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रिलायंस फाउंडेशनः संकटमोचक

रिलायंस न्यूट्रिशन गार्डन ने कम लागत का जैविक उद्यान मॉडल विकसित किया और परिवारों के लिए नाममात्र की कीमत पर बेहतर पोषण सुनिश्चित किया

सुरक्षा पहले रिलायंस फाउंडेशन के कर्मी फेस मास्क बांटते हुए
सुरक्षा पहले रिलायंस फाउंडेशन के कर्मी फेस मास्क बांटते हुए
अपडेटेड 16 अक्टूबर , 2020

रिलायंस फाउंडेशन ने बृहन्मुंबई नगर निगम के साथ मिलकर मुंबई के सेवनहिल्स अस्पताल में भारत का पहला समर्पित कोविड-19 सुविधा केंद्र स्थापित किया. 100 बिस्तरों वाले इस अस्पताल को दो हफ्तों के भीतर 250 बिस्तरों तक बढ़ाया गया. इसने मरीजों के दरवाजे पर मोबाइल चिकित्सा इकाइयां मुहैया कीं, ग्रामीण इलाकों में कोविड को लेकर जागरूकता बढ़ाई और महाराष्ट्र के लोधीवली में आइसोलेशन केंद्र बनवाया.


निर्णायकों के मूल्यांकन के समय फाउंडेशन कोविड-19 के विरुद्ध लड़ाई पर 790 करोड़ रुपए खर्च कर चुका था. इसमें पीएम केयर्स फंड में 500 करोड़ रु. का चंदा शामिल है. फाउंडेशन ने समुदायों और अगली कतार के कार्यकर्ताओं के वास्ते मास्क बनाने के लिए स्व-सहायता समूहों और ग्राम संस्थाओं तथा साथ ही लॉकडाउन के दौरान किसानों का तनाव दूर करने के लिए किसान उत्पादक संगठनों को मार्गदर्शन प्रदान किया.

रिलायंस न्यूट्रिशन गार्डन ने कम लागत का जैविक उद्यान मॉडल विकसित किया और परिवारों के लिए नाममात्र की कीमत पर बेहतर पोषण सुनिश्चित किया. इसके अलावा प्रवासियों के लिए उनके गांवों में ही आजीविकाओं का सृजन करने पर ध्यान दिया गया. 5,000 से ज्यादा परिवारों को जॉब कार्ड और सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत राशन सरीखे सामाजिक हक हासिल करने में मदद मिली.

करीब 7,800 प्रवासी कामगारों को मनरेगा के तहत रोजगार के अवसरों से जोड़ा गया और अन्य 1,500 को बागबानी, सब्जी उगाई और मछली पालन सरीखे कामों के लिए नए सिरे से हुनरमंद बनाया गया.

क्यों जीता: फाउंडेशन की मिशन अन्न सेवा भोजन योजना का फायदा 19 राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश के 25 लाख से ज्यादा लोगों को मिला करीब 60 करोड़ रु. की 21,000 टन कृषि उपज खरीद का फायदा 23,000 किसानों को मिला स्वास्थ्यकर्मियों को 3,30,000 से ज्यादा मास्क बांटे 20 राज्यों में कोविड के कामों में लगे 14,000 आपातकालीन सेवा वाहनों को 5.5 लाख लीटर से ज्यादा मुफ्त ईंधन दिया

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