत्री हैं, लेकिन उनमें से केवल एक—असम के नए मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा—ने शीर्ष नौ में जगह बनाई, जहां राज्य के 57 फीसद उत्तरदाताओं ने उनके कामकाज के प्रति संतोष व्यक्त किया है. आश्चर्य तो यह है कि भाजपा के सबसे यशस्वी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस फेहरिस्त से गायब हैं.

एक और पहली बार बने मुख्यमंत्री—तमिलनाडु के एम.के. स्टालिन—ने अपने राज्य के 68 फीसद उत्तरदाताओं का संतोष हासिल किया है और इसकी बदौलत उछलकर तीसरे पायदान पर आ गए हैं. दरअसल, स्टालिन सरीखे क्षत्रपों को केवल राज्य में ही ऊंचा नहीं आंका गया है, बल्कि देश भर में उनकी लोकप्रियता बढ़ती दिखाई दी है.

टीएमसी की प्रमुख ममता बनर्जी, डीएमके के अध्यक्ष स्टालिन और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री तथा शिवसेना के सुप्रीमो उद्धव ठाकरे तीन ऐसे मुख्यमंत्री हैं, जो दोनों फेहरिस्तों—एक सभी राज्यों के उत्तरदाताओं द्वारा दी गई रेटिंग पर आधारित और दूसरी मुख्यमंत्री के गृह राज्य के उत्तरदाताओं द्वारा दी गई रेटिंग पर आधारित—के शीर्ष पांच मुख्यमंत्रियों में हैं.

यह वह सबक है जो राष्ट्रीय पार्टियां शायद इन दिग्गजों से सीखना चाहेंगी.


1. योगी आदित्यनाथ
उत्तर प्रदेश
27.1% [19%]

सबसे लोकप्रिय सीएम
(पूरे देश में)

उत्तरदाताओं को यह आकलन करने को कहा गया कि वे देश में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाला सीएम किसे मानते  हैं

2. अरविंद केजरीवाल
दिल्ली
19.9% [14%]

3. ममता बनर्जी
पश्चिम बंगाल
10.8 % [11%]

4. एम. के. स्टालिन
तमिलनाडु
6.7 %

5. उद्धव ठाकरे 
महाराष्ट्र
4.9 %  [5%]

6. वाइ.एस. जगन
मोहन रेड्डी
आंध्र प्रदेश
3.3 % [6%]

7. नवीन पटनायक
ओडिशा
3.2 % [5%]

8. नीतीश कुमार
बिहार
2.3% [5%]

राज्यों के उत्तरदाताओं को 30 मुख्यमंत्रियों के काम काज का मूल्यांकन करने को कहा गया. देश भर के 60.141 उत्तरदाताओ में से 27.1 फीसद ने योगी का मूल्यांकन भारत के नवंबर वन मुख्यमंत्री के तौर पर किया

1. नवीन पटनायक
ओडिशा
 71.1%

सबसे लोकप्रिय सीएम 
(गृह राज्य में)
उत्तरादाताओं ने अपने गृह राज्य के मुख्यमंत्री के कामकाज का आकलन इस तरह किया
2. ममता बनर्जी
पश्चिम बंगाल
69. %
3. एम.के. स्टालिन
तमिलनाडु
67.5% 
4. उद्धव ठाकरे
महाराष्ट्र
61.8 %
5. पिनाराई विजयन
केरल
61.1%
6. अरविंद केजरीवाल
दिल्ली
57.9 %
7. हिमंत बिस्वा शर्मा
असम
56.6%
8. भूपेश बघेल
छत्तीसगढ़
51.4% 
9. अशोक गहलोत
राजस्थान
44.9 %
हर राज्य के उत्तरदाताओं को अपने सूबे के मुख्यमंत्री के कामकाज का मूल्यांकन करने को कहा गया. ओडिशा के 2,743 उत्तरदाताओं में 71.1 फीसद उत्तरदाता नवीन पटनायक के काम से संतुष्ट हैं. जबकि प. बंगाल के 69.7 फीसद उत्तरदाताओं ने ममता बनर्जी के कामकाज पर संतोष जताया
 

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