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हेल्थगीरी अवॉर्डः राष्ट्रीय सेवा भारती के मदद को बढ़े हाथ

सेवा भारती का मार्गदर्शन करने वाले संघ के राष्ट्रीय सेवा प्रमुख पराग अजयंकर कहते हैं, कोविड के दौरान अपने काम से हमने काफी अनुभव हासिल किए हैं. इससे सामाजिक सेवा के हमारे नजरिये को और विस्तार मिला है

चलकर आई मदद आरएसबी कार्यकर्ता नई दिल्ली के मयूर विहार क्षेत्र में चिल्ला के पास यमुना खादर में खाद्य सामग्री बांटते हुए
चलकर आई मदद आरएसबी कार्यकर्ता नई दिल्ली के मयूर विहार क्षेत्र में चिल्ला के पास यमुना खादर में खाद्य सामग्री बांटते हुए
अपडेटेड 16 अक्टूबर , 2020

आपदा को अवसर में बदलते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सामाजिक सेवा प्रकल्प राष्ट्रीय सेवा भारती (आरएसबी) ने पिछले कुछ महीनों में जरूरतमंदों की सेवा करने की दिशा में मजबूती से कदम बढ़ाए हैं. उसने देशभर में 11,000 भोजन वितरण केंद्र खोले और 483 चिकित्सा केंद्र संचालित किए जिनसे कुल 1,46,000 लोगों को मदद मिली.

सेवा भारती के करीब 5,80,000 कार्यकर्ताओं ने देशभर में हजारों जगहों पर अपने प्रयासों से योगदान किया—74 लाख राशन किट, 4,66,000 तैयार भोजन के पैकेट और 90 लाख मास्क बांटे गए. करीब दो लाख आश्रयहीन लोगों को अस्थायी निवास भी उपलब्ध कराए गए. इसके अलावा 60 लाख लोगों को आयुर्वेदिक दवाएं उपलब्ध कराई गईं और देशभर में ब्लड बैंकों के लिए 6,200 बोतल खून भी इकट्ठा किया गया.


सेवा भारती ने घुमंतू जनजातियों को भी मदद पहुंचाई और 2,67,000 लोगों को खाद्य राशन उपलब्ध कराया गया. राष्ट्रीय सेवा भारती के राष्ट्रीय अध्यक्ष पन्नालाल भंसाली कहते हैं, ''ये सारे आंकड़े तो केवल 5 जून तक के हैं—हमारा काम तो लॉकडाउन उठने के बाद भी चलता रहा, हालांकि हमने आंकड़े इकट्ठे करने का काम बंद कर दिया था. राष्ट्रीय सेवा भारती के 17 साल के इतिहास में यह अब तक का सबसे बड़ा सेवा कार्य रहा है.''


साल 2003 में सेवा भारती की स्थापना में मदद संघ के मौजूदा सरकार्यवाह भैयाजी जोशी ने ही की थी, जब इस बात को महसूस किया गया था कि सामाजिक सेवा के कामों में मदद करने के लिए एक प्रतिबद्ध संगठन बनाए जाने की जरूरत है. हालांकि उससे पहले भी संघ अपने कई आनुषंगिक संगठनों के जरिए सामाजिक सेवा कार्यक्रमों का संचालन करता रहा है.


आज सेवा भारती का विस्तार देशभर में है. वह 1,20,000 शिक्षा प्रकल्प, जिनमें 8,000 विद्या भारती स्कूल शामिल हैं, 13,000 स्वास्थ्य प्रकल्प, 15,500 सामाजिक समरसता प्रकल्प और 8,000 आत्मनिर्भरता प्रकल्प संचालित करती है. इनमें से बड़ी संख्या में उसके प्रकल्प उन इलाकों में संचालित होते हैं जहां सरकारी सहायता पहुंचना असंभव होता है जैसे कि सुदूर पहाड़ी या ग्रामीण इलाकों में. सेवा भारती का मार्गदर्शन करने वाले संघ के राष्ट्रीय सेवा प्रमुख पराग अजयंकर कहते हैं, ''कोविड के दौरान अपने काम से हमने काफी अनुभव हासिल किए हैं. इससे सामाजिक सेवा के हमारे नजरिये को और विस्तार मिला है.''

क्यों जीता: करीब 50 लाख से ज्यादा प्रवासियों को  44 लाख फूड पैकेट और 14 लाख सुरक्षा किट बांटे करीब दो लाख लोगों को अस्थायी निवास उपलबध कराए शारीरिक दूरी बनाए रखने जैसे एहतियातों के बारे में जानकारी का प्रसार किया

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