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मध्य प्रदेशः बॉलीवुड की नई पसंद

फिल्म पर्यटन नीति जारी करने के बाद राज्य में फिल्म बनाने के कम से कम एक दर्जन प्रस्तावों की मंजूरी दी गई है और इनकी शूटिंग नए साल की शुरूआत में शुरू होने की संभावना है

बढ़ी उम्मीदें बीते कुछ महीनों में राज्य में विद्या बालन अभिनीत शेरनी और भूमि पेडणेकर की मुख्य भूमिका वाली दुर्गामती सरीखी फिल्मों की शूटिंग मध्य प्रदेश में की गई
बढ़ी उम्मीदें बीते कुछ महीनों में राज्य में विद्या बालन अभिनीत शेरनी और भूमि पेडणेकर की मुख्य भूमिका वाली दुर्गामती सरीखी फिल्मों की शूटिंग मध्य प्रदेश में की गई
अपडेटेड 16 दिसंबर , 2020

लॉकडाउन के बाद फिल्मों की शूटिंग शुरू होने के साथ ही मध्य प्रदेश फिल्म निर्माताओं के लिए आकर्षक जगह के तौर पर उभरता दिखाई दे रहा है. प्रदेश में 20 से ज्यादा फिल्मों, वेब सीरीज और सीरियलों की शूटिंग या तो की जा रही है या शुरू होने वाली है.

प्रदेश में आबादी के कम घनत्व और कोविड के बनिस्बतन कम फैलाव ने जहां फिल्मकारों को यहां खींचने में भूमिका निभाई है, वहीं सरकार की तरफ से राज्य की फिल्म शूटिंग नीति की शक्ल में उठाए गए कदमों का भी अच्छा असर पड़ा है. प्रदेश सरकार ने मार्च 2020 में 'फिल्म पर्यटन नीति 2020' का ऐलान किया. इसके तहत उसने राज्य में फिल्मों की शूटिंग करने के इच्छुक फिल्म निर्माताओं को भरसक मदद देने की रूपरेखा पेश की है. इस नीति में अलग-अलग महकमों से कई तरह की इजाजत लेने के लिए एकल खिड़की स्वीकृति प्रणाली की पेशकश तो की ही गई, इसके अलावा राज्य में फिल्म की शूटिंग के लिए सब्सिडी देने के प्रावधान भी किए गए हैं. सब्सिडी कितनी होगी यह इस पर निर्भर करेगा कि राज्य में कितने दिन फिल्म की शूटिंग की जाएगी. यह इस पर भी निर्भर करेगा कि प्रोडक्शन हाउस अपनी अगली फिल्में बनाने के लिए कितनी बार राज्य में लौटकर आता है.

अगर प्रोडक्शन हाउस फिल्म की 50 फीसद शूटिंग प्रदेश में करता है तो वह 1 करोड़ रु. या निर्माण लागत की 25 फीसद रकम (जो भी कम हो) हासिल कर सकेगा. अगर वह दूसरी फिल्म बनाने के लिए राज्य में लौटकर आता है तो सब्सिडी की रकम बढ़कर 1.25 करोड़ रु. और तीसरी फिल्म बनाने के लिए लौटकर आने पर यह बढ़कर 1.50 करोड़ रु. हो जाएगी. प्रदेश में स्टूडियो स्थापित करने की इच्छुक कंपनियों के लिए भी आर्थिक मदद का ऐलान किया गया है.

राज्य में शूट की जा रही वेबसीरीज को अनुमतियां हासिल करने के लिए चुकाई गई फीस में छूट मिलेगी और अगर वेबसीरीज की राज्य में कम से कम 90 दिनों तक शूटिंग होती है तो यह छूट 50 लाख रुपए तक होगी. सीरियल भी राज्य में कम से कम 90 दिन शूट किए जाते हैं तो इतनी ही सब्सिडी मिलेगी. कहानी प्रदेश पर आधारित हो या फिल्म राज्य में पर्यटन का प्रसार-प्रचार करती हो तो और भी लाभ मिलेंगे.

बीते कुछ महीनों में ए सुटेबल बॉय, मीमांसा जैसी प्रमुख वेबसीरीज, विद्या बालन की शेरनी और भूमि पेडणेकर की दुर्गामती सरीखी फिल्मों और अनुपम खेर के दि लास्ट शो की शूटिंग प्रदेश में की गई है. प्रिंसिपल सेक्रेटरी, टूरिज्म, शिव शेखर शुक्ला कहते हैं, ''जंगल हों या धरोहर स्थल, मध्य प्रदेश विविधता से भरे कई सारी लोकेशन की पेशकश करता है. कोविड के प्रकोप के बाद प्रदेश इसलिए शूटिंग करने वालों को माकूल लगा क्योंकि इसके कस्बे और शहर कम भीड़-भाड़ वाले हैं और इसलिए भी कि यहां कोविड मोटे तौर पर नियंत्रण में है.'' राज्य ने कोविड के दौरान फिल्मों की शूटिंग के लिए मानक कार्य प्रक्रियाएं भी तय कीं और ऐसे दिशा-निर्देश वाला पहला राज्य बन गया.

फिल्म पर्यटन नीति जारी करने के बाद राज्य में फिल्म बनाने के कम से कम एक दर्जन प्रस्तावों की मंजूरी दी गई है और इनकी शूटिंग नए साल की शुरूआत में शुरू होने की संभावना है. इनमें से कुछ फिल्में प्रतिष्ठित प्रोडक्शन हाउस की हैं जिनमें कोटा फैक्ट्री, तेजस, धाकड़, गुल्लक 2, व्हिसल ब्लोअर और पंचायत 2 शामिल हैं.

प्रदेश में पहले भी गंगाजल 2, राजनीति, आरक्षण और पीपली लाइव जैसी फिल्में शूट हो चुकी हैं. उससे पहले 1980 के दशक में डकैत जीवन पर बनी फिल्मों के लिए चंबल के बीहड़ पसंदीदा लोकेशन थे और अब भी हैं. अलबत्ता, अनुमतियों और आर्थिक प्रोत्साहन को आसान बनाने के लिए लाई नई नीति राज्य के हित में कारगर नजर आ रही है.

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